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Saturday, April 17, 2010

जट्टू राम ने बचाया 37 हजार लीटर पेट्रोल-Fazilka Heritage Festival 2010-Day 1


3rd April 2010-Dainik Bhaskar

ग्रेजूएट्स वैलफेयर एसोसिऐशन की ओर से पंजाब हेरिटेज एंड टूरिज्म प्रोमोशन बोर्ड के सहयोग से फाजिल्का हेरिटेज फेस्टीवल-2010 का आगाज वीरवार रात हमारे आदर्श बुजुर्ग से किया गया है। इसकी शुरुआत मुख्य मेहमान नगर कौंसिल के अध्यक्ष अनिल कुमार सेठी ने दीप प्रज्जवलित करके किया। बीते साठ वर्ष से साइकिल पर अखबार बेच रहे बुजुर्ग जट्टू राम को लाइफ टाइम आचीवमेंट आवार्ड से नवाजा गया। 1933 में पाकिस्तान में पैदा हुए जट्टू राम ने पटवारी की नौकरी ठुकरा कर फाजिल्का के लोगों तक अखबार पहुंचाने को प्राथमिकता दी। इस दौरान इन्होंने वातावरण को शुद्ध बनाने में भी जीवन भर कार्य किया। साइकिल चलाकर इन्होंने 37 हजार लीटर पैट्रोल बचाकर वातावरण को शुद्ध बनाया है। इसके दौरान क्षेत्र के विकास और समाजसेवा में अहम योगदान देने वाले पांच बुजुर्ग इन्द्रजीत सिंह सिद्धू, प्रोफैसर रणजीत सिंह, टेक चंद धूडिय़ा, सुरिन्द्र आहुजा और किशोर चंद भठेजा को सम्मानित किया गया। इसके बाद संगीतकार मनजिंद्र तनेजा ने धार्मिक गीत पेश किया और दोस्त मॉडल मिडल स्कूल की ओर से लब पे आती है दुआ गीत पर कोरियोग्राफी पेश की गई। उसे दर्शकों ने खूब सराहा। फेस्टीवेल में हैंडीक्राफ्ट, कर्म- कौशल के अलावा अनेक कारीगरों द्वारा तैयार अद्भुत कलाकृतियों को सजाया गया। इसके अलावा फूड जोन, आर्ट गैलरी, सांस्कृतिक एवं यूथ जोन बनाया गया। इसमें फाजिल्का की जीवनशैली, उसके सांस्कृतिक पहलुओं तथा यहां की बनी चीजों को दिखाया गया। फैस्टीवेल में जस्सल बद्रर्स की ओर से भंगड़ा, गायक हैप्पी डीलाइट द्वारा धीआं, कवि सरूप सिंह ने कविता के माध्यम से गरीब महिलाओं के कार्य के बारे में बताया गया। इस मौके पर सेठी ने संस्था के कार्य की सराहना की। एसोसिऐशन के सरंक्षक डा भूपिन्द्र सिंह और इंजीनियर नवदीप असीजा पे बताया कि चार दिनों तक चलने वाले इस फेस्टिवल में फाजिल्का के इतिहास, संस्कृति एवं भविष्य पर खास कार्यक्रम दिखाए गए। उन्होंने बताया कि फैस्टीवल का दूसरा दिन महहिलाओं को सम्मानित किया जाएगा, जिन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में फाजिल्का का नाम रोशन किया है। 03 अप्रैल को यूथ फाजिल्का नाइट होगी, जो यूवाओं को समर्पित होगा। इसमें यूथ में किस तरह से बदलाव आ रहा है, उनकी जरूरतें हैं और उनके भविष्य के बारे में चर्चा की जाएगी। इसके अलावा किसानों को कृषि क्षेत्र की आधुनिक जानकारियां दी जाएंगी और ग्रामीण क्षेत्र से सबंधित कार्यक्रम पेश किया जाएगा।

इस दौरान फाजिल्का के ऐतिहासिक घंटाघर को विशेषरूप से सजाया गया। इस फेस्टिवल का उद्देश्य फाजिल्का के कल्चर को एक पहचान देना तथा यहां के उन लोगों को प्रोत्साहित करना है, जो विभिन्न क्षेत्र में आगे बढ़ सकते हैं। इस मौके पर पाषर्द डा. रमेश वर्मा, पार्षद रविन्द्र भठेजा, डा. रजनीश कामरा, आदि मौजूद थे।

http://www.bhaskar.com/2010/04/03/420526-833970.html

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