ਫਾਜ਼ਿਲਕਾ - 152123 (Punjab) Fazilka Rockss blog is a mix of all the positive thing that is happening and going to happen in my hometown Fazilka. It is an initiative of individuals and communities taking initiative on their own initiative with active support from political leaders. "एक शहर हमारे सपनो का , एक शहर हमारे अपनो का"
Pages
▼
Monday, April 12, 2010
यूनिकोड ने हल की कंप्यूटर फोंट्स की समस्या
March 28, 11:22 pm
फाजिल्का-आज का युग कंप्यूटर व इटरनेट का युग है। यह दोनों चीजें हर किसी के जीवन में अपना स्थान बना चुकी है। ऐसे में मीडिया से जुड़े लोगों के लिए तो यह अभिन्न अंग बन चुकी है। लेकिन उन्हे कंप्यूटर साफ्टवेयर व फोंट्स की भिन्नता के कारण काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इन्हीं परेशानियों का समाधान बताने के लिए मूल रूप से फाजिल्का निवासी और पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला के कम्प्यूटर खोज विभाग के प्रो. सीपी कंबोज ने यूनिवर्सिटी द्वारा पंजाब भर में शुरू किए जा रहे विशेष सेमिनारों की शुरूआत अपनी गृह नगर से की।
फाजिल्का में ग्रेजुएट वेलफेयर एसोसिएशन के सहयोग से करवाए सेमिनार में प्रो. कंबोज ने मीडिया से जुड़े लोगों को विभिन्न प्रकार के साफ्टवेयर समझने खासकर फोंट्स से संबंधित समस्याओं के हल बताए गए। प्रो. कंबोज ने बताया कि जब हम एक कंप्यूटर पर कुछ टाइप करते है, जब हम उसे दूसरे कंप्यूटर पर उस फाइल को पढ़ने के लिए खोलते है तो हम लिखे हुए शब्दों को सही ढग से नहीं पढ़ सकते, क्योंकि हमारे कम्प्यूटर में वो फोंटस नहीं होते जिन में हमारा डॉटा होता है।
उन्होंने बताया कि इस मुश्किल को दूर करने के लिए पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला की तरफ से यूनीकोड साफ्टवेयर तैयार किया गया है, जो एक भाषा में लिखे गए शब्दों को अन्य कई भाषाओं में सीधा बदल सकता है। उन्होंने बताया कि इस साफ्टवेयर का प्रयोग करके काफी समय बचाया जा सकता है। यूनिकोड साफ्टवेयर की खास बात ये है कि यह किसी भी भाषा में लिखे मैटर को हमारी भाषा में पढ़ने लायक बना सकता है। सेमिनार में प्रो. कंबोज ने नए साफ्टवेयर प्रयोग संबंधी जानकारी भी दी। इस अवसर पर प्रो. भूपेन्द्र सिंह ने भी अपने विचार रखे। एसोसिएशन के संरक्षक प्रो. भूपेन्द्र सिंह, सचिव नवदीप असीजा व प्रफुल्ल नागपाल ने प्रो. कंबोज को सम्मानित किया
http://in.jagran.yahoo.com/news/local/punjab/4_2_6292768_1.html
No comments:
Post a Comment