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Sunday, December 19, 2010

कलाओं की रक्षा के लिए बनेंगे कलस्टर

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के सपनो के भारत के निर्माण के लिए और पुरातन कलाकृति को जिंदा रखने के लिए देश के प्रत्येक जिले में कलस्टर स्थापित किए जाएंगे। यह बात शुक्रवार को खादी और ग्रामोद्योग आयोग की अध्यक्षा कुमुद जोशी ने कही। वह फाजिल्का के गांव रामपूरा में परंपरागत कारीगरों के कौशल सवंर्धन और विपणन के लिए पंजाबी देसी जूती कलस्टर सामुदायिक सुविधा केन्द्र का शिलान्यास करने आईं थी। इस मौके पर पंजाब खादी ग्रमीण बोर्ड के चेयरमैन विजय सापला, केवीआईसी के स्टेट डायरेक्टर डा. एनएस तोमर, एसडीएम अजय सूद, तहसीलदार वरिन्द्र वालिया, नायब तहसीलदार जगमेल ङ्क्षसह, नगर सुधार ट्रस्ट के चेयरमैन महिन्द्र प्रताप धींगड़ा, नगर कौंसिल के पूर्व सीनीयर उपाध्यक्ष कंचन शर्मा, पार्षद नीना राम, ज्योति बीएड कालेज की प्रिंसिपल अनीता अरोड़ा आदि मौजूद थे। 

इस मौके पर सुश्री जोशी ने बताया कि बीते 4 वर्षों में देश भर में 95 कलस्टर स्थापित किए गए हैं। इसमें से 4 कलस्टर पंजाब में स्थापित किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि पटियाला में फुलकारी, होशियारपुर में वुडन हैंडी और अमृतसर में ऊनी कपड़े का कलस्टर स्थापित किया जा रहा है। सुश्री जोशी ने बताया कि कलेस्टरों में कारीगरों को उचित दामों में सामान खरीदने, कारीगरी में माहिर बनाने और तैयार माल की मार्केटिंग की सिखलाई दी जाएगी।  उन्होंने सब्सिडी की राशि 3 करोड़ से बढ़ाकर 6 करोड़ रुपए करने की घोषणा की। विजय सापला द्वारा जालंधर में स्पोट्र्स कलस्टर खोलने की मांग को सुश्री जोशी ने मान लिया। इस अवसर पर ज्योति बीएड कालेज की छात्राओं ने उनका स्वागत किया। मंच का संचालन परमजीत सिंह ने किया।

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