Wednesday, May 4, 2016

यह इंजीनियर दिलों को जोड़ता है - Navdeep Asija

यह इंजीनियर दिलों को जोड़ता है

Dainik Jagran, Ferozpur Edition, Page 3

अमृत सचदेवा, फाजिल्का 1 May : कोई इंजीनियर मशीनें जोड़ता है तो कोई इमारतें बनाता है। लेकिन, फाजिल्का में एक ऐसा इंजीनियर है जो दिलों को जोड़ने का काम करता है। हम उस इंजीनियर की बात कर रहे हैं जो जन्मे और पले बढ़े तो फाजिल्का में हैं और अब चंडीगढ़ में रह अपनी काबलियत से पूरे पंजाब को लाभ पहुंचा रहे हैं। लेकिन, जब भी फाजिल्का के लोगों को एक साथ जोड़ने, उनमें एकता के बीज अंकुरित करने और सभी को एक मंच पर इकट्ठा करने की बात आती है तो यह इंजीनियर अपने सभी काम धंधे छोड़ फाजिल्का पहुंच जाते हैं। 1यह इंजीनियर हैं ग्रेजुएट्स वेलफेयर एसोसिएशन के महासचिव सिविल इंजीनियर नवदीप असीजा। वह पिछले 10 साल से लगातार फाजिल्का में विरासत मेले का आयोजन करते आ रहे हैं। अब यह विरासत मेला पूरे पंजाब में फाजिल्का की शान बन चुका है। क्योंकि आयोजन में लगातार आ रहे निखार के चलते पंजाब के पर्यटन विभाग ने इसे पंजाब के मुख्य विरासत मेलों की सूची में शामिल कर लिया है। 1इसलिए खास है मेला1इंजीनियर असीजा के अनुसार यह मेला उन्होंने लाहौर की विश्व प्रसिद्ध फूड स्ट्रीट की थीम पर शुरू किया था। लेकिन, इसका उससे अलग और ज्यादा अच्छा स्वरूप सामने आया है। मेले का उद्देश्य शहर को जोड़ना है। उन्हें खुशी तब होती है जब लोग कहते हैं कि अपना मेला कब है। कोई ये नहीं कहता कि आप का मेला कब है। इस मेले में वार्षिक तौर पर यहां की कला, खानपान व संस्कृति के रंगों को उभारा जाता है। विरासत मेले के 10 साल के सफर में असीजा का साथ निभाते आ रहे लोगों में समाजसेवी राकेश नागपाल, मनीष भठेजा, पंकज धमीजा, रवि खुराना, संदीप अबरोल, भूपिंदर सिंह, नितिन सेतिया, एडवोकेट उमेश कुक्कड़, मनोज नारंग आदि शामिल हैं।अमृत सचदेवा, फाजिल्का 1कोई इंजीनियर मशीनें जोड़ता है तो कोई इमारतें बनाता है। लेकिन, फाजिल्का में एक ऐसा इंजीनियर है जो दिलों को जोड़ने का काम करता है। हम उस इंजीनियर की बात कर रहे हैं जो जन्मे और पले बढ़े तो फाजिल्का में हैं और अब चंडीगढ़ में रह अपनी काबलियत से पूरे पंजाब को लाभ पहुंचा रहे हैं। लेकिन, जब भी फाजिल्का के लोगों को एक साथ जोड़ने, उनमें एकता के बीज अंकुरित करने और सभी को एक मंच पर इकट्ठा करने की बात आती है तो यह इंजीनियर अपने सभी काम धंधे छोड़ फाजिल्का पहुंच जाते हैं। 1यह इंजीनियर हैं ग्रेजुएट्स वेलफेयर एसोसिएशन के महासचिव सिविल इंजीनियर नवदीप असीजा। वह पिछले 10 साल से लगातार फाजिल्का में विरासत मेले का आयोजन करते आ रहे हैं। अब यह विरासत मेला पूरे पंजाब में फाजिल्का की शान बन चुका है। क्योंकि आयोजन में लगातार आ रहे निखार के चलते पंजाब के पर्यटन विभाग ने इसे पंजाब के मुख्य विरासत मेलों की सूची में शामिल कर लिया है। 1इसलिए खास है मेला1इंजीनियर असीजा के अनुसार यह मेला उन्होंने लाहौर की विश्व प्रसिद्ध फूड स्ट्रीट की थीम पर शुरू किया था। लेकिन, इसका उससे अलग और ज्यादा अच्छा स्वरूप सामने आया है। मेले का उद्देश्य शहर को जोड़ना है। उन्हें खुशी तब होती है जब लोग कहते हैं कि अपना मेला कब है। कोई ये नहीं कहता कि आप का मेला कब है। इस मेले में वार्षिक तौर पर यहां की कला, खानपान व संस्कृति के रंगों को उभारा जाता है। विरासत मेले के 10 साल के सफर में असीजा का साथ निभाते आ रहे लोगों में समाजसेवी राकेश नागपाल, मनीष भठेजा, पंकज धमीजा, रवि खुराना, संदीप अबरोल, भूपिंदर सिंह, नितिन सेतिया, एडवोकेट उमेश कुक्कड़, मनोज नारंग आदि शामिल हैं।

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