सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्तान हमारा घुर्बत मे हो अगर हम रहता है दिल वतन मे परबत वो सब से ऊंचा हमसाय आसमाँ का गोदी मे खेलती है इसकी हजारो नदिया गुलशन है जिनके दम से रश्क-ए-जना हमारा ।३॥ ए अब रौद गंगा वो दिन है याद तुझको मझहब नही सिखाता आपस मे बैर रखना हिंदी है हम वतन है हिन्दोस्तान हमारा ॥५॥ युनान-ओ-मिस्र-ओ-रोमा सब मिल गये जहाँ से कुछ बात है की हस्ती मिटती नही हमारी इक़्बाल कोइ मेहरम अपना नही जहाँ मे ==== Better than the entire world, is our Hindustan; Though in foreign lands we may reside, with our homeland our hearts abide, That mountain most high, neighbor to the skies; In the lap of whose, play thousands of rivers; gardens they sustain; the envy-of-the-heavens of ours O waters of the Ganga mighty, do you recall the day when on your banks, did land the caravan of ours Religion does not teach us to harbour grudges between us Indians we all are; India, our motherland While Greece, Egypt , Rome have all been wiped out Something there is that keeps us,our entity from being eroded Iqbal! Is there no soul that could
गणतंत्र दिवस की शुभ-कामनाए Happy Republic Day |
Monday, January 25, 2010
सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्तान हमारा
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