Wednesday, February 9, 2011

बार्डर सुरक्षित, खेती असुरक्षित

केन्द्र सरकार की ओर से पाकिस्तान के साथ सटी पंजाब की सरहद पर तारबंदी करने से सरहद तो सुरक्षित है, लेकिन किसानों की फसलें असुरक्षित हैं। तारबंदी के पार खेती में काम करने की अवधि कम होने से किसान सही ढ़ंग से फसल की रखवाली नहीं कर पाते और पाकिस्तानी जंगली जानवर फसल उजाड़ देते हैं। इससे जिला फिरोजपुर, अमृतसर और गुरदासपुर के सरहदी किसान परेशान हैं।

कैसे करें रखवाली

जब सरहद पर तारबंदी नहीं की गई थी, तब किसान अपनी फसल की रखवाली खुद कर लेते थे। 90 के दशक में पाक के साथ पंजाब के सरहदी जिलों में 533 किलोमीटर लंबी तारबंदी की गई। नियमानुसार तारबंदी सरहद से 150 गज पीछे की जानी थी, लेकिन कई इलाकों में तारबंदी पांच से सात सौ गज तक लगा दी गई। इस कारण सरहदी जिलों की 54721 एकड़ फसल तारबंदी के पार आ गई। इससे किसानों की दिक्कतें बढ़ गई। तारबंदी पार करने के लिए सीमा सुरक्षा बल की ओर से गेट लगाए गए हैं, जहां तलाशी के बाद उन्हें खेत पहुंचने की आज्ञा मिलती है। अपने ही खेतों में काम करने के लिए उन्हें मात्र आठ घंटे की आज्ञा है। जानकारी के अनुसार पाकिस्तानी पंजाब के सरहदी इलाके में जंगल है और सादकी नहर के साथ कुछ इलाका खाली है। यह पट्टी जंगली जानवरों के लिए आश्रय स्थल है। गुलाबा भैणी के किसान हरनाम सिंह पुत्र कश्मीर सिंह ने बताया कि हर साल सूअर, सेह, गिदड़ और अन्य जानवरों का झुंड इस ओर आ जाते हैं और फसल खुरों तले रौंद देते हैं। इससे उपज कम हो गई है। सरहदी गांव घुर्का, गिदड़ भैणी, लक्खा असली, लाधुका चक्क खीवा और गट्टी यारू के रकबे की फसल भी जानवर रौंद देते हैं।

उच्च न्यायालय पहुंचा मामला

सरहदी किसानों के हकों की सुरक्षा के लिए संघर्ष कर रही बार्डर संघर्ष कमेटी के सचिव कामरेड दर्शन राम ने बताया कि पंजाब के अन्य किसानों की बजाए तारबंदी के पार खेती करने वाले किसानों की हालत दयनीय है। कभी उन्हें दोनों देशों का तनाव उजाड़ देता है तो कभी जंगली जानवर। इस बारे में उन्होंने गृह मंत्री से मिलकर इन समस्याओं से निजात दिलाने की मांग की थी। जिस पर किसानों को खेत के आसपास बिजली करंट छोडऩे या विस्फोटक पदार्थ से जानवरों को डराने की आज्ञा दी गई, लेकिन 3 वर्ष से इस पर भी पाबंदी लगा दी गई है। कामरेड दर्शन राम ने बताया कि कमेटी की ओर से सरहदी किसानों को समस्याओं से निजात दिलाने के लिए माननीय उच्च न्यायालय में केस दायर किया जा चुका है। जहां से उन्हें न्याय की उम्मीद है।

जंगली जानवर ने किया किसान घायल

फाजिल्का & सरहद पर स्थित तारबंदी के पार खेत की रखवाली कर रहे एक किसान पर पाकिस्तान के जंगली जानवरों ने हमला बोल दिया। जिससे किसान गंभीर रूप से घायल हो गया। घायल को सिविल अस्पताल में दाखिल करवाया गया है। जहां हालत गंभीर होने के कारण उसे फरीदकोट रेफर कर दिया गया है। गांव आलमशाह की ढ़ाणी अमरपुरा का किसान जगीर सिंह का खेत तारबंदी के पार है। जहां वह अपने खेत में कार्य निपटा रहा था। अचानक ही पाक की ओर से जंगली जानवरों का एक झुंड आया और उन्होंने किसान पर हमला बोल दिया। इससे किसान गंभीर रूप से घायल हो गया।

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