Sunday, October 9, 2011

फाजिल्का में होगा पर्यटन का विकास

अमृत सचदेवा, फाजिल्का

पंजाब टूरिज्म विभाग ने यहां पर्यटन की संभावनाओं को देखते हुए प्रशासन से एक बार फिर से फाजिल्का के पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होने वाले स्थानों की सूची मांगी है।

उल्लेखनीय है कि जनवरी 2011 में जब फाजिल्का फिरोजपुर जिले का हिस्सा था तब फिरोजपुर के तत्कालीन डीसी केके यादव ने फाजिल्का को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए प्रपोजल भेजी थी। उस प्रपोजल में यहां के विभिन्न ऐतिहासिक स्थलों को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की रूपरेखा बनाई गई थी। उन ऐतिहासिक स्थलों में भारत-पाक सीमा की फाजिल्का सेक्टर की सादकी चौकी, आसफवाला समाधि, रघुवर भवन, गोल कोठी, घंटाघर, बाधा झील, विरासत भवन शामिल थे। इन स्थलों को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए 75 लाख रुपयों की मांग पर्यटन विभाग से की गई थी।

ये है एतिहासिक स्थलों का महत्व

सादकी चौकी: भारत-पाक सीमा के फाजिल्का सेक्टर की सादकी चौकी देश की उन तीन चौकियों में शुमार है जहां रिट्रीट सेरेमनी (दोनों देशों का झंडा चढ़ाने व उतारने की रस्म) अदा की जाती है। वाघा व हुसैनीवाला के बाद फाजिल्का की सादकी चौकी पर यह रस्म देखने पंजाब, हरियाणा, राजस्थान व हिमाचल तक के लोग आते हैं। इसके लिए शहर से करीब 12 किलोमीटर दूर स्थित चौकी के लिए रिट्रीट सेरेमनी के मौके पर विशेष वाहन शुरू करने, पर्यटकों के लिए सुविधाएं मुहैया करवाया जाना जरूरी है।

आसफवाला समाधि : भारत-पाक युद्ध 1965 व 1971 की दास्तान बयां करती आसफवाला स्थित शहीदों की समाधि में 82 शहीदों की 90 फुट लंबी व 18 फुट चौड़ी चिता जलाई गई थी। यहां देश प्यार व धार्मिक आस्था का अनोखा संगम शहीद स्मारक भी बनाया गया है। यहां हर साल 16 दिसंबर विजय दिवस मौके मेला आयोजित किया जाता है।

रामनारायण घंटाघर : ब्रिटिश साम्राज्य में छह जून 1936 को बनकर तैयार हुए रामनारायण पेड़ीवाल घंटाघर शहर के बीचोंबीच बना हुआ है। घंटाघर इतनी खूबसूरती से बनाया गया है कि आज के आर्किटेक्ट भी दांतों तले उंगली दबा लें।

रघुवर भवन : फाजिल्का के बाहरी क्षेत्र नई आबादी स्थित रघुवर भवन एक सदी से ज्यादा पुराना है। यह भवन ब्रिटिश साम्राज्य, मुगलकालीन व हिंदू भवन निर्माण एवं वास्तुकला का उत्तम नमूना है।

विरासत भवन एवं गोल कोठी : सरकारी माडल सेकेंडरी स्कूल में लेक्चरर पम्मी सिंह द्वारा कबाड़ बन चुकी वस्तुओं में से ऐतिहासिक महत्व वाली वस्तुएं एकत्रित कर स्कूल में विरासत भवन बनाया है। इसमें 1928 से बाद की स्कूल से संबंधित इतिहास के स्मृति चिन्ह व फोटो सजाए गए हैं। इसी स्कूल में ब्रिटिश साम्राज्य में बनाई गोल कोठी भी है, जिसका निर्माण 1913 में किया गया था।

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पर्यटन को बढ़ावा देगा जिला प्रशासन

फाजिल्का : इस बारे में एडीसी चरणदेव सिंह मान ने कहा कि वह प्रपोजल फिरोजपुर जिले के अंतर्गत भेजी गई थी। अब चूंकि फाजिल्का खुद जिला बन चुका है, इसलिए यह प्रपोजल नए सिरे से भेजी जाएगी और फाजिल्का जिले के अधीन आते अबोहर व जलालाबाद के ऐतिहासिक स्थलों का विकास भी किया जाएगा।

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