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ग्लोबल वार्मिंग के खतरे से तो आप सभी वाकिफ ही है. इस बार भी गमियां आ गयी है, परा 37 डिग्री के पर पहुँच गया है ऊपर से लगने वाले यह बिजली के कट. जहाँ एक आम आदमी का जीना मुश्किल हो चूका है, जरा सोचिये इस मासूम पंछियों के बारे में. एक अनुमान के मुताबिक हर साल लाखो पंची गर्मी के इस धुप में छाया और पानी के आभाव में मर जाते है. और अगर आप भी अपने अस पास देखे तो पता चलेगा के एक अरसा हे हो गया सुबह चिड़ियों के चेह्चाहने के आवाज़ सुने. न तो फाजिल्का में छायादार पेड़ बचे है और न हे कोई पानी पीने के जगह. फाजिल्का के मोर तो हमने पहले हे खो दियें है, अभी देर नहीं हुई है, आईये इन गर्मियों में इन पंछियों को थोड़ी राहत दे. यह भी हमारे फाजिल्का परिवार का हिस्सा है. अपने घर के बहार, आंगन में, छत पर या बालकोनी में एक खुला बर्तन इन पंछियों के पानी पीने के लिए रखे. आब जब बाज़ार में इन्वेर्टर या जनरेटर के लिए डीजल लेने जाये तो एक बर्तन अपने मेहमानों के लिए भी साथ ले कर आये. आईई सब मिल के इस गर्मियों में अपने घर में आने वाले इन मासूम मेहमानों का स्वागत करे....
Long Live the Spirit of being Fazilite.....
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