अमृत सचदेवा, फाजिल्का1जिस तरह आगरे को पेठे, बीकानेर को भुजिया, नागपुर को संतरे तथा अलीगढ़ को ताले ने पहचान दिलाई है, वैसे ही पहचान ब्रांड फाजिल्का को दिलाने में जुटी हैं फाजिल्का की विभिन्न शख्सियतें। जहां भी नाड़ दहन रुकवाकर पर्यावरण संरक्षण करने, किफायती खेती, बागवानी करने व किसानों को सहायक धंधों से जोड़ने का नाम आता है तो फाजिल्का वालों का नाम पहली कतार में आता है। 127 जुलाई को फाजिल्का के जिला बनने की चौथी वर्षगांठ की पूर्व संध्या पर दैनिक जागरण ने क्षेत्र की ऐसी ही कुछ शख्सियतों के कामकाज पर नजर दौड़ाई है, जो ब्रांड फाजिल्का स्थापित करने में जिला बनने से पहले से ही अपने मिशन में पूरी धुन के साथ जुटी हैं। कृषि प्रधान क्षेत्र में अपने अपने कार्य में जुटी ये शख्सियतें सुरेंद्र आहूजा, विक्रम आहूजा, प्रेम बब्बर, नवदीप असीजा, डॉ. भूपिंदर सिंह तथा विकास राय निहाखेड़ा हैं जिन्होंने ब्रांड फाजिल्का स्थापित किया है।1कर्ज मुक्त किसान अभियान से बनाई पहचान1फाजिल्का वालों ने यूनाइटेड नेशंस आर्गेनाइजेशन (यूएनओ), अफ्रीकी देशों, अमरीका की बिल मिंलीडा गेट्स फाउंडेशन, यूएनओ की इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ एग्रीकल्चर डेवलपमेंट (आइफेड) में अपनी योग्यता का लोहा मनवाया है। जमींदारा फार्मसाल्यूशंस के एमडी विक्रम आदित्य आहूजा व उनके साथ जुड़ी उक्त शख्सियतों ने अब तक कर्ज मुक्त किसान अभियान चलाकर जहां छोटे किसानों को कर्ज उठाकर ट्रैक्टर व महंगे कृषि औजार खरीदने के बजाय किराये पर लेकर काम चलाने, आधुनिक तकनीक से जमीन तैयार कर फसलों में 40 फीसद तक पानी बचाने, पांच हजार से अधिक किसानों को नाड़ दहन से हटाकर पर्यावरण संरक्षित करने की दिशा में बेहतर कार्य किए हैं। 1आइआइएम ने अपनाया फाजिल्का कृषि उपकरण मॉडल1नाबार्ड ने विक्रम आहूजा को अपनी पंजाब कमेटी का सदस्य बनाया है। एशिया के सर्वश्रेष्ठ मैनेजमेंट स्कूल आइआइएम अहमदाबाद ने जमींदारा फार्मसाल्यूशंस के कृषि उपकरण मॉडल को बतौर विषय अपने पाठ्यक्रम में शामिल कर आहूजा के लेक्चर शुरू करवाए हैं। इससे पहले उक्त शख्सियतों के सहयोग से संगठन को पंजाब स्टेट अवार्ड 2009, पंजाब सर्वश्रेष्ठ कृषक अवार्ड 2011, पंजाब स्टेट अवार्ड 2014, राष्ट्रीय नाबार्ड अवार्ड 2014 तथा यूनाइटेड नेशन द्वारा सीसैम की सदस्यता मिल चुकी है। आहूजा अफ्रीकी देशों रवांडा, लाइबेरिया, तनजानिया, यूगांडा व गिन्नी आदि के किसानों और कृषि विशेषज्ञों को फाजिल्का में ट्रेनिंग दे चुके हैं। इतना ही नहीं विक्रम आहूजा की बेटी चंद्रिका का चयन भी कर्ज मुक्त किसान अभियान में विशेष सहयोग के चलते यूनाइटेड नेशंस के रोम स्थित इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ एग्रीकल्चर डेवलपमेंट के मुख्यालय में काम के लिए हुआ है। 1नौ सौ परिवार बनाए स्वावलंबी1छोटे किसान, मजदूर जिनमें कृषि तकनीक का हुनर था, उन्हें संगठन ने चालक बनें मालिक योजना चलाकर आसान किश्तों पर ट्रैक्टर व अन्य कृषि औजार न केवल उपलब्ध करवाए बल्कि उन्हें बड़े किसानों का काम दिलवाकर उनका कर्ज भी उतरवाया है। उसकी बदौलत आज फाजिल्का, फिरोजपुर व श्री मुक्तसर साहिब जिले के नौ सौ छोटे किसान व कामगार ट्रैक्टर व अन्य कृषि औजारों से कृषि सेवा क्षेत्र में बतौर मालिक सेवाएं दे रहे हैं। अब आगामी माह अगस्त में नेपाली कृषि अधिकारी किफायती खेती की ट्रेनिंग लेने फाजिल्का आ रहे हैं।रोम स्थित यूएन के इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ एग्रीकल्चर डेवलपमेंट मुख्यालय के बाहर मौजूद फाजिल्का की चंद्रिका आहूजा। (दाएं) आईआईएमए अहमदाबाद में एचओडी प्रो. सुखपाल सिंह के साथ मौजूद विक्रम आहूजा
Dainik Jagran, Ludhiana Edition, Ferozpur Page 1, 26th July 2015