Tuesday, July 28, 2015

यूएनओ तक ब्रांड फाजिल्का की धमक


अमृत सचदेवा, फाजिल्का1जिस तरह आगरे को पेठे, बीकानेर को भुजिया, नागपुर को संतरे तथा अलीगढ़ को ताले ने पहचान दिलाई है, वैसे ही पहचान ब्रांड फाजिल्का को दिलाने में जुटी हैं फाजिल्का की विभिन्न शख्सियतें। जहां भी नाड़ दहन रुकवाकर पर्यावरण संरक्षण करने, किफायती खेती, बागवानी करने व किसानों को सहायक धंधों से जोड़ने का नाम आता है तो फाजिल्का वालों का नाम पहली कतार में आता है। 127 जुलाई को फाजिल्का के जिला बनने की चौथी वर्षगांठ की पूर्व संध्या पर दैनिक जागरण ने क्षेत्र की ऐसी ही कुछ शख्सियतों के कामकाज पर नजर दौड़ाई है, जो ब्रांड फाजिल्का स्थापित करने में जिला बनने से पहले से ही अपने मिशन में पूरी धुन के साथ जुटी हैं। कृषि प्रधान क्षेत्र में अपने अपने कार्य में जुटी ये शख्सियतें सुरेंद्र आहूजा, विक्रम आहूजा, प्रेम बब्बर, नवदीप असीजा, डॉ. भूपिंदर सिंह तथा विकास राय निहाखेड़ा हैं जिन्होंने ब्रांड फाजिल्का स्थापित किया है।1कर्ज मुक्त किसान अभियान से बनाई पहचान1फाजिल्का वालों ने यूनाइटेड नेशंस आर्गेनाइजेशन (यूएनओ), अफ्रीकी देशों, अमरीका की बिल मिंलीडा गेट्स फाउंडेशन, यूएनओ की इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ एग्रीकल्चर डेवलपमेंट (आइफेड) में अपनी योग्यता का लोहा मनवाया है। जमींदारा फार्मसाल्यूशंस के एमडी विक्रम आदित्य आहूजा व उनके साथ जुड़ी उक्त शख्सियतों ने अब तक कर्ज मुक्त किसान अभियान चलाकर जहां छोटे किसानों को कर्ज उठाकर ट्रैक्टर व महंगे कृषि औजार खरीदने के बजाय किराये पर लेकर काम चलाने, आधुनिक तकनीक से जमीन तैयार कर फसलों में 40 फीसद तक पानी बचाने, पांच हजार से अधिक किसानों को नाड़ दहन से हटाकर पर्यावरण संरक्षित करने की दिशा में बेहतर कार्य किए हैं। 1आइआइएम ने अपनाया फाजिल्का कृषि उपकरण मॉडल1नाबार्ड ने विक्रम आहूजा को अपनी पंजाब कमेटी का सदस्य बनाया है। एशिया के सर्वश्रेष्ठ मैनेजमेंट स्कूल आइआइएम अहमदाबाद ने जमींदारा फार्मसाल्यूशंस के कृषि उपकरण मॉडल को बतौर विषय अपने पाठ्यक्रम में शामिल कर आहूजा के लेक्चर शुरू करवाए हैं। इससे पहले उक्त शख्सियतों के सहयोग से संगठन को पंजाब स्टेट अवार्ड 2009, पंजाब सर्वश्रेष्ठ कृषक अवार्ड 2011, पंजाब स्टेट अवार्ड 2014, राष्ट्रीय नाबार्ड अवार्ड 2014 तथा यूनाइटेड नेशन द्वारा सीसैम की सदस्यता मिल चुकी है। आहूजा अफ्रीकी देशों रवांडा, लाइबेरिया, तनजानिया, यूगांडा व गिन्नी आदि के किसानों और कृषि विशेषज्ञों को फाजिल्का में ट्रेनिंग दे चुके हैं। इतना ही नहीं विक्रम आहूजा की बेटी चंद्रिका का चयन भी कर्ज मुक्त किसान अभियान में विशेष सहयोग के चलते यूनाइटेड नेशंस के रोम स्थित इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ एग्रीकल्चर डेवलपमेंट के मुख्यालय में काम के लिए हुआ है। 1नौ सौ परिवार बनाए स्वावलंबी1छोटे किसान, मजदूर जिनमें कृषि तकनीक का हुनर था, उन्हें संगठन ने चालक बनें मालिक योजना चलाकर आसान किश्तों पर ट्रैक्टर व अन्य कृषि औजार न केवल उपलब्ध करवाए बल्कि उन्हें बड़े किसानों का काम दिलवाकर उनका कर्ज भी उतरवाया है। उसकी बदौलत आज फाजिल्का, फिरोजपुर व श्री मुक्तसर साहिब जिले के नौ सौ छोटे किसान व कामगार ट्रैक्टर व अन्य कृषि औजारों से कृषि सेवा क्षेत्र में बतौर मालिक सेवाएं दे रहे हैं। अब आगामी माह अगस्त में नेपाली कृषि अधिकारी किफायती खेती की ट्रेनिंग लेने फाजिल्का आ रहे हैं।रोम स्थित यूएन के इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ एग्रीकल्चर डेवलपमेंट मुख्यालय के बाहर मौजूद फाजिल्का की चंद्रिका आहूजा। (दाएं) आईआईएमए अहमदाबाद में एचओडी प्रो. सुखपाल सिंह के साथ मौजूद विक्रम आहूजा

Dainik Jagran, Ludhiana Edition, Ferozpur Page 1, 26th July 2015

Thursday, July 23, 2015

Third gender could protect women on Punjab buses

Vibhor Mohan,TNN | Jul 23, 2015, 02.20 AM IST

CHANDIGARH: After Delhi's east district roped in transgender people to advise women on safety in public transport last year, the Punjab government could become the first state to hire the third gender as conductors or safety officers in buses.

Navdeep Asija, Punjab government's traffic adviser appointed by the Punjab and Haryana high court on July 9, said he had put across the idea during the hearing of a case on public transport before the high court last week as part of verbal discussions on making buses safer. "I'll move a proposal with the transport department soon," he said.

The case is primarily about safety of kids in school buses but over time it has become more broad-based looking at safety in buses.

The 2011 census figures show that transgenders constitute 2% of the total population of Punjab. In 2010, the Punjab government created a separate category in application forms under which third gender people can apply for government vacancies.

 The proposal, said Asija, is in line with the recent Supreme Court ruling which said, "The spirit of the Constitution is to provide equal opportunity to every citizen to grow and attain their potential, irrespective of caste, religion or gender. It gave directions to provide transgender people with quotas in jobs and education in line with other minorities, as well as key amenities."

He added that since ancient times, women have felt secure in the company of transgender people. Besides, they are physically strong to protect them in case of any eventuality in public transport. An IIT-Delhi alumnus, Asija is a road safety expert.

Punjab has had some infamous cases related to women in buses including the death of a teenaged girl in May in Moga after she was allegedly thrown out of a moving bus by the conductor along with her mother.
Punjab government officials told TOI the suggestion was yet to come up as a formal proposal.

Thursday, July 16, 2015

सरकारी कॉलेज में मिलेगा 1000 विद्यार्थियों को दाखिला

रवि आहलूवालिया संग उच्च शिक्षा डायरेक्टर से मिले नवदीप असीजा
  • कॉलेज को आज हो जाएगा अधिकारित पत्र जारी
  • अन्य समस्याओं का समाधान भी जल्दी होने की उम्मीद जागी
फाजिल्का 14 जुलाई: सरकारी मुंशी राम कॉलेज में दाखिला लेने से वंचित हुए विद्यार्थियों के लिए खुशी का समाचार है। क्योंकि उच्च शिक्षा विभाग की ओर से कॉलेज में बीए-1 की अब 1000 सीटें कर दी गई हैं। कॉलेज में सीटें बढ़ाने के लिए ग्रेजूएटस वेलफेयर एसोसिएशन फाजिल्का के सचिव नवदीप असीजा कुछ समय से यह प्रयास कर रहे थे। अब उनकी भी मेहनत रंग लाई और विभाग ने कॉलेज में 1000 सीटें करने की घोषणा कर दी है। गवफ सचिव नवदीप असीजा ने उच्च शिक्षा मंत्री सुरजीत सिंह रखड़ा से पहले कॉलेज में सीटें बढ़ाने की मांग को लेकर बात की थी। मगर विदेश में जाने के कारण उन्होंने अपने ओएसडी रवि आहलूवालिया से इस समस्या का समाधान करवाने की बात कही। श्री असीजा उन्हें साथ लेकर उच्च शिक्षा विभाग के डायरेक्टर पी.के. गोयल से मिले और उन्होंने फाजिल्का के सरकारी एम.आर. कॉलेज में 1000 सीटें करने का आदेश जारी कर दिया। नवदीप असीजा ने बताया कि आज कार्यालय में देरी की वजह से बढ़ी सीटों के बारे में कॉलेज को पत्र जारी नहीं किया जा सका। इस बारे में बुधवार को पत्र भी जारी कर दिया जाएगा। नवदीप असीजा ने बताया कि कॉलेज में विद्यार्थियों को पेश आ रही समस्याओं के बारे में कैबिनेट मंत्र व विभाग के आलाधिकारियों से बातचीत हो चुकी है और जल्दी ही अन्य समस्याओं का समाधान भी करवा लिया जाएगा। इधर फाजिल्का में समाचार पहुंचते ही उन विद्यार्थियों में खुशी पाई गई, जिन्होंने दाखिला लेने के लिए फार्म तो अप्लाई किया, लेकिन मात्र 480 सीटें होने के कारण उन्हें दाखिले से वंचित होना पड़ा। मगर अब उनमें दाखिला मिलने की उम्मीद जाग गई है। श्री असीजा ने बताया कि कॉलेज में हर साल सीटें बढ़ाने की समस्या को अब खत्म कर दिया जाएगा। इस बारे में उनकी उच्च शिक्षा मंत्री से बात भी हो चुकी है। बता दें कि जिला भर में यह एक ही सरकारी कॉलेज और सबसे पुराना कॉलेज है। मगर इसमें हर साल सिर्फ 480 विद्यार्थियों को ही दाखिला देने का प्रॉस्पेक्ट जारी किया जाता है। विद्यार्थी और अन्य संगठनों के आंदोलन के बाद सीटें बढ़ाई जाती हैं। जिस कारण कई विद्यार्थियों को बढ़ी सीटों का पता नहीं चल पाता और वह दाखिले से वंचित हो जाते हैं, लेकिन अब इस समस्या का स्थाई समाधान होने की संभावना बन गई है।

Sarhad Kesri, 16th July 2015, Fazilka

Saturday, July 11, 2015

S. Pertab, ICS – Founder of Pertab Bagh Fazilka (1896-1939)

Compilation by Navdeep Asija

A very efficient administration system had been worked out by the British Raj in the form of officers drawn from 'Natives'. During the period 1900-1940, very competent officers drawn from sons of the soil served the soul. Out of many Sardar S. Pertab was best amongst many other officers of this efficient tribe who served the populace without any grudge dispensing government services to all sections without any personal considerations.

A native of Narangwal village of Ludhiana district, he was born on June 1, 1896 at Rewa in the present-day Madhya Pradesh, where his father Col Heera Singh was commander-in-chief of the Rewa state forces. In 98 years of British rule over Punjab, only 11 Sikh officers were selected for the ICS. During this period, British government posted only one Indian deputy commissioner in Lahore. He was S Pertab, ICS, (alias Ram Parsad Singh Grewal). He was deputy commissioner for two stints. He is always remembered for his dexterity and sagacity in resolving the Gurdwara Shahidganj issue in Lahore and restoring it to the Shiromani Gurdwara Parbandhak Committee. S. Pertab had many firsts to his credit. He was also the first Indian deputy commissioner of Delhi and Shimla.

While doing his graduation from Khalsa College, Amritsar, he opted to serve in the British army as a jawan from 1914 to 1916. After his graduation, he went to Oxford for higher studies. He started his career with North West Railways before he got qualified for Indian Civil Services Cadre 1921 along with his other famous batch mates Neta Ji Subhash Chandra Bose and Malik Hardit Singh. Due to his family background as Army Officers, before joining the Job, he volunteered for army service in First World War (1914-1918) posted in Baghdad.

Mr. Pertab was a popular administrator at all his postings. When he was Deputy Commissioner of Montgomery (renamed Sahiwal in Pakistan), his kindness won the hearts of the people and they named the Gymkhana Club after him. The name Pertab sticks to this day. A garden and a road were named after him. Both carry his name to this day. While in Ferozepur as DC on December 19, 1931, Pertab, along with a British SP, had chased and killed a dacoit and got a kidnapped girl restored to her family. Wherever he was posted, Pertab opened parks, worked for the welfare of the downtrodden and got ladies clubs and hospitals opened. He also undertook massive beautification and restoration work on famous "Ridge" at Shimla.

At Fazilka during his tenure as Deputy Commissioner Ferozpur, an educational complex for girls and a specially laid out garden was installed in the erstwhile spacious Khattianwala Bagh of Fazilka in the area of about 10 acre in the Middle of the city Fazilka. The Municipal Committee Fazilka renamed the Khattianwala Bagh opposite the Civil Hospital for Women (Government High School for Boys Fazilka was located in the southern corner of this very garden before it was shifted to the present campus in 1926) after him as Pertab Bagh in 1930s. Electric powered water pumping was also installed in the existing brick well of the garden. The water from electric powered pump of this campus was supplied to the four sprayers at the periphery of famous Clock Tower Fazilka (inaugurated in June 1939) by an underground pipeline. He died on June 16, 1939 after battling leukemia for two years when he was serving as DC in Shimla. Ironically 10 days later, when famous Clock Tower of Fazilka was inaugurated. The illustrious ICS officer was cremated in his native village on June 17, 1939.


References:
  • Singh, Bhupinder (2009), Retired Professor at Mechanical Engineering Department, IIT Roorkee. Officers of High Quality Who Looked After Fazilka Sub Division in 1920's E-mail 8 May
  • Kaushik, Ravinder, Retd. IAS. (2012). Lahore's only Indian DC stands out. Hindustan Times, Chandigarh. 22 April.

Monday, July 6, 2015

Sterilization of Dogs Vs Sterilization of Cars in Chandigarh...

Dogs Vs Cars..

The menace of stray dogs has been on the rise in Chandigarh, with nearly 500 dog bite cases being reported from the city each month, so  in order to control the population, Chandigarh Administration and Municipal Authorities have started sterilization in order to control growth. Welcoming Step as a part by working on Supply Management.....Now on the similar context of road crashes, where Car bites similar same number of people and causing death of more than 10 people every month...more alarming and serious than do bites....as a solution the same Chandigarh Administration facilitating cars with more number of Parking lots, by widening the roads, my making flyovers...here their approach is contradicting their own philosophy of Supply Management..here they are to facilitate growth of Cars by doing Demand Management.....here solution will come by increasing the numbers of Cars of by doing the sterilization of Cars ...Looking forward your opinion ??