Tuesday, December 14, 2010

इमरजेंसी ड्यूटी पड़ रही ओपीडी ड्यूटी पर भारी

जागरण संवाददाता, फाजिल्का

राज्य के ए ग्रेड अस्पतालों में शुमार स्थानीय सरकारी अस्पताल में डाक्टरों की कमी से जहां मरीज परेशान हैं, वहीं डाक्टर भी वर्क लोड से आजीज आ चुके हैं। यहां डाक्टर ओपीडी के साथ-साथ इमरजेंसी ड्यूटी करने को भी मजबूर हैं। इस कारण ओपीडी ड्यूटी प्रभावित हो रही है।

उल्लेखनीय है कि कुछ वर्ष पहले तक राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों में इमरजेंसी में डाक्टर की अलग से नियुक्तियां हुआ करती थीं। उसके तहत फाजिल्का में 3 इमरजेंसी मेडिकल आफिसर के पद मंजूर थे, लेकिन वर्तमान में तीनों पदों के लिए कोई विशेष डाक्टर नियुक्त नहीं है। ऐसे में अस्पताल के ओपीडी के मेडिकल आफिसरों की ड्यूटियां ही बारी-बारी से लगाई जाती हैं। वह भी तब जब 14 में से तीन डाक्टरों की पहले से ही कमी चल रही है। इसका सारा असर ओपीडी पर पड़ता है। रात को इमरजेंसी डयूटी करने वाला डाक्टर दूसरे दिन सुबह अपनी ओपीडी की ड्यूटी के लिए कैसे उपलब्ध हो सकता है।

यह तो डाक्टरों के आपसी सहयोग के चलते जैसे तैसे काम चल रहा है। जबकि यहां ओपीडी में ही महिला रोग विशेषज्ञ, रेडियोलाजिस्ट और ब्लड ट्रांसफर आफिसर के पद रिक्त चले आ रहे हैं। नाइट ड्यूटी के बाद सुबह डाक्टर के न आने के अलावा डाक्टरों के लिए विभाग की बैठकों व कई बार कोर्ट केसों में पेशी पर जाने के चलते भी मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है।

इस बारे में अस्पताल के एसएमओ डा. एसपी गर्ग से बात की गई तो उन्होंने कहा कि प्रतिमाह डाक्टरों की कमी संबंधी सूचना उच्चाधिकारियों को दी जाती है। विभाग द्वारा भी डाक्टर उपलब्ध करवाने के प्रयास किए जाते हैं, लेकिन फाजिल्का जैसे सरहदी क्षेत्र में कोई डाक्टर आने को तैयार नहीं होता। इस कारण यहां पद रिक्त पड़े हैं।

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