जबकि अन्य दोनों विभागों को 21 मार्च तक जवाब देने को कहा है। कोर्ट ने इन विभागों से पूछा था कि पुडा की ओर से बाधा लेक किनारे कॉलोनी बसाने से वहां के वातावरण और प्रकृति पर क्या असर पड़ेगा। फॉरेस्ट विभाग से पूछा गया था कि वहां पेड़ों को काटने से वातावरण पर क्या प्रभाव पड़ेगा।
साइंस एंड टेक्नोलॉजी कौंसिल ने अदालत में बताया कि लेक क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण है और इस लेक को बचाने के लिए उपाय करने चाहिए। याद रहे कि पुडा की ओर से कोर्ट में बताया गया है कि मौके पर कुछ ही पेड़ हैं। चीफ जस्टिस एमएम कुमार और जस्टिस राजीव नारायण रेना की बेंच ने इसकी रिपोर्ट मांगी है। यह याचिका फाजिल्का के जागरूक नागरिक नवदीप असीजा की और से दायर की गई है। (लछमण)
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