Tuesday, June 18, 2024

History of Fazilka Railway Junction

फाजिल्का जंक्शन भारत के पंजाब राज्य के फाजिल्का जिले में स्थित है और फाजिल्का में सेवा प्रदान करता है ।

दक्षिणी पंजाब रेलवे कंपनी ने 1897 में दिल्ली - भटिंडा - फाजिल्का - बहावलपुर - सम्मा सत्ता रेलवे लाइन खोली । यह लाइन रोहतक , जिंद , नरवाना , भटिंडा , कोट कपूरा, मुक्तसर, फाजिल्का , अमरुका और बहावलनगर से होकर गुजरती थी और प्रदान की जाती थी। सम्मा सत्ता (अब पाकिस्तान में) के माध्यम से कराची से सीधा संबंध । मैकलॉडगंज जंक्शन (बाद में इसका नाम बदलकर मंडी सादिकगंज जंक्शन और अब पाकिस्तान में है) रेलवे लाइन से हिंदुमलकोट, अबोहर , भटिंडा , पटियाला होते हुए अंबाला तक विस्तार 1902 में उसी कंपनी द्वारा खोला गया था।

ऐतिहासिक बहावलपुर एक्सप्रेस ट्रेन विभाजन से पहले दिल्ली से भटिंडा , फाजिल्का और सम्मा सत्ता होते हुए बहावलपुर तक चलती थी , जो 14 घंटे 30 मिनट के समय में 726 किलोमीटर (451 मील) की दूरी तय करती थी। 1947 से पहले दिल्ली - सम्मा सत्ता का समय इस प्रकार था। 144 डाउन बहावलपुर एक्सप्रेस दिल्ली से 15.25 बजे प्रस्थान करती थी। फिर 16.44 बजे रोहतक से गुजरते हुए; जिंद 17.42 बजे; भटिंडा 21.05 बजे; फाजिल्का 23.30 बजे; अमरुका 23.59 बजे; मैक्लोडगंज 00.40 बजे; बहावलनगर 01.45 बजे; सम्मा सत्ता 05.40 बजे (उलट); अगले दिन सुबह 05.55 बजे बहावलपुर पहुंचेगी । 143 अप बहावलपुर एक्सप्रेस बहावलपुर से 19.00 बजे प्रस्थान करती थी, फिर 19.35 बजे के आसपास सम्मा सत्ता में वापस आती थी , ट्रेन 01.30 बजे फाजिल्का से होकर जाती थी; भटिंडा सुबह 04.00 बजे और अगले दिन सुबह 09.30 बजे दिल्ली पहुंचती थी । ट्रेन अब 1947 में विभाजन के बाद पाकिस्तान के रास्ते बहावलपुर -लोधरान- मुल्तान -खानेवाल- लाहौर मार्ग से सम्मा सत्ता से नारोवाल जंक्शन तक चलती है।

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Monday, June 10, 2024

🚀 Celebrating the Rise of Education in Fazilka! - Project Kitab 📚

Three dedicated IAS officers – Himanshu Aggarwal,IAS (then Deputy Commissioner), Abhijeet Kapilesh, IAS (Commissioner MC Abohar), and Sagar Setia, IAS (ADC, Fazilka) – initiated a remarkable journey through Project "Kitab," which is now successfully being taken forward by their successors.
Their efforts have led to the establishment of five state-of-the-art libraries in the district, including the #Abohar Library, which is an architectural marvel. These libraries are equipped with excellent infrastructure to support youngsters preparing for competitive exams and further studies.
The success of Project "Kitab" is evident as all libraries are running at double their membership capacity, with more students eagerly seeking memberships. This growing enthusiasm is a testament to Fazilka's progressing commitment to education.
🌟 Imagine a border district where education and libraries define its identity. Thanks to the vision and hard work of these three officers, Fazilka is on its way to becoming a center of knowledge and inspiration.
Join us in celebrating this golden era of education in Fazilka! Watch the video to see the transformation and the impact of Project "Kitab."

🎥 https://www.youtube.com/watch?v=zzZ_UT01HbM

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