Sunday, November 23, 2014

रोड सेफ्टी के लिए पहला प्रयोग, साइिकल और रिक्शा के लिए एनएमटी ट्रैक

नवांशहर/चंडीगढ़. पंजाब में रोड सेफ्टी के मानक गाड़ियों को ध्यान में रखकर तय किए जाते हैं। लेकिन सेफ्टी के लिहाज से पहली बार इसमें पैदल, साइकिल व रिक्शा सवारों का भी ध्यान रखा गया है। चंडीगढ़ की तर्ज पर पहली बार 'नॉन मोटर ट्रांसपोर्ट ट्रैक' का प्रयोग पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर नवांशहर से शुरू होगा। इसके लिए बाकायदा नॉन मोटर ट्रांसपोर्ट (एनएमटी) सोसायटी भी बनाई गई है। इसका चेयरमैन जिले की डीसी अनंदिता मित्रा को बनाया गया है। उन्होंने बताया कि पैदल के लिए फुटपाथ और साइिकल व रिक्शा के लिए अलग से रोड बनाई जाएगी ताकि बड़े वाहनों की चपेट से आने से इन्हें बचाया जा सके। प्रोजेक्ट पर काम शुरू हो चुका है। शुक्रवार को पंजाब सरकार द्वारा जारी रोड सेफ्टी पॉलिसी में भी एनएमटी को शामिल किया है।
 
फुटपाथ और लग्जरी रिक्शा
पहले चरण में पैदल चलने वालों के लिए फुटपाथ बनाया जा रहा है ताकि मुख्य सड़कों पर भीड़ कम हो। बस अड्डे पर निजी वाहनों की भीड़ कम करने के लिए विशेष रिक्शे चलाए गए हैं। यह लो फ्लोर रिक्शा होगा। इसमें शॉकर्स हैं, जो सफर आरामदायक बनाते हैं। इनमें रेडियम लगा है जो रात में चमकता है। इससे हादसा होने के चांस बहुत कम रह जाते हैं।
 
यूं लुभाएंगे 
रिक्शा पैसेंजर फ्रेंडली है। सेफ्टी के लिहाज से सीट बेल्ट है। सामान नीचे रखने की जगह है। पहिए कवर हैं ताकि महिलाओं के दुपट्टे न फंसें। 
 
नवांशहर ही क्यों ? 
नवांशहर स्टेट हाइवे पर स्थित है। शहर सड़क के दोनों ओर बसा है। ट्रैिफक के कारण पैदल और साइकिल चालकों के लिए जगह नहीं बचती। बड़े वाहनों की चपेट में आने का खतरा बना रहता है। 
 
यूं आया आइडिया: डीसी मित्रा ने बताया कि सड़क पर भीड़ का कारण इन्क्रोचमेंट पाया गया। दूसरी वजह निजी वाहनों की भीड़ और तीसरी वजह पैदल व साइकिल सवारों के लिए कोई अलग रास्ता नहीं होना।
 
चंडीगढ़ में एनएमटी: चंडीगढ़ में ज्यादातर सड़कों के साइड में एनएमटी ट्रैक बनाए गए हैं ताकि बड़ी गाड़ियों की चपेट में आने से लोगों को बचाया जा सके। यह प्रयोग यहां काफी सफल भी रहा है। इस तरह के हादसे शहर में न के बराबर ही होते हैं। 
नाटक के जरिए पढ़ाया ट्रैफिक का पाठ
अमृतसर. हादसों के खिलाफ चलाया जा रहा भास्कर महाअभियान शनिवार की शाम कंपनी बाग में सैर करने आने वाले लोगों पर भी छाप छोड़ गया। इस मौके पर साई क्रिएशन की तरफ से पेश नाटक ने जहां लोगों को जागरूक किया। वहीं लोगों ने संकल्प भी लिया कि वह ट्रैफिक नियमों का पालन करेंगे। 

साई क्रिएशन की तरफ से कलाकार गुरिंदर मकना लिखित तथा निर्देशित नाटक 'आजा मेरे शहर दी नुहार वेख लै' की थीम चरमराई ट्रैफिक व्यवस्था पर थी। इसमें कलाकारों ने इसके विभिन्न कारणों पर बड़ी ही बारीकी से रोशनी डाली। विकास के नाम पर खराब की गई सड़कें, अतिक्रमण, सड़कों पर बेशुमार वाहन, ऑटो रिक्शा की भरमार, रेड लाइट जंप करना और ट्रैफिक पुलिस में भ्रष्टाचार जैसे मुद्दे दिल को दू गए।
 
पोस्ट ऑफिस के कर्मचारियों ने प्रेशर हॉर्न न लगाने की कसम खाई
जालंधर/नाभा. दैनिक भास्कर महा अभियान के तहत मेन पोस्ट ऑफिस फोरम के मेंबर्स ने प्रेशर हॉर्न न लगाने का संकल्प लिया। कर्मचािरयों ने कहा, भास्कर ने आम लोगों की प्रॉब्लम समझी और सही दिशा में जागरूकता कैंपेन चलाया है। कहा, हम न तो प्रेशर हाॅर्न लगाएंगे और न ही ट्रैफिक नियम तोड़ेंगे।

नाभा| रेड लाइट को कभी क्रॉस मत करें। हेलमेट पहनकर दोपहिया वाहन चलाएं। घर से निकलते समय गाड़ी के कागज चेक करें। शराब पीकर गाड़ी कभी भी ड्राइव न करें। गांव तूंगा के सरकारी स्कूल में बच्चों ने ट्रैफिक जागरूकता रैली निकाली। हाथ में बैनर लेकर वह पूरे गांव में घूमे। 
 
 
बठिंडा: भोखड़ा स्कूल में ट्रैफिक अवेयरनेस को लेकर स्टूडेंट्स की हुई प्रतियोगिता
बठिंडा. ट्रैफिक नियमों से अपडेट करने के लिए मानवी अधिकार सुरक्षा संगठन के प्रोजेक्ट मिशन रीच सेफ के तहत सरकारी सेकंडरी स्कूल भोखड़ा में प्रतियोगिता आधारित वर्कशाप का आयोजन किया गया। ट्रैफिक नियमों संबंधी स्कूल के 40 छात्रों से लिखित टेस्ट लिया गया। मिशन कोऑर्डीनेटर नवनीत दुग्गल ने छात्रों को नियम फॉलो करने के लिए प्रेरित किया। इधर, आर्य मॉडल सीसे  स्कूल में सुबह की सभा में ट्रैफिक अवेयरनेस वर्कशाप लगाई गई। प्रिंसिपल विपिन गर्ग ने बच्चों को सड़क पर चलने के नियमों से अवगत कराया। साथ ही बच्चों से सुरक्षित गाड़ी चलाने की सलाह दी।
 
लुधियाना पुलिस फेसबुक पर लोगों से मांग रही सुझाव
लुधियाना. सिटी का ट्रैफिक सिस्टम सुधारने के लिए पुलिस सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक के जरिए सीधे पब्लिक के बीच पहुंच गई है। इसके लिए पुलिस ने फेसबुक पेज Traffic Police Ludhiana को सुझावों के लिए ओपन कर दिया है। इसमें पेज से जुड़ा कोई भी व्यक्ति शहर में ट्रैफिक सिस्टम को ठीक करने के बारे में अपने सुझाव दे सकता है। जिस पर पुलिस अफसर चर्चा करेंगे । 


CRRI Report quashed by HC : Civic body pulls down 15 unipoles along expressway

Hindustan Times, Gurgaon Edition 23 November 2014
 
Complying with the high court's orders to remove all advertisements along the expressway within 24 hours, the Municipal Corporation of Gurgaon (MCG) dismantled 15 unipoles.
 

The Punjab and Haryana High Court ordered the removal of advertisements along the e-way in 24 hours.Officials have also disconnected the LED advertisement atop a DLF cybercity building.

There were 13 unipoles displaying advertisements along the highway that had been allotted on tender and two more with special permission near Ambience mall, they have all been removed. The HC has asked the department to submit a compliance report by next Friday.

According to a report submitted in court by a road safety expert, 77 sites in the city have been approved for advertisements.The court on Friday also quashed a report by the Central Road Research Institute (CRRI) and asked the MCG to follow the instructions in the report submitted by the court-appointed road safety expert Navdeep Asija.

"We have been told to remove advertisements along the expressway and we are implementing the same. All advertisements will be removed by Saturday evening," said Vikas Yadav, MCG commissioner, Gurgaon.

According to officials, the department earns revenue of ` 1.5-2 lakh per month from each unipole. The total revenue from advertisements is approximately ` 1.2 crore per month.

"The MCG officials identified 200 locations for Unipoles and hoardings for the inspection. Out of these, 77 locations were found to be safe. These have been finalised for outdoor advertisement plan after audit and inspection in phase -1," said Asija, road safety and sustainable transport consultant.

The report further states that six unipoles are installed within 500m of IFFCO Chowk flyover and need to be removed. Of the 15 unipoles that have been dismantled, five were displaying advertisements near Iffco Chowk.

"The MCG placed a list of 125 locations including more than 30 on the national highway, which falls on existing black spots. It is requested that MCG may review its document," added the report.
The CRRI report that was sought by the MCG to review the observations of the court appointed expert had approved all 125 locations proposed by the MCG for advertisements.

Tuesday, November 18, 2014

Standards dodged for new Gurgaon roads

Times of India, 17th November 2014

GURGAON: The consultant appointed by the Punjab and Haryana high court to study the implementation of the Integrated Mobility Plan for Gurgaon made by Department of Town and Country Planning (DTCP), has raised objections concerning several aspects of the plan, such as width of roads, cycle tracks and footpaths, etc.

According to the mobility plan, HUDA, HSIIDC and MCG together were to build 250 km new roads, while also undertaking repair on about 200 km of existing roads, and also building 200 km of footpaths, with cycle tracks where feasible.

Earlier this year, the Haryana Urban Development Authority (HUDA) chief administrator had written to the Department of Urban Local Bodies, stating that with the exponential growth of the city and its vehicular traffic, the widths of roads sanctioned in the development plan needed to be revised. Following this, instructions were issued to all senior town planners, as well as the district town planner, to upgrade the widths of all sanctioned roads, with the width of major arterial roads raised from 60metres to 75 m, arterial roads kept the same at 60 m, width of sector roads raised from 30 m to 45 m, collector roads from 18 m to 24 m and local roads from nine metres to 12 m.

However, on its own, the high court appointed Navdeep Asija - who shot to fame with Ecocabs, his dial-a-cycle rickshaw concept that won him India's National Award of Excellence in 2011 - as an expert to study the ongoing works, as well as implementation of the Integrated Mobility Plan by various departments. In his report, which he submitted to the court on October 17, he has pointed out various anomalies in the implementation.

According to Asija's report, submitted last month, of the 200 km of footpaths to be built, 93 km was to be in HUDA areas - of which 58 km has already been completed with work in progress on another 27 km - work on the remaining 8 km not having begun yet.

The report claims that neither the length, nor the width of the footpaths being made, is as per prescribed standards.

Similarly, of the 156 km of new roads to be built by HUDA, the report claims that although work on 75 km has been completed, the widths of these new roads do not match the upgraded width specified in the chief administrator's directives.

MCG sources revealed that so far as it is concerned, building plans of neither new roads nor footpaths have been implemented, with MCG so far only having managed to appoint a consultant to build cycle tracks and cycle parking in its areas.

If true, this would be a cause for concern for the administration busy projecting Gurgaon as a global city, and an undermining of citizens' aspirations for a cyclist-friendly city, especially in the wake of Raahgiri Day's phenomenal success.

The court, meanwhile, has directed all three authorities - MCG, HUDA and HSIIDC - to submit a response to Asija's claims in his report.

Without elaborating on their responses, officials in both HUDA and MCG claimed they have submitted affidavits in the high court on the issues raised, but haven't yet received any further directives.

MCG commissioner Vikas Yadav said, "We have submitted our status report and response to Asija's complaints, and are awaiting further directions. If any alteration in implementing the mobility plan is needed, we will definitely consider it.

Wednesday, November 5, 2014

Raghuwar Bhawan, Gol Kothi & Bangla Fazilka (Punjab) get heritage status

Long pending demand of residents of Fazilka to give heritage status to Raghuwar Bhawan, Gol Kothi & Bangla (DC residence)of Fazilka got a nod from the Department of Cultural Affairs, Archaeology and Museums, Punjab Government through its notification with the sincere efforts of Manjit Singh Brar, Deputy Commissioner.

With the heritage status to Raghuwar Bhawan, Gol Kothi & Bangla (DC residence) of Fazilka, these buildings would now be looked after by the Department of Cultural Affairs, Archaeology and Museums and its inheritance look will be retained by its proper caretaking.
 
In Focus
 
It may be mentioned that local residents have launched a drive to save a 113-year-old building, Raghuvar Bhawan, and seek heritage status for it. Led by social activist Lachhman Dost, the residents daily gather before the dilapidated building. They have also tied an iron chain around the building, flashing a message "Save it from total ruin".
The building was constructed in 1901 by late Seth Munshi Ram Aggarwal, a philanthropist, in the memory of one of his relatives. He raised a garden spread over 16.36 acres of prime land on the Freedom Fighter Road around the building for cultural activities. He later constituted Lala Munshi Ram Aggarwal Public Trust and dedicated the property for promotion of educational activities.
The notifications have been issued on 21, 29 and 30 October, 2014 for Raghuwar Bhawan, Gol Kothi & Bangla (DC residence) Fazilka and under the Ancient Monuments and Archaeological Sites and Remains Act 1964 for the preservation of ancient and historical monuments and archaeological sites and remains of national importance.
In view of the interest of the local residents and initiative by the district administration by taking personal interest, the Punjab Government has issued the notification for declaring the heritage status to these buildings.
The action of the government for this historical decision has been welcomed by NGOs, religious institutions, youth clubs, educationists and intellectuals. Deputy Commissioner, Manjit Singh Brar also thanked the Punjab Government for this effort.
Expressing his pleasures on the issue of notification by the Punjab Government, Brar, Deputy Commissioner said, "Efforts would be made to get the heritage status also to other more than 100 years old buildings in the district so that coming generations could be put wiser about their heritage history."