नवांशहर/चंडीगढ़. पंजाब में रोड सेफ्टी के मानक गाड़ियों को ध्यान में रखकर तय किए जाते हैं। लेकिन सेफ्टी के लिहाज से पहली बार इसमें पैदल, साइकिल व रिक्शा सवारों का भी ध्यान रखा गया है। चंडीगढ़ की तर्ज पर पहली बार 'नॉन मोटर ट्रांसपोर्ट ट्रैक' का प्रयोग पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर नवांशहर से शुरू होगा। इसके लिए बाकायदा नॉन मोटर ट्रांसपोर्ट (एनएमटी) सोसायटी भी बनाई गई है। इसका चेयरमैन जिले की डीसी अनंदिता मित्रा को बनाया गया है। उन्होंने बताया कि पैदल के लिए फुटपाथ और साइिकल व रिक्शा के लिए अलग से रोड बनाई जाएगी ताकि बड़े वाहनों की चपेट से आने से इन्हें बचाया जा सके। प्रोजेक्ट पर काम शुरू हो चुका है। शुक्रवार को पंजाब सरकार द्वारा जारी रोड सेफ्टी पॉलिसी में भी एनएमटी को शामिल किया है। फुटपाथ और लग्जरी रिक्शापहले चरण में पैदल चलने वालों के लिए फुटपाथ बनाया जा रहा है ताकि मुख्य सड़कों पर भीड़ कम हो। बस अड्डे पर निजी वाहनों की भीड़ कम करने के लिए विशेष रिक्शे चलाए गए हैं। यह लो फ्लोर रिक्शा होगा। इसमें शॉकर्स हैं, जो सफर आरामदायक बनाते हैं। इनमें रेडियम लगा है जो रात में चमकता है। इससे हादसा होने के चांस बहुत कम रह जाते हैं। यूं लुभाएंगे
रिक्शा पैसेंजर फ्रेंडली है। सेफ्टी के लिहाज से सीट बेल्ट है। सामान नीचे रखने की जगह है। पहिए कवर हैं ताकि महिलाओं के दुपट्टे न फंसें। नवांशहर ही क्यों ?
नवांशहर स्टेट हाइवे पर स्थित है। शहर सड़क के दोनों ओर बसा है। ट्रैिफक के कारण पैदल और साइकिल चालकों के लिए जगह नहीं बचती। बड़े वाहनों की चपेट में आने का खतरा बना रहता है। यूं आया आइडिया: डीसी मित्रा ने बताया कि सड़क पर भीड़ का कारण इन्क्रोचमेंट पाया गया। दूसरी वजह निजी वाहनों की भीड़ और तीसरी वजह पैदल व साइकिल सवारों के लिए कोई अलग रास्ता नहीं होना। चंडीगढ़ में एनएमटी: चंडीगढ़ में ज्यादातर सड़कों के साइड में एनएमटी ट्रैक बनाए गए हैं ताकि बड़ी गाड़ियों की चपेट में आने से लोगों को बचाया जा सके। यह प्रयोग यहां काफी सफल भी रहा है। इस तरह के हादसे शहर में न के बराबर ही होते हैं। नाटक के जरिए पढ़ाया ट्रैफिक का पाठअमृतसर. हादसों के खिलाफ चलाया जा रहा भास्कर महाअभियान शनिवार की शाम कंपनी बाग में सैर करने आने वाले लोगों पर भी छाप छोड़ गया। इस मौके पर साई क्रिएशन की तरफ से पेश नाटक ने जहां लोगों को जागरूक किया। वहीं लोगों ने संकल्प भी लिया कि वह ट्रैफिक नियमों का पालन करेंगे।
साई क्रिएशन की तरफ से कलाकार गुरिंदर मकना लिखित तथा निर्देशित नाटक 'आजा मेरे शहर दी नुहार वेख लै' की थीम चरमराई ट्रैफिक व्यवस्था पर थी। इसमें कलाकारों ने इसके विभिन्न कारणों पर बड़ी ही बारीकी से रोशनी डाली। विकास के नाम पर खराब की गई सड़कें, अतिक्रमण, सड़कों पर बेशुमार वाहन, ऑटो रिक्शा की भरमार, रेड लाइट जंप करना और ट्रैफिक पुलिस में भ्रष्टाचार जैसे मुद्दे दिल को दू गए। पोस्ट ऑफिस के कर्मचारियों ने प्रेशर हॉर्न न लगाने की कसम खाईजालंधर/नाभा. दैनिक भास्कर महा अभियान के तहत मेन पोस्ट ऑफिस फोरम के मेंबर्स ने प्रेशर हॉर्न न लगाने का संकल्प लिया। कर्मचािरयों ने कहा, भास्कर ने आम लोगों की प्रॉब्लम समझी और सही दिशा में जागरूकता कैंपेन चलाया है। कहा, हम न तो प्रेशर हाॅर्न लगाएंगे और न ही ट्रैफिक नियम तोड़ेंगे।
नाभा| रेड लाइट को कभी क्रॉस मत करें। हेलमेट पहनकर दोपहिया वाहन चलाएं। घर से निकलते समय गाड़ी के कागज चेक करें। शराब पीकर गाड़ी कभी भी ड्राइव न करें। गांव तूंगा के सरकारी स्कूल में बच्चों ने ट्रैफिक जागरूकता रैली निकाली। हाथ में बैनर लेकर वह पूरे गांव में घूमे। बठिंडा: भोखड़ा स्कूल में ट्रैफिक अवेयरनेस को लेकर स्टूडेंट्स की हुई प्रतियोगिताबठिंडा. ट्रैफिक नियमों से अपडेट करने के लिए मानवी अधिकार सुरक्षा संगठन के प्रोजेक्ट मिशन रीच सेफ के तहत सरकारी सेकंडरी स्कूल भोखड़ा में प्रतियोगिता आधारित वर्कशाप का आयोजन किया गया। ट्रैफिक नियमों संबंधी स्कूल के 40 छात्रों से लिखित टेस्ट लिया गया। मिशन कोऑर्डीनेटर नवनीत दुग्गल ने छात्रों को नियम फॉलो करने के लिए प्रेरित किया। इधर, आर्य मॉडल सीसे स्कूल में सुबह की सभा में ट्रैफिक अवेयरनेस वर्कशाप लगाई गई। प्रिंसिपल विपिन गर्ग ने बच्चों को सड़क पर चलने के नियमों से अवगत कराया। साथ ही बच्चों से सुरक्षित गाड़ी चलाने की सलाह दी। लुधियाना पुलिस फेसबुक पर लोगों से मांग रही सुझावलुधियाना. सिटी का ट्रैफिक सिस्टम सुधारने के लिए पुलिस सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक के जरिए सीधे पब्लिक के बीच पहुंच गई है। इसके लिए पुलिस ने फेसबुक पेज Traffic Police Ludhiana को सुझावों के लिए ओपन कर दिया है। इसमें पेज से जुड़ा कोई भी व्यक्ति शहर में ट्रैफिक सिस्टम को ठीक करने के बारे में अपने सुझाव दे सकता है। जिस पर पुलिस अफसर चर्चा करेंगे ।
फुटपाथ और लग्जरी रिक्शा
पहले चरण में पैदल चलने वालों के लिए फुटपाथ बनाया जा रहा है ताकि मुख्य सड़कों पर भीड़ कम हो। बस अड्डे पर निजी वाहनों की भीड़ कम करने के लिए विशेष रिक्शे चलाए गए हैं। यह लो फ्लोर रिक्शा होगा। इसमें शॉकर्स हैं, जो सफर आरामदायक बनाते हैं। इनमें रेडियम लगा है जो रात में चमकता है। इससे हादसा होने के चांस बहुत कम रह जाते हैं।
यूं लुभाएंगे
रिक्शा पैसेंजर फ्रेंडली है। सेफ्टी के लिहाज से सीट बेल्ट है। सामान नीचे रखने की जगह है। पहिए कवर हैं ताकि महिलाओं के दुपट्टे न फंसें।
रिक्शा पैसेंजर फ्रेंडली है। सेफ्टी के लिहाज से सीट बेल्ट है। सामान नीचे रखने की जगह है। पहिए कवर हैं ताकि महिलाओं के दुपट्टे न फंसें।
नवांशहर ही क्यों ?
नवांशहर स्टेट हाइवे पर स्थित है। शहर सड़क के दोनों ओर बसा है। ट्रैिफक के कारण पैदल और साइकिल चालकों के लिए जगह नहीं बचती। बड़े वाहनों की चपेट में आने का खतरा बना रहता है।
नवांशहर स्टेट हाइवे पर स्थित है। शहर सड़क के दोनों ओर बसा है। ट्रैिफक के कारण पैदल और साइकिल चालकों के लिए जगह नहीं बचती। बड़े वाहनों की चपेट में आने का खतरा बना रहता है।
यूं आया आइडिया: डीसी मित्रा ने बताया कि सड़क पर भीड़ का कारण इन्क्रोचमेंट पाया गया। दूसरी वजह निजी वाहनों की भीड़ और तीसरी वजह पैदल व साइकिल सवारों के लिए कोई अलग रास्ता नहीं होना।
चंडीगढ़ में एनएमटी: चंडीगढ़ में ज्यादातर सड़कों के साइड में एनएमटी ट्रैक बनाए गए हैं ताकि बड़ी गाड़ियों की चपेट में आने से लोगों को बचाया जा सके। यह प्रयोग यहां काफी सफल भी रहा है। इस तरह के हादसे शहर में न के बराबर ही होते हैं।
साई क्रिएशन की तरफ से कलाकार गुरिंदर मकना लिखित तथा निर्देशित नाटक 'आजा मेरे शहर दी नुहार वेख लै' की थीम चरमराई ट्रैफिक व्यवस्था पर थी। इसमें कलाकारों ने इसके विभिन्न कारणों पर बड़ी ही बारीकी से रोशनी डाली। विकास के नाम पर खराब की गई सड़कें, अतिक्रमण, सड़कों पर बेशुमार वाहन, ऑटो रिक्शा की भरमार, रेड लाइट जंप करना और ट्रैफिक पुलिस में भ्रष्टाचार जैसे मुद्दे दिल को दू गए।
नाभा| रेड लाइट को कभी क्रॉस मत करें। हेलमेट पहनकर दोपहिया वाहन चलाएं। घर से निकलते समय गाड़ी के कागज चेक करें। शराब पीकर गाड़ी कभी भी ड्राइव न करें। गांव तूंगा के सरकारी स्कूल में बच्चों ने ट्रैफिक जागरूकता रैली निकाली। हाथ में बैनर लेकर वह पूरे गांव में घूमे।
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