"हो मेरे दम से यूँ ही मेरे वतन की ज़ीनत
जिस तरह फूल से होती है चमन की ज़ीनत" - इक़बाल
दोस्तों , अपने देश, अपनी मिट्टी ,ख़ुद से या अपने धरम से प्यार करने का मतलब यह बिलकुल ही नहीं की किसी दूसरे के देश या धरम से नफरत की जाये । आजादी न केवल मानाने या महसूस करने की चीज़ है बल्कि यह भी है की हम दूसरो की इसका एहसास कैसे करवाते हैं । अपने जीने के लिए किसी दूसरे के जीने का हक़ छीनना भी आज़ादी की तौहीन है । दोस्तों तिरंगे के तीन रंग हैं, तीनों से प्यार और तीनो का ही सम्मान ज़रूरी है, देखना कहीं यह कीमती जीवन किसी एक रंग से प्यार या दूसरे से नफरत में ही न निकल जाये । चलिये मिल के सरे कोशिश करे सच , सफ़ाई और सादगी से एक सच्चा हिन्दुस्तानी बन कर जिंदगी जिए। आप सभी को आज़ादी की सालगिराह मुबारक
जय हिंद
जिस तरह फूल से होती है चमन की ज़ीनत" - इक़बाल
दोस्तों , अपने देश, अपनी मिट्टी ,ख़ुद से या अपने धरम से प्यार करने का मतलब यह बिलकुल ही नहीं की किसी दूसरे के देश या धरम से नफरत की जाये । आजादी न केवल मानाने या महसूस करने की चीज़ है बल्कि यह भी है की हम दूसरो की इसका एहसास कैसे करवाते हैं । अपने जीने के लिए किसी दूसरे के जीने का हक़ छीनना भी आज़ादी की तौहीन है । दोस्तों तिरंगे के तीन रंग हैं, तीनों से प्यार और तीनो का ही सम्मान ज़रूरी है, देखना कहीं यह कीमती जीवन किसी एक रंग से प्यार या दूसरे से नफरत में ही न निकल जाये । चलिये मिल के सरे कोशिश करे सच , सफ़ाई और सादगी से एक सच्चा हिन्दुस्तानी बन कर जिंदगी जिए। आप सभी को आज़ादी की सालगिराह मुबारक
जय हिंद
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