Tuesday, November 27, 2007

साइंटिस्ट ने किया अनूठा प्रयोग

http://www.bhaskar.com/2007/11/17/0711170720_iit_man.html#

गुलशन कुमार.
Saturday, November 17, 2007 07:18 [IST]

चंडीगढ़ राजधानी से 325 किलोमीटर दूर पंजाब के एक छोटे से शहर फाजिल्का के लोगों ने अपने ही दम पर हेरिटेज फेस्टिवल की अनूठी पहल की है। साइबर हाईवे पर इस फेस्टिवल ने विदेशी टूरिस्ट्स को भी आकर्षित किया है। एक आईआईटी साइंटिस्ट की देखरेख में चल रही इस मुहिम में शहर भर के नौजवान जुटे हुए हैं।
अमृतसर, पटियाला, फरीदकोट आदि में तो पांच साल पहले सरकारी खर्च पर विरासत मेले शुरू हुए, लेकिन फाजिल्का शहर के नौजवानों ने खुद ही फाजिल्का हेरिटेज फेस्टिवल ‘महक सरहद दी’ का आयोजन करने की ठान ली। 22 से 24 नवंबर तक होने वाले इस फेस्टिवल में फाजिल्का से जुड़े लोग दुनिया भर से अपने शहर पहुंच रहे हैं। आईआईटी में कार्यरत नवदीप असीजा नवदीप की देखरेख में गठित ग्रेजुएट्स वेलफेयर एसोसिएशन, फाजिल्का ने इस पूरे आयोजन की जिम्मेवारी संभाली हुई है। फेस्टिवल में गीत-संगीत से लेकर कला के विभिन्न क्षेत्रों को शामिल किया गया है।
गीत-संगीत की महक :
फेस्टिवल में पद्मश्री पुष्पा हंस नाइट, फोक डांस नाइट, छनकाटा पैंदा गली-गली आदि आयोजनों में गीत-संगीत की महक बिखेरी जाएगी। पैनोरमा सेक्शन में हिंदी-पंजाबी की चुनिंदा फिल्में भी दिखाई जाएंगी। भारतीय सेना का बैंड अलग से प्रस्तुति देगा। नाटकों का भी मंचन और फाजिल्का कार्निवाल परेड भी आयोजित होगा।

कार फ्री जोन होगा शहर :
शहर को उन दिनों कार फ्री जोन रखा जाएगा और लोगों को पैदल या साइकिल से ही चलने के लिए प्रेरित किया जाएगा। फेस्टिवल के दौरान पॉलिथीन बैग्स पर पाबंदी रहेगी। फाजिल्का रतन अवार्ड भी दिए जाएंगे। नवदीप ने बताया कि वर्ल्ड कार फ्री नेटवर्क, चैक रिपब्लिक अपनी मैगजीन कार फ्री नेटवर्कर्स ने ताजा अंक में फाजिल्का पर विशेष आर्टीकल भी प्रकाशित किया है।
भारत-पाकिस्तान सीमा से महज 11 किलोमीटर पीछे स्थित फाजिल्का का इतिहास करीब 169 साल पुराना है। इस फेस्टिवल से फाजिल्का की एक अलग पहचान बनेगी। —नवदीप असीजा

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