इस मौके पर किसानों ने बागवानी में आ रही समस्याओं से अवगत करवाया। पीएयू के डायरेक्टर ने किसानों की समस्याओं व सुझावों पर अमल करने का भरोसा दिलाया कि बागवानी में पंजाब सबसे आगे है। इस इलाके के किन्नू की बढिय़ा क्वालिटी के कारण किसानों को आर्थिक फायदा भी मिलेगा। इससे पहले सभी ने किन्नुओं की विभिन्न प्रजातियों, मधुमक्खियों के शहद व अन्य प्रदर्शनी भी देखी। बागों में लगे किन्नू के उन पौध का भी सर्वेक्षण किया जो लगभग 30 वर्ष से गुणवत्ता के आधार पर फल दे रहे हैं।
बिजली सप्लाई सही हो, दें वित्तीय सहायता
इस अवसर पर बागबानी विशेषज्ञ सुशील पेड़ीवाल ने बताया कि पंजाब में 69000 हेक्टेयर भूमि पर बागवानी होती है। इसमें होशियारपुर, फाजिल्का, अबोहर, बठिंडा, मुक्तसर, फरीदकोट इलाके में 41 हजार हेक्टेयर भूमि में किन्नू की पैदावार होती है, जो देश-विदेशों में भेजा जा रहा है। उन्होंने किसानों को बागवान के लिए आ रही समस्याओं बारे भी डायरेक्टर को बताया। उन्होंने कहा कि ड्रिप सिचाई के लिए बिजली की सप्लाई ठीक ढंग से नहीं दी जाती।
इस कारण किसानों को परेशान होना पड़ता है। उन्होंने मांग की है कि नहरी पानी इकट्ठा करने के लिए बनाई जाने वाली डिग्गी के लिए किसानों को वित्तीय सहायता दी जाए।
विभाग के डिप्टी डायरेक्टर जनार्दन सिंह बराड़ ने प्रगतिशील किसानों को सरकार द्वारा दी जाने वाली सब सिडी व एनएचएम के द्वारा नए बाग लगाने के लिए वित्तीय सहायता की जानकारी दी। (लछमण)
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