अमृत सचदेवा, फाजिल्का
मौके की जगह पर रिहायशी या कामर्शियल प्लाट काटकर बेचने के लिए पहले से चर्चा में रहे नगर सुधार ट्रस्ट ने अब सरकारी एमआर कालेज की कृषि भूमि पर निगाहें गढ़ा दी हैं। इस भूमि पर एतिहासिक रघुवर भवन भी बना हुआ है। इसलिए इसका महत्व और बढ़ जाता है। नगर सुधार ट्रस्ट ने उक्त जगह को अधिग्रहित करने के लिए अखबारों में इश्तिहार तक भी छपवा दिया है। इससे उस जगह की देखरेख कर रहा ट्रस्ट भी हैरान है, क्योंकि उक्त करीब 15 एकड़ जगह सरकारी कालेज का निर्माण करवा उसे सरकार के हवाले करने वाले दानी सेठ मुंशीराम अग्रवाल ने कालेज का खर्च चलाने के लिए सैकड़ों एकड़ जगह के साथ दान में दी थी।
अब ट्रस्ट उसे बेचने की फिराक में है, जिससे शहर के लोगों में रोष है। लोगों का कहना है कि अग्रवाल द्वारा प्रदत्त कालेज अधिगृहित करने वाली सरकार कालेज के प्राध्यापकों की रिक्त सीटें तो भर नहीं पाई बल्कि उस कालेज के साथ दान दी गई जमीन को बेचकर कमाई करना चाहती है। यह सरासर गलत है। सेठ मुंशीराम ने अपने इकलौते पुत्र रघुवर की याद में बनाई एतिहासिक इमारत रघुवर भवन भी उक्त जगह के साथ श्री मुंशीराम अग्रवाल चेरीटेबल ट्रस्ट को दान दी थी, लेकिन लगता है ट्रस्ट को अपनी कमाई के आगे कालेज के हजारों विद्यार्थियों का हित और उक्त जगह का महत्व नजर नहीं आ रहा है। अभी कुछ माह पहले ही स्थानीय विधायक एवं वन मंत्री सुरजीत ज्याणी ने रघुवर भवन के साथ गरीब परिवारों के लिए कम्यूनिटी हाल बनवाने की घोषणा की थी, लेकिन गरीबों की सुनवाई की बजाय वहां अमीरों के लिए प्लाट काटने के प्रयास शुरू हो गए हैं। लोगों ने मांग की है कि नगर सुधार ट्रस्ट इस जगह की बजाय, किसी और जगह पर मुनाफा कमाने की सोचे।
--------------
ट्रस्ट के सदस्य भी अचंभित
फाजिल्का : जगह की देखरेख कर रहे श्री मुंशीराम अग्रवाल चेरीटेबल ट्रस्ट के सदस्यों के अनुसार वे खुद भी अचंभित हैं कि नगर सुधार ट्रस्ट शिक्षण संस्थान की जगह को बेचकर कमाई करने की सोच रहा है। वैसे भी नगर सुधार ट्रस्ट तब तक कोई जगह डेवलप नहीं कर सकता जब तक उसके पास शहर का मास्टर प्लान न हो। ट्रस्ट के अध्यक्ष सेठ सुरेंद्र आहूजा ने कहा कि नगर सुधार ट्रस्ट के नोटिस के बारे में उन्हें कुछ पता नहीं है। अगर नगर सुधार ट्रस्ट ने ऐसा कोई नोटिस निकाला है तो कालेज ट्रस्ट बैठक कर उसकी समीक्षा करेगा।
---------------
जगह शिक्षण संस्थान की होने का पता नहीं : ईओ
फाजिल्का : नगर सुधार ट्रस्ट के ईओ जवाहर लाल अग्रवाल का कहना है कि उन्हें पता नहीं है कि उक्त जगह किसी शिक्षण संस्थान की है। ट्रस्ट ने तो अधिग्रहण का नोटिस निकाला है, उस पर आने वाली आपत्तियों के बाद ही जगह के अधिकरण का फैसला होगा।
No comments:
Post a Comment