पर नगर कौंसिल अवैध पोस्टरों के खिलाफ नहीं कर रहा कार्रवाई
अमृत सचदेवा' : फाजिल्का शहर में सार्वजनिक जगहों पर पोस्टर चिपकाने पर लगने वाला पब्लिसिटी टैक्स का ठेका चढ़ा होने के बावजूद ठेका उठाने वाले ठेकेदार द्वारा केवल अपनी कमाई पर ध्यान दिलाया जा रहा है, जबकि शहर की सुंदरता बिगाड़ने वाले पोस्टरों पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही। जबकि फ्लैक्स से ज्यादा शहर की सुंदरता के लिए खतरनाक पोस्टर हैं, जिन्हें धड़ल्ले से सरकारी इमारतों, सार्वजनिक जगहों व निजी संपत्तियों पर चिपकाकर शहर को बदसूरत बनाया जा रहा है।1बता दें कि फाजिल्का नगर कौंसिल से शहर में इश्तिहारबाजी का ठेका ब¨ठडा की किसी फर्म ने ले रखा है। इस फर्म से नगर कौंसिल को सालाना करीब आठ लाख रुपये की कमाई हो रही है। ठेकेदार नगर कौंसिल को ठेका राशि देकर अपनी कमाई तो कर रहा है, मगर शहर की सूरत को बिगाड़ रहा है, क्योंकि वह सरकारी, निजी व सार्वजनिक संपत्तियों पर पोस्टरों को चिपका रहा है। ऐसा करने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।1पोस्टरों से पटे चौक : नगर कौंसिल ने ठेका राशि से कमाई कर ली और ठेकेदार बड़े-बड़े फ्लैक्स विज्ञापनों या नगर कौंसिल द्वारा चिन्हित दर्जनों जगहों पर लगाए गए यूनिपोल के जरिये होने वाली पब्लिसिटी से कमाई कर रहा है लेकिन बड़ी कमाई के बीच न तो नगर कौंसिल और न ही ठेकेदार शहर की सार्वजनिक जगहों, सरकारी इमारतों, खंभों, बेरीकेडस व निजी इमारतों पर चिपकाए जा रहे पोस्टरों की अनदेखी कर रहे हैं। फाजिल्का के घंटाघर चौक, शास्त्री चौक, मेहरियां बाजार, बिजली घर व अन्य तमाम जगहों पर लोगों ने अपने समारोहों, विभिन्न आयोजनों, अपने प्रतिष्ठानों के प्रचार के लिए पोस्टर चिपका रखे हैं। सबसे ज्यादा पोस्टर धार्मिक संगठनों के चिपकाए गए हैं, जो धर्म के नाम पर ठेकेदार व नगर कौंसिल को अपने द्वारा लगाए जाने वाले फ्लैक्स बोर्ड की बनती फीस देने में आनाकानी करते हैं, बल्कि फ्लैक्स बोर्ड में मिली छूट का फायदा अपने आयोजनों के पोस्टर जगह-जगह चिपकाकर शहर का हुलिया बिगाड़ते हैं।1फाजिल्का के घंटाघर परिसर पर अवैध रूप से चिपकाया गया वोटर जागरुकता का पोस्टर (दाएं) फाजिल्का के घंटाघर बाजार में पावरकॉम के मीटर बॉक्स पर चिपके अवैध पोस्टर' जागरणफाजिल्का के सर्राफा बाजार में नगर कौंसिल के कार फ्री जोन की बेरीकेडिंग पर चिपगाए गए धार्मिक समारोह के पोस्टर, जिसके पीछे नगर कौंसिल के बेरिकेडिंग पर लिखा संदेश भी छिप गया है।सरकारी संगठन भी नहीं हैं पोस्टरबाजी में पीछे1कोई कमर्शियल संस्थान या फिर एनजीओ अपने पोस्टर तो शहर में नगर कौंसिल की मंजूरी के बिना लगाती ही हैं। साथ ही प्रशासनिक कार्यक्रमों व विभिन्न योजनाओं के पोस्टर भी सार्वजनिक जगहों पर चिपकाकर शहर की सुंदरता बिगाड़ने में पीछे नहीं हैं। इन दिनों वोटर जागरुकता के पोस्टर भी जगह-जगह सरकारी व निजी इमारतों पर चिपके देखे जा सकते हैं। इस बारे में नगर कौंसिल के सुपरिंटेंडेंट राजेश कुमार से बात की गई तो उन्होंने कहा कि पोस्टर हटाने का जिम्मा ठेकेदार का है। ठेकेदार अवैध पोस्टरों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करता तो कौंसिल उससे जवाब तलब करेगी।
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