Wednesday, January 31, 2018

ICC U-19 Cricket World Cup hero Shubman Gill ‘new Yuvraj Singh’ of Punjab cricket

HT, 31st January 2018
With an aggregate of 341 runs in the ongoing ICC U-19 Cricket World Cup, Shubman Gill from the town of Fazilka in Punjab's Ferozepur district has been the center of attention, even more than the skipper Prithvi Shaw, and has drawn comparisons with Yuvraj Singh.

A heady mixture of silken grace and dollops of brute power has always defined Punjab school of batsmanship and the latest to have emerged from that stable is 18-year-old Shubman Gill.

With an aggregate of 341 runs in the ongoing U-19 World Cup, the teenager from non descript town of Fazilka in Punjab's Ferozepur district has been the centre of attention, even more than the highly-rated skipper Prithvi Shaw.

Strapping with sinewy wrists, Shubman's exciting strokeplay has earned him eyeballs and no wonder he went to Kolkata Knight Riders for a bid of Rs 1.8 crore at the IPL auction.


Nathan Lyon to captain Australia's PM XI in Twenty20 against England
Pointless comparing Hardik Pandya with Kapil Dev: Mohammed Azharuddin

It was around 10 days ago when India were playing their second group league game of the World Cup against Zimbabwe at Mount Maunganui, Shubman pulled rival pacer N Nungu for a six over deep mid-wicket.

It was a short-arm jab but more interestingly there was an eerie similarity with a stroke that Virat Kohli had hit during his innings of 150 against England in an ODI in Pune, last January.

In fact, the BCCI's official website compared both the strokes and it spoke about the skill and swagger which have been the hallmark of all great players hailing from North India.

During the days of Mohinder Amarnath and Navjot Sidhu -- Punjab batting was more about grit and power but Yuvraj Singh married both. And now it seems that Shubman is ready to carry that legacy forward.

And none other than his senior Punjab team captain Harbhajan Singh, who feels that he has got everything to succeed at the highest level.

"Obviously, the more he plays quality bowling, he will improve. He will play in different conditions, go through phases where he would know how to score runs in difficult conditions. But make no mistake, I have seen 18-year-old Yuvraj Singh from close quarters, Shubman is as talented as Yuvraj," Harbhajan gave a fair assessment about the youngster.

"His biggest advantage is that he has strokes that all modern day players would like to have. He can hit Dilscoop (the lap shot made famous by TM Dilshan), he can hit the ramp shot (guiding over thirdman), inside out lofted shot.

"And the toughest of them all -- the pull in-front of square. Pulling through deep square leg is not difficult but you need to be tall with supple wrists to keep the ball down while pulling in-front of square. Shubman has that," says the veteran of 100 plus Test matches.

In fact, Shubman himself said that he would like to play all formats when former England opener Robert Key interviewed him.

"Adaptability is the key and I would like to play all three formats."

Coming from an affluent family with plethora of farmland, the legend has it that Shubman's father Lakhwinder Singh had constructed a turf pitch on his farmland, where little Shubman practiced during his early days.

फाजिल्का के शुभमन के शतक से भारत ने पाकिस्तान को रौंदा :: दादी ने शुभमन का हर बैट संभालकर रखा है

 तीन फरवरी को ऑस्ट्रेलिया के साथ होगा खिताबी मुकाबला

जेएनएन, नई दिल्ली : पंजाब के फाजिल्का में जन्मे और मोहाली में रहने वाले शुभमन गिल के शानदार शतक (नाबाद 102) और ईशान पोरेल (4/17) की घातक गेंदबाजी की बदौलत भारत ने न्यूजीलैंड में खेले जा रहे अंडर-19 क्रिकेट विश्व कप के सेमीफाइनल में चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान को हराकर फाइनल में प्रवेश कर लिया। टीम इंडिया ने शुक्रवार को हुए इस मैच में 203 रन से जीत हासिल की। अब तीन फरवरी को फाइनल में भारत का सामना ऑस्ट्रेलिया से होगा। टीम इंडिया ने टॉस जीतकर 50 ओवर में नौ विकेट पर 272 रन बनाए। जवाब में पाकिस्तानी टीम 29.3 ओवरों में मात्र 69 रनों पर सिमट गई।अंडर-19 वल्र्ड कपशुभमन जब तीन साल का था, तभी से उसे क्रिकेट से लगाव हो गया था। जैसे-जैसे वह बड़ा होता गया मैं उसके छोड़े गए बैट पर उसकी उम्र लिखकर सहेजती गई। -गुरमेल कौर, शुभमन की दादीआईपीएल में 1.80 करोड़ लगी बोली1विगत दिवस आइपीएल की नीलामी में कोलकाता नाइट राइडर्स ने शुभमन को 1 करोड़ 80 लाख रुपये में खरीदा है।'>> शुभमन इस बार विश्व कप में शतक लगाने वाले भारत के पहले बल्लेबाज 1'>>भारत रिकॉर्ड छठी बार अंडर-19 विश्व कप के फाइनल में पहुंचा(विस्तृत खेल पेज पर)

दादी ने शुभमन का हर बैट संभालकर रखा है

अमृत सचदेवा/रवि वाटस'जलालाबाद (फाजिल्का)1कहते हैं कि ब्याज से प्यारा मूल होता है, कुछ ऐसा ही अंडर-19 क्रिकेट विश्व कप में चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के खिलाफ सेमीफाइनल में शतक जड़कर भारत को फाइनल में पहुंचाने वाले फाजिल्का जिले के क्रिकेटर शुभमन गिल के मामले में भी है। पाकिस्तान पर भारत की 203 रन की धमाकेदार जीत से शुभमन के पैतृक गांव जयमलवाला में खुशी की लहर दौड़ गई है। शुभमन के दादा-दादी पूरी तरह क्रिकेट में रंग में रंगे नजर आए। टीम में बतौर वाइस कैप्टन खेल रहे शुभमन ने जहां भारत को फाइनल में पहुंचाकर अपने गृह जिले के नाम रोशन किया है। वहीं, गत दिवस आइपीएल में लगी बोली में एक करोड़ 80 लाख रुपये में शाह रुख खान की टीम कोलकाता नाइट राइडर्स में भी चुनकर दोगुनी खुशी जिला वासियों को दी है।1मोहाली में पिता ने करवाई प्रेक्टिस : फाजिल्का के होनहार खिलाड़ी शुभमन का इस मुकाम तक पहुंचने का सफर आसान नहीं रहा है। इसके पीछे जहां शुभमन की कड़ी मेहनत है वहीं उसके माता-पिता की कुर्बानी ने भी अहम रोल अदा किया है। एक समय ऐसा था जब अपना खेत खलिहान व गांव छोड़कर बेटे का क्रिकेट में भविष्य बनाने के लिए गिल दंपती मोहाली चले गए, लेकिन शुरुआती चार साल बहुत मुश्किल से बीते। मोहाली क्रिकेट एसोसिएशन का क्रिकेट मैदान जो पंजाब के क्रिकेटरों के लिए मक्का से कम नहीं है, में शुभमन को प्रेक्टिस के लिए जगह नहीं मिल पाती थी। कोई साथी नहीं था। शुभमन के पिता लख¨वदर गिल बताते हैं कि ऐसे वक्त में वह खुद बालिंग कर अपने बेटे का प्रेक्टिस करवाते थे। आज अपनी मेहनत के बूते शुभमन ने वो मुकाम हासिल कर लिया है जिस ऊंचाई का सपना उन्होंने कभी देखा था।1बचपन से ही था क्रिकेट का जुनून : शुभमन के दादा दीदार सिंह व दादी गुरमेल कौर टीम इंडिया की जीत के बाद गांव जयमल वाला में मिठाई बांटकर खुशी मनाई। दादी गुरमेल कौर ने शुभमन की ओर से बचपन में क्रिकेट खेलने के लिए खरीदे सभी बैट संभालकर रखे हैं। दादी गुरमेल कौर ने बताया कि शुभमन तीन साल का था, तभी उसे क्रिकेट की लगन लग गई थी। जैसे-जैसे बड़ा होता गया, दादी उसके द्वारा छोड़े गए बैट पर उसकी उम्र लिखकर उसे सहेजती गई। वहीं शुभमन को मिल रही कामयाबी से खुशी दादा दीदार सिंह गिल घर में ही पिच बनाकर आने-जाने वाले के साथ क्रिकेट खेलने में मशगूल हो गए हैं।1अंडर-16 में शुभमन के नाम वल्र्ड रिकार्ड : शुभमन के पिता लख¨वदर सिंह व माता किरत कौर गिल ने बताया कि उनके लिए वह क्षण काफी गौरवमयी थे, जब शुभमन अंडर-16 के मैच मोहाली टीम से खेलता था। तब उसने पीसीए के इंटर डिस्टिक्ट मैच में सबसे पहली ओपनिंग पार्टनरशिप 587 रनों वाली की थी। अंडर-16 में अमृतसर के खिलाफ खेलते हुए शुभमन ने 365 रन व रोपड़ के खिलाफ नॉटआउट रहते हुए 405 रन की पारी खेली थी, जो कि वल्र्ड रिकार्ड है। उन्हीं दो वर्षो में शुभमन को लगातार आल इंडिया बेस्ट क्रिकेटर बीसीए की ओर से चुना गया। उसके बाद उसने जोन स्तरीय मुकाबलों के चार मैच में 700 से अधिक रन बनाए। सीनियर टीम इंडिया के साथ हुए एक वनडे टूर्नामेंट के पहले मैच में शुभमन रन आउट हो गया था। वहीं दूसरे मैच में जबरदस्त वापसी करते हुए युवराज के साथ खेलते हुए सैकड़ा जमाया था। इस साल रणजी मैच में भी शुभमन शतक जमा चुके हैं। अब अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पाकिस्तान के खिलाफ शतक ठोककर शुभमन ने अपने जिले के लोगों का मान बढ़ाया है।अमृत सचदेवा/रवि वाटस'जलालाबाद (फाजिल्का)1कहते हैं कि ब्याज से प्यारा मूल होता है, कुछ ऐसा ही अंडर-19 क्रिकेट विश्व कप में चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के खिलाफ सेमीफाइनल में शतक जड़कर भारत को फाइनल में पहुंचाने वाले फाजिल्का जिले के क्रिकेटर शुभमन गिल के मामले में भी है। पाकिस्तान पर भारत की 203 रन की धमाकेदार जीत से शुभमन के पैतृक गांव जयमलवाला में खुशी की लहर दौड़ गई है। शुभमन के दादा-दादी पूरी तरह क्रिकेट में रंग में रंगे नजर आए। टीम में बतौर वाइस कैप्टन खेल रहे शुभमन ने जहां भारत को फाइनल में पहुंचाकर अपने गृह जिले के नाम रोशन किया है। वहीं, गत दिवस आइपीएल में लगी बोली में एक करोड़ 80 लाख रुपये में शाह रुख खान की टीम कोलकाता नाइट राइडर्स में भी चुनकर दोगुनी खुशी जिला वासियों को दी है।1मोहाली में पिता ने करवाई प्रेक्टिस : फाजिल्का के होनहार खिलाड़ी शुभमन का इस मुकाम तक पहुंचने का सफर आसान नहीं रहा है। इसके पीछे जहां शुभमन की कड़ी मेहनत है वहीं उसके माता-पिता की कुर्बानी ने भी अहम रोल अदा किया है। एक समय ऐसा था जब अपना खेत खलिहान व गांव छोड़कर बेटे का क्रिकेट में भविष्य बनाने के लिए गिल दंपती मोहाली चले गए, लेकिन शुरुआती चार साल बहुत मुश्किल से बीते। मोहाली क्रिकेट एसोसिएशन का क्रिकेट मैदान जो पंजाब के क्रिकेटरों के लिए मक्का से कम नहीं है, में शुभमन को प्रेक्टिस के लिए जगह नहीं मिल पाती थी। कोई साथी नहीं था। शुभमन के पिता लख¨वदर गिल बताते हैं कि ऐसे वक्त में वह खुद बालिंग कर अपने बेटे का प्रेक्टिस करवाते थे। आज अपनी मेहनत के बूते शुभमन ने वो मुकाम हासिल कर लिया है जिस ऊंचाई का सपना उन्होंने कभी देखा था।1बचपन से ही था क्रिकेट का जुनून : शुभमन के दादा दीदार सिंह व दादी गुरमेल कौर टीम इंडिया की जीत के बाद गांव जयमल वाला में मिठाई बांटकर खुशी मनाई। दादी गुरमेल कौर ने शुभमन की ओर से बचपन में क्रिकेट खेलने के लिए खरीदे सभी बैट संभालकर रखे हैं। दादी गुरमेल कौर ने बताया कि शुभमन तीन साल का था, तभी उसे क्रिकेट की लगन लग गई थी। जैसे-जैसे बड़ा होता गया, दादी उसके द्वारा छोड़े गए बैट पर उसकी उम्र लिखकर उसे सहेजती गई। वहीं शुभमन को मिल रही कामयाबी से खुशी दादा दीदार सिंह गिल घर में ही पिच बनाकर आने-जाने वाले के साथ क्रिकेट खेलने में मशगूल हो गए हैं।1अंडर-16 में शुभमन के नाम वल्र्ड रिकार्ड : शुभमन के पिता लख¨वदर सिंह व माता किरत कौर गिल ने बताया कि उनके लिए वह क्षण काफी गौरवमयी थे, जब शुभमन अंडर-16 के मैच मोहाली टीम से खेलता था। तब उसने पीसीए के इंटर डिस्टिक्ट मैच में सबसे पहली ओपनिंग पार्टनरशिप 587 रनों वाली की थी। अंडर-16 में अमृतसर के खिलाफ खेलते हुए शुभमन ने 365 रन व रोपड़ के खिलाफ नॉटआउट रहते हुए 405 रन की पारी खेली थी, जो कि वल्र्ड रिकार्ड है। उन्हीं दो वर्षो में शुभमन को लगातार आल इंडिया बेस्ट क्रिकेटर बीसीए की ओर से चुना गया। उसके बाद उसने जोन स्तरीय मुकाबलों के चार मैच में 700 से अधिक रन बनाए। सीनियर टीम इंडिया के साथ हुए एक वनडे टूर्नामेंट के पहले मैच में शुभमन रन आउट हो गया था। वहीं दूसरे मैच में जबरदस्त वापसी करते हुए युवराज के साथ खेलते हुए सैकड़ा जमाया था। इस साल रणजी मैच में भी शुभमन शतक जमा चुके हैं। अब अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पाकिस्तान के खिलाफ शतक ठोककर शुभमन ने अपने जिले के लोगों का मान बढ़ाया है।

Dainik Bhaskar, Ferozpur Edition, Page 1, 31st January 2018

#ShubhmanGill #ICCWCU19

Friday, January 26, 2018

Fazilka district launches mission Sanjhedari with Indian Army for training youths

FAZILKA: Coinciding with the 69th Republic Day, Fazilka district administration launched the mission Sanjhedari(collaboration) with the Indian Army to provide training to youths. The first batch of 55 youth started their training under the mission on Thursday. Deputy Commissioner Isha Kalia said that "Mission Sanjhedari has been launched to motivate the youth to join the military. Fazilka being a border district the presence of Army in the area has a deep impression on the youth of the area. The youths are well aspired to join the Army but it was observed that youngsters did not know how to proceed with its preparation to join Army". The Mission Sanjhedari will shape the dreams of the youth of this border district, she added.

Deputy Commissioner said that in a first step we will find out the youths who want to join Army. Shortlisted candidates would undergo a preliminary fitness test conducted under the supervision of officers of CPYT Ferozpur. The selected candidates would be given one-month training for recruitment in collaboration of Army.

She appealed to the youth of the district to have maximum recruitment in the Indian army so that they can contribute in the service and security of the country.

Brigadier in Indian Army Gaurav Sharma said Indian Army is a mission. One can serve his country by joining this prestigious force of the world. He said there is no shortcut in life and one can achieve his goal only with hard work. The army would provide its full support to the project of district administration.