Wednesday, January 31, 2018

फाजिल्का के शुभमन के शतक से भारत ने पाकिस्तान को रौंदा :: दादी ने शुभमन का हर बैट संभालकर रखा है

 तीन फरवरी को ऑस्ट्रेलिया के साथ होगा खिताबी मुकाबला

जेएनएन, नई दिल्ली : पंजाब के फाजिल्का में जन्मे और मोहाली में रहने वाले शुभमन गिल के शानदार शतक (नाबाद 102) और ईशान पोरेल (4/17) की घातक गेंदबाजी की बदौलत भारत ने न्यूजीलैंड में खेले जा रहे अंडर-19 क्रिकेट विश्व कप के सेमीफाइनल में चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान को हराकर फाइनल में प्रवेश कर लिया। टीम इंडिया ने शुक्रवार को हुए इस मैच में 203 रन से जीत हासिल की। अब तीन फरवरी को फाइनल में भारत का सामना ऑस्ट्रेलिया से होगा। टीम इंडिया ने टॉस जीतकर 50 ओवर में नौ विकेट पर 272 रन बनाए। जवाब में पाकिस्तानी टीम 29.3 ओवरों में मात्र 69 रनों पर सिमट गई।अंडर-19 वल्र्ड कपशुभमन जब तीन साल का था, तभी से उसे क्रिकेट से लगाव हो गया था। जैसे-जैसे वह बड़ा होता गया मैं उसके छोड़े गए बैट पर उसकी उम्र लिखकर सहेजती गई। -गुरमेल कौर, शुभमन की दादीआईपीएल में 1.80 करोड़ लगी बोली1विगत दिवस आइपीएल की नीलामी में कोलकाता नाइट राइडर्स ने शुभमन को 1 करोड़ 80 लाख रुपये में खरीदा है।'>> शुभमन इस बार विश्व कप में शतक लगाने वाले भारत के पहले बल्लेबाज 1'>>भारत रिकॉर्ड छठी बार अंडर-19 विश्व कप के फाइनल में पहुंचा(विस्तृत खेल पेज पर)

दादी ने शुभमन का हर बैट संभालकर रखा है

अमृत सचदेवा/रवि वाटस'जलालाबाद (फाजिल्का)1कहते हैं कि ब्याज से प्यारा मूल होता है, कुछ ऐसा ही अंडर-19 क्रिकेट विश्व कप में चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के खिलाफ सेमीफाइनल में शतक जड़कर भारत को फाइनल में पहुंचाने वाले फाजिल्का जिले के क्रिकेटर शुभमन गिल के मामले में भी है। पाकिस्तान पर भारत की 203 रन की धमाकेदार जीत से शुभमन के पैतृक गांव जयमलवाला में खुशी की लहर दौड़ गई है। शुभमन के दादा-दादी पूरी तरह क्रिकेट में रंग में रंगे नजर आए। टीम में बतौर वाइस कैप्टन खेल रहे शुभमन ने जहां भारत को फाइनल में पहुंचाकर अपने गृह जिले के नाम रोशन किया है। वहीं, गत दिवस आइपीएल में लगी बोली में एक करोड़ 80 लाख रुपये में शाह रुख खान की टीम कोलकाता नाइट राइडर्स में भी चुनकर दोगुनी खुशी जिला वासियों को दी है।1मोहाली में पिता ने करवाई प्रेक्टिस : फाजिल्का के होनहार खिलाड़ी शुभमन का इस मुकाम तक पहुंचने का सफर आसान नहीं रहा है। इसके पीछे जहां शुभमन की कड़ी मेहनत है वहीं उसके माता-पिता की कुर्बानी ने भी अहम रोल अदा किया है। एक समय ऐसा था जब अपना खेत खलिहान व गांव छोड़कर बेटे का क्रिकेट में भविष्य बनाने के लिए गिल दंपती मोहाली चले गए, लेकिन शुरुआती चार साल बहुत मुश्किल से बीते। मोहाली क्रिकेट एसोसिएशन का क्रिकेट मैदान जो पंजाब के क्रिकेटरों के लिए मक्का से कम नहीं है, में शुभमन को प्रेक्टिस के लिए जगह नहीं मिल पाती थी। कोई साथी नहीं था। शुभमन के पिता लख¨वदर गिल बताते हैं कि ऐसे वक्त में वह खुद बालिंग कर अपने बेटे का प्रेक्टिस करवाते थे। आज अपनी मेहनत के बूते शुभमन ने वो मुकाम हासिल कर लिया है जिस ऊंचाई का सपना उन्होंने कभी देखा था।1बचपन से ही था क्रिकेट का जुनून : शुभमन के दादा दीदार सिंह व दादी गुरमेल कौर टीम इंडिया की जीत के बाद गांव जयमल वाला में मिठाई बांटकर खुशी मनाई। दादी गुरमेल कौर ने शुभमन की ओर से बचपन में क्रिकेट खेलने के लिए खरीदे सभी बैट संभालकर रखे हैं। दादी गुरमेल कौर ने बताया कि शुभमन तीन साल का था, तभी उसे क्रिकेट की लगन लग गई थी। जैसे-जैसे बड़ा होता गया, दादी उसके द्वारा छोड़े गए बैट पर उसकी उम्र लिखकर उसे सहेजती गई। वहीं शुभमन को मिल रही कामयाबी से खुशी दादा दीदार सिंह गिल घर में ही पिच बनाकर आने-जाने वाले के साथ क्रिकेट खेलने में मशगूल हो गए हैं।1अंडर-16 में शुभमन के नाम वल्र्ड रिकार्ड : शुभमन के पिता लख¨वदर सिंह व माता किरत कौर गिल ने बताया कि उनके लिए वह क्षण काफी गौरवमयी थे, जब शुभमन अंडर-16 के मैच मोहाली टीम से खेलता था। तब उसने पीसीए के इंटर डिस्टिक्ट मैच में सबसे पहली ओपनिंग पार्टनरशिप 587 रनों वाली की थी। अंडर-16 में अमृतसर के खिलाफ खेलते हुए शुभमन ने 365 रन व रोपड़ के खिलाफ नॉटआउट रहते हुए 405 रन की पारी खेली थी, जो कि वल्र्ड रिकार्ड है। उन्हीं दो वर्षो में शुभमन को लगातार आल इंडिया बेस्ट क्रिकेटर बीसीए की ओर से चुना गया। उसके बाद उसने जोन स्तरीय मुकाबलों के चार मैच में 700 से अधिक रन बनाए। सीनियर टीम इंडिया के साथ हुए एक वनडे टूर्नामेंट के पहले मैच में शुभमन रन आउट हो गया था। वहीं दूसरे मैच में जबरदस्त वापसी करते हुए युवराज के साथ खेलते हुए सैकड़ा जमाया था। इस साल रणजी मैच में भी शुभमन शतक जमा चुके हैं। अब अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पाकिस्तान के खिलाफ शतक ठोककर शुभमन ने अपने जिले के लोगों का मान बढ़ाया है।अमृत सचदेवा/रवि वाटस'जलालाबाद (फाजिल्का)1कहते हैं कि ब्याज से प्यारा मूल होता है, कुछ ऐसा ही अंडर-19 क्रिकेट विश्व कप में चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के खिलाफ सेमीफाइनल में शतक जड़कर भारत को फाइनल में पहुंचाने वाले फाजिल्का जिले के क्रिकेटर शुभमन गिल के मामले में भी है। पाकिस्तान पर भारत की 203 रन की धमाकेदार जीत से शुभमन के पैतृक गांव जयमलवाला में खुशी की लहर दौड़ गई है। शुभमन के दादा-दादी पूरी तरह क्रिकेट में रंग में रंगे नजर आए। टीम में बतौर वाइस कैप्टन खेल रहे शुभमन ने जहां भारत को फाइनल में पहुंचाकर अपने गृह जिले के नाम रोशन किया है। वहीं, गत दिवस आइपीएल में लगी बोली में एक करोड़ 80 लाख रुपये में शाह रुख खान की टीम कोलकाता नाइट राइडर्स में भी चुनकर दोगुनी खुशी जिला वासियों को दी है।1मोहाली में पिता ने करवाई प्रेक्टिस : फाजिल्का के होनहार खिलाड़ी शुभमन का इस मुकाम तक पहुंचने का सफर आसान नहीं रहा है। इसके पीछे जहां शुभमन की कड़ी मेहनत है वहीं उसके माता-पिता की कुर्बानी ने भी अहम रोल अदा किया है। एक समय ऐसा था जब अपना खेत खलिहान व गांव छोड़कर बेटे का क्रिकेट में भविष्य बनाने के लिए गिल दंपती मोहाली चले गए, लेकिन शुरुआती चार साल बहुत मुश्किल से बीते। मोहाली क्रिकेट एसोसिएशन का क्रिकेट मैदान जो पंजाब के क्रिकेटरों के लिए मक्का से कम नहीं है, में शुभमन को प्रेक्टिस के लिए जगह नहीं मिल पाती थी। कोई साथी नहीं था। शुभमन के पिता लख¨वदर गिल बताते हैं कि ऐसे वक्त में वह खुद बालिंग कर अपने बेटे का प्रेक्टिस करवाते थे। आज अपनी मेहनत के बूते शुभमन ने वो मुकाम हासिल कर लिया है जिस ऊंचाई का सपना उन्होंने कभी देखा था।1बचपन से ही था क्रिकेट का जुनून : शुभमन के दादा दीदार सिंह व दादी गुरमेल कौर टीम इंडिया की जीत के बाद गांव जयमल वाला में मिठाई बांटकर खुशी मनाई। दादी गुरमेल कौर ने शुभमन की ओर से बचपन में क्रिकेट खेलने के लिए खरीदे सभी बैट संभालकर रखे हैं। दादी गुरमेल कौर ने बताया कि शुभमन तीन साल का था, तभी उसे क्रिकेट की लगन लग गई थी। जैसे-जैसे बड़ा होता गया, दादी उसके द्वारा छोड़े गए बैट पर उसकी उम्र लिखकर उसे सहेजती गई। वहीं शुभमन को मिल रही कामयाबी से खुशी दादा दीदार सिंह गिल घर में ही पिच बनाकर आने-जाने वाले के साथ क्रिकेट खेलने में मशगूल हो गए हैं।1अंडर-16 में शुभमन के नाम वल्र्ड रिकार्ड : शुभमन के पिता लख¨वदर सिंह व माता किरत कौर गिल ने बताया कि उनके लिए वह क्षण काफी गौरवमयी थे, जब शुभमन अंडर-16 के मैच मोहाली टीम से खेलता था। तब उसने पीसीए के इंटर डिस्टिक्ट मैच में सबसे पहली ओपनिंग पार्टनरशिप 587 रनों वाली की थी। अंडर-16 में अमृतसर के खिलाफ खेलते हुए शुभमन ने 365 रन व रोपड़ के खिलाफ नॉटआउट रहते हुए 405 रन की पारी खेली थी, जो कि वल्र्ड रिकार्ड है। उन्हीं दो वर्षो में शुभमन को लगातार आल इंडिया बेस्ट क्रिकेटर बीसीए की ओर से चुना गया। उसके बाद उसने जोन स्तरीय मुकाबलों के चार मैच में 700 से अधिक रन बनाए। सीनियर टीम इंडिया के साथ हुए एक वनडे टूर्नामेंट के पहले मैच में शुभमन रन आउट हो गया था। वहीं दूसरे मैच में जबरदस्त वापसी करते हुए युवराज के साथ खेलते हुए सैकड़ा जमाया था। इस साल रणजी मैच में भी शुभमन शतक जमा चुके हैं। अब अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पाकिस्तान के खिलाफ शतक ठोककर शुभमन ने अपने जिले के लोगों का मान बढ़ाया है।

Dainik Bhaskar, Ferozpur Edition, Page 1, 31st January 2018

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