Feb 02, 09:49 pm
अमृत सचदेवा, फाजिल्का
मजदूर वर्ग का जीवन स्तर ऊंचा उठाने के लिए सरकार ने गंभीरता से प्रयास शुरू कर दिए है। इसके तहत राज्य के लेबर कमिश्नर ने सभी जिलों के असिस्टेट लेबर कमिश्नरों को रिक्शा चालकों व गलियों में रेहड़ी लगाने वाले श्रमिकों का विवरण इकट्ठा करने के निर्देश दिए है, ताकि उनका जीवन बीमा किया जा सके।
केंद्र की मिनिस्ट्री आफ लेबर एंड इंप्लायमेंट के आदेश पर राष्ट्रीय स्वास्थ्य योजना के तहत गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले गरीब श्रमिको के साथ गरीबी रेखा से ऊपर रहने वाले गरीब श्रमिकों का जीवन व स्वास्थ्य सुरक्षित करने के लिए उनका बीमा करने का निश्चय किया है। इसके लिए सभी असिस्टेट लेबर कमिश्नरों को आदेश दिया गया है कि वह अपने अपने इलाके में रहने वाले गरीब रिक्शा चालको व गलियों में रेहड़ी लगाकर अपना व अपने परिवार का भरण पोषण करने वालों का विवरण जुटाएं, ताकि उनका बीमा किया जा सके। हालांकि यह आदेश जारी हुए दो महीने से अधिक हो गए है और साथ ही मंत्रालय ने यह आदेश भी दिया था कि 15 दिन के भीतर सभी आंकड़े विवरण सहित तैयार कर लिए जाएं, लेकिन इस रास्ते में सबसे बड़ा अड़ंगा यह लग रहा है कि बीमा योजना का लाभ सिर्फ उन्हीं रिक्शा पुलर या स्ट्रीट वेंडर को मिलेगा, जिन्होंने नगर परिषद से उक्त कार्यो का लाइसेंस प्राप्त किया होगा। हालांकि नगर परिषद में लाइसेंस बनाने का प्रावधान है, लेकिन अधिकांश रिक्शा पुलर व स्ट्रीट वेंडर कागजी कार्रवाई से बचने के लिए खुद का लाइसेंस बनवाने की बजाए रिक्शा किराए पर लेकर चलाते है।
इसके चलते असिस्टेट लेबर कमिश्नर विवरण इकट्ठा करने में असहाय महसूस कर रहे है। वह नगर परिषद के सहयोग या किसी स्वयंसेवी संगठन के सहयोग की आस में है जो रिक्शा पुलर व स्ट्रीट वेंडर के लाइसेंस तैयार करवा, उनका विवरण तैयार करने में सहयोग कर सके।
इस बारे में रिक्शा पुलर की बेहतरी के लिए कार्य कर रही एनजीओ संस्था ग्रेजुएट वेलफेयर एसोसिएशन फाजिल्का के युवा इंजीनियर नवदीप असीजा से संपर्क किया तो उन्होंने इस योजना पर प्रसन्नता जताई। उन्होंने कहा कि बीमा लाइसेंस के आधार पर नहीं बल्कि रजिस्ट्रेशन को आधार बनाकर किया जाए। इस कार्य में उनकी एसोसिएशन सरकार का पूर्ण सहयोग करेगी।
Tuesday, February 3, 2009
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