Apr 30, 11:37 pm फाजिल्का-फाजिल्का नगर परिषद की सैनियां रोड स्थित लगभग 50 करोड़ रुपये कीमत की जमीन मात्र ढाई करोड़ रुपये में बुधवार को मुक्तसर की एक निजी फर्म के नाम हो गई। इस जमीन पर नहरी परियोजना का भाजपा व विधायक सुरजीत ज्याणी का ड्रीम प्रोजेक्ट था।
उक्त फर्म ने 16 अप्रैल को फाजिल्का के ओरियेंटल बैंक आफ कामर्स द्वारा करवाई गई बोली में नगर परिषद की उक्त 53 एकड़ जमीन के लिए दो करोड़ 51 लाख रुपये की बोली दी थी। बोली में सिर्फ उक्त फर्म ही मौजूद थी। डैब्ट रिक्वरी ट्रिब्यूनल के अधिकारी संदीप सुखीजा की देखरेख में संपन्न हुई इस बोली के बाद उक्त फर्म ने बकाया 75 प्रतिशत राशि बुधवार को डीआरटी में जमा करवा दी। इस सारे मामले में फाजिल्का नगर परिषद अध्यक्ष अनिल सेठी सहित कई अन्य लोग सवालों व शक के घेरे में आ गए है।
गौरतलब है कि बैंक व डैब्ट रिक्वरी ट्रिब्यूनल ने गिरवी पड़ी उक्त जमीन के संदर्भ में नगर परिषद को कई बार नोटिस जारी किए थे। अंतिम नोटिस डीआरटी की तरफ से 12 मार्च को जारी किया गया था। 21 मार्च को पूरे हाउस ने इस नोटिस बारे सर्वसम्मति से तमाम अधिकार नगर परिषद अध्यक्ष अनिल सेठी व ईओ तिलक राज वर्मा को दिए थे। इन दोनों को कहा गया था कि वह किसी भी तरह से बैंक व डीआरटी से बातचीत कर या पेश हो नगर परिषद की यह जमीन व नहरी पानी परियोजना को नीलाम होने से बचाएं। लेकिन 'अज्ञात कारणों' से नगर परिषद की तरफ से न बैंक से अधिकारिक तौर पर संपर्क साधा गया और न ही डीआरटी के समक्ष नगर परिषद का कोई नुमाइंदा पेश हुआ।
नगर परिषद व अध्यक्ष अनिल सेठी की इसी संदिग्ध लापरवाही के चलते 16 अप्रैल को बैंक द्वारा नीलामी की कार्रवाई गई। इसमें मुक्तसर की एक फर्म नरेश कुमार बांसल एंड कंपनी ने बैंक द्वारा निर्धारित ढाई करोड़ रुपये की न्यूनतम बोली राशि से एक लाख रुपये बढ़ाकर जमीन व नहरी पानी प्रोजेक्ट अपने नाम लगवा लिया। इस सारे मामले में विवाद व शक के केंद्र में जमीन की असल कीमत है। कलेक्टर रेटों के अनुसार बैंक द्वारा नीलाम की गई उक्त 53 एकड़ जमीन का सरकारी मूल्य ही करीब 25 करोड़ रुपये बनता है। इसकी मार्केट वैल्यू 50 करोड़ के करीब बताई जाती है। फाजिल्का इस सारे मामले में नगर परिषद अध्यक्ष अनिल सेठी की भूमिका शक व सवालों के घेरे में आ गई है। पूरे हाउस द्वारा सेठी को तमाम अधिकार दिए जाने के बावजूद सेठी ने तब से लेकर बोली होने तक इस मामले में संदिग्ध चुप्पी साधे रखी व जमीन बचाने के लिए कोई प्रयास नहीं किया। बैंक द्वारा कौड़ियों के भाव जमीन नीलाम कर दिए जाने के बाद सेठी ने जोर शोर से दावा किया था कि ये बोली नाजायज है और इसके खिलाफ नगर परिषद डीआरटी के समक्ष केस लगाएगी। लेकिन आज तक नगर परिषद की तरफ से इस मामले में कोई आपत्तिदर्ज नहीं करवाई गई। इस बारे में जब नगर परिषद अध्यक्ष अनिल सेठी से बात की गई तो वे कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए। उलटे खबर रोकने के लिए दबाव डालते रहे। फाजिल्का: इस कथित बड़े जमीनी घोटाले को लेकर जहां भाजपा व नगर परिषद अध्यक्ष अनिल सेठी संदिग्ध चुप्पी साधे रहे, वहीं बुधवार को नगर परिषद के उपाध्यक्ष व अकाली पार्षद काठपाल ने डीआरटी के समक्ष बेशकीमती जमीन कौड़ियों के भाव बैंक द्वारा नीलाम किए जाने संबंधी आपत्तिदर्ज करवाई है। डीआरटी ने मामले की सुनवाई के लिए 11 मई की तिथि निर्धारित की है। अपने निवास पर बुलाई प्रैस कान्फ्रेंस में सवि काठपाल ने कहा कि बतौर नगर परिषद उपाध्यक्ष शहर के हित के लिए उन्होंने यह कदम उठाया है।
No comments:
Post a Comment