जागरण संवाददाता, फाजिल्का
स्थानीय प्रताप बाग में ग्रेजुएट्स वेलफेयर एसोसिएशन की ओर से आयोजित पांचवां फाजिल्का विरासत महोत्सव का दूसरा दिन बच्चों के नाम रहा। बच्चों ने विभिन्न कार्यक्रमों के जरिए खूब धमाल मचाई। इस मौके पर बच्चों व ईको कैब रिक्शा तैयार करने वाले लोगों को सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत उमा शर्मा, रिलेशन आफिसर, चंडीगढ़ ने ज्योति प्रज्ज्वलित कर किया। इसके बाद नन्हें बच्चों ने धार्मिक गीत पर कोरियोग्राफी पेश की। वहीं जन्नत और तमन्ना ने फाजिल्का शहर हमारा है गीत पर कोरियोग्राफी कर दर्शकों का मन मोहा। इसके अतिरिक्त ज्योति किड्स होम, आत्मवल्लभ स्कूल व दोस्त गु्रप ने भंगड़ा व कोरियोग्राफी पेश कर दर्शकों को झूमने पर मजबूर किया। आत्मवल्लभ स्कूल द्वारा पेश की गई कोरियोग्राफी में बच्चों ने वातावरण को साफ बनाने में अपना सहयोग देने का संदेश दिया। इसी बीच नन्हें युवराज नागपाल की ओर से गाए गीत ने भी खूब तालियां बटोरी। छात्र अंकुश ने विभिन्न फिल्मी सितारों की आवाजें निकालकर लोगों को लोटपोट किया। वहीं डेस्टिनी ग्रुप के कलाकारों ने अबोहर के नाटयकार बलजिंदर सिंह संधू द्वारा लिखित लघु नाटक 'चंद मामा बेली तारे' पेश कर बचपन का महत्व बताया और अमीर व गरीब बच्चों की दास्तान पेश की। नाटक का निर्देशन राकेश कुमार ने किया।
कार्यक्रम में एसोसिएशन के संरक्षक डा. भूपेन्द्र सिंह, अध्यक्ष एडवोकेट उमेश कुक्कड़ सचिव इंजीनियर नवदीप असीजा, पंकज धमीजा, रवि खुराना, नितिन सेतिया, जसविन्द्र सिंह चावला, हरमीत सिंह खालसा, लक्ष्मण दोस्त, पाल चंद वर्मा, रेशम लाल असीजा, एडवोकेट देव शर्मा सहित अन्य गणमान्य मौजूद थे। हेरीटेज फेस्टिवल के उपलक्ष्य में शहर की शान घंटाघर चौक व पूरे प्रताप बाग को मनमोहक लाइटों से सजाया गया है। घंटाघर चौक पर फेस्टिवल के दौरान बजने वाला डीजे हर युवा की धड़कन बना हुआ है।
इस अवसर पर ईको कैब के निर्माता व ऊर्जा पुरुष डा. भूपेन्द्र सिंह को सम्मान देने के साथ-साथ रिक्शा तैयार करने वाले कारीगर बलजिन्द्र सिंह, प्रेम नाथ, नंद किशोर, रमन कुमार व गगनेजा को सम्मानित किया गया। इसके अलावा फाजिल्का का नाम देश में रोशन करने वाले सरहदी गांव दोना नानका के सरकारी प्राइमरी स्कूल के बच्चों व उनके मुख्याध्यापक लवजीत सिंह को स्कूल की उपलब्धियों के लिए सम्मानित किया। उन्हें यह सम्मान उमा शर्मा, प्रीतम कौर व लीलावंती असीजा ने दिया।
इस मौके पर नन्हें बच्चों ने 2 से लेकर करीब 400 तक के पहाड़े सुनाए। मंच संचालन रवि खुराना ने किया। इसके बाद 12 साझे चूल्हे की संभाल कर रही किरण कंबोज को विशेष रूप से सम्मानित किया गया। किरण ने 100 पेड़ों की देखभाल में भी अपना योगदान दिया है। हैप्पी डिलाइट ने भी गीतों से समां बांधा।
Monday, April 25, 2011
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