जनता को मिलेगी सुविधा
इससे फाजिल्का वासियों और अन्य शहरों से आने वाले लोगों को यह सुविधा होगी कि पहले की चल रही सुविधा रिक्शा स्टैंड के अलावा अब अपने मन पसंद के रिक्शा चालक को फोन कर बुला सकते हैं। इंटरप्राइज बिजनेस पंजाब सर्कल बीएसएनएल के जनरल मैनेजर संदीप दीवान ने बताया कि हमें खुशी है कि गवफ ने दुनिया की पहली डायल-ए-रिक्शा के लिए हमारे साथ करार किया है। उन्होंने बताया कि सरहदी क्षेत्र में उनके सिग्नल पूरे चलते हैं। इस प्लान के तहत देश भर में किसी भी लैंडलाइन या मोबाइल पर सरल आनंद प्लान के तहत रिक्शा चालक एक पैसा प्रति सेकंड की दर से फोन कर सकेंगे और आपस में 900 लोगों को बात करने के लिए बिल्कुल मुफ्त होगा। यह कनेक्शन लाइफ टाइम वेलिडिटी के लिए दिए जा रहे हैं और रिचार्ज कम होने पर भी यह नंबर बंद नहीं होंगे।
अब यह होगी खासियत
गवफ सचिव नवदीप असीजा ने बताया कि इको कैब के तहत रिक्शा चालकों के लिए फाजिल्का को पांच केंद्रों उत्तर, दक्षिण, पूर्व, पश्चिम व मध्य में बांटा गया है। इको कैब सदस्यों की रजिस्टे्रशन की गई है और वह नंबर उनके आई कार्ड पर दिया गया है। इन कनेक्शनों की खासियत यह है कि सदस्यता कार्ड के अंतिम तीन नंबर उनके मोबाइल नंबर वाले होंगे। अब इको कैब सदस्य अधिक हो गए हैं। उसी हिसाब से मोबाइल के नंबर फाजिल्का को अब बढ़े हुए आठ भागों में बांटकर दिए जाएंगे। इसके अंतर्गत सारे रिक्शा चालक आपस में बात फ्री कर सकेंगे। इस सेवा का मासिक शुल्क 60 रुपए, बीएसएनएल रिक्शा वालों से नहीं लेगा। असीजा ने बताया कि इससे जहां रिक्शाचालकों को फायदा होगा, वहीं आम आदमी की सुविधाओं में भी बढ़ोतरी होगी। साथ उन्होंने यह भी बताया कि करीब दो साल से ज्यादा समय से फाजिल्कावासियों को सेवा दे रही इस कैब का किराया भी और साधारण रिक्शा और हर शहर में दौड़ रही ऑटो की अपेक्षा ज्यादा किफायती है।पहले यह थी परेशानी
इको कैब पहले डायल-ए-रिक्शा के तहत शुरू की गई थी। इसके तहत हर कार्यालय में लैंडलाइन फोन की सुविधा थी। इको कैब के उत्तरी विंग सीनीयर प्रधान हंसा सिंह, प्रधान गुरदीप सिंह, उपप्रधान मनजिंद्र सिंह, राज कुमार, दक्षिण विंग के प्रधान दिलीप कुमार, पश्चिम विंग के प्रधान प्रीतम कुमार, मध्य विंग के प्रधान देस राज और पूर्व विंग के प्रधान अशोक कुमार ने बताया कि बीते दो वर्षों के कार्यकाल में डायल-ए-रिक्शा सेवा में तकनीकी रूप से काफी परेशानी आई थी, जिसमें लैंडलाइन फोन का चार्ज खत्म होना और प्राइवेट दूर संचार कंपनियों द्वारा जबरदस्ती कालर ट्यून व एसएमएस भेजकर रिक्शा वालों से नाजायज पैसे काटना और जब वह अपने घर जाते थे तो उनके गांव में टावर न होने के कारण मोबाइल का न चलना आदि परेशानियां थी, मगर बीएसएनएल से इकरार के कारण अब उन्हें इन समस्याओं से छुटकारा मिलेगा।
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