जब कभी भी नगर कौंसिल किसी का वाटर सप्लाई का अवैध कनेक्शन काटती है तो छुटभैया नेता भारी शोर करते हैं, लेकिन क्या उन्हें पता है कि इन अवैध कनेक्शनों के चलते नगर कौंसिल को प्रति वर्ष कितना चूना लग रहा है। शायद वह अंदाजा भी न लगा सकें। जी हां, नगर कौंसिल क्षेत्र में वर्तमान में वाटर सप्लाई के करीब 12 हजार कनेक्शन अवैध चल रहे हैं, जिससे नगर परिषद को प्रति वर्ष करीब 1.5 करोड़ रुपए का चूना लग रहा है, वहीं दूसरी ओर जो प्रति माह पानी का खर्च देते हैं उन्हें पानी भी नसीब नहीं होता। एकत्रित जानकारी के अनुसार नगर में वाटर सप्लाई के 11000 रेगुलर कनेक्शन है। नगर कौंसिल वाटर सप्लाई के आम कनेक्शन से प्रति माह 105 रुपए वसूल करती है। इस हिसाब से नगर कौंसिल को अवैध कनेक्शन धारक प्रति वर्ष करीब डेढ़ करोड़ रुपए का चूना लगा देते हैं। इसके बाद रही सही कसर कौंलिस के कर्मचारी निकाल देते हैं जो वाटर सप्लाई का बकाया ही लेने नहीं जाते। वर्तमान में नगर कौंसिल ने करीब 8.5 करोड़ रुपए बकाया लेना है।
कुल जितना नहरी पानी दिया जाता है
नहरी पानी परियोजना से दस महीने में दो लाख 87 हजार गैलन पानी दिया जाता है। नहरी पानी परियोजना द्वारा पानी उपलब्ध करवाने की क्षमता 1.50 लाख गैलन प्रति घंटा है। गर्मी के दिनों में 9 हजार किलोलीटर प्रतिदिन और सर्दी के दिनों में आठ हजार किलोलीटर प्रतिदिन पानी उपलब्ध होता है। इसके अलावा 9 बड़े ट्यूबवैल हैं। इनके पानी की क्षमता 20 हजार गैलन प्रतिघंटा है। इसके अलावा 1200 लीटर प्रति मिनट पानी की क्षमता वाले तीन ट्यूबवैल हैं। इतना पानी होने के बावजूद लोगों तक पानी नहीं पहुंच रहा। शहर में इस समय करीब दस हजार परिवार ऐसे हैं, जिनके घर य अन्य संस्थान में पानी के कनैक्शन कागजों में हैं। हैरानी की बात तो यह है कि दो वर्ष पूर्व शहर में मात्र 8054 ही कनैक्शन थे। इन पर भी लाखों रुपए का बकाया है। एक सर्वे के मुताबिक शहर में 60.15 किलोमीटर वाटर सप्लाई की पाइप बिछी हुई है, जिससे करीब 12 हजार परिवार मुफ्त का पानी पी रहे हैं।
कनेक्शन लेना अब हुआ आसान
कभी वाटर सप्लाई का कनेक्शन लेने के लिये आम व्यक्ति के पसीने छूट जाते थे, लेकिन अब इसे सरल किया जा रहा है। नगर कौंसिल अवैध कनेक्शनों को वैध करवाने के लिए प्रयारत है। कौंसिल अध्यश्र अनिल सेठी ने कहा कि नया कनेक्शन लेने की प्रक्रिया बहुत ही सरल कर दी गई है। अब कोई अधिक फार्मेलिटी नहीं, घर का नक्शा, रजिस्ट्री व 250 रुपए कनेक्शन फीस, 100 कंपेशेशन फीस जमा करवा कर आप का कनेक्शन रेगुलर करवा सकते हैं। यह उन जगहों के लिए है, जहां पर रोड कटिंग नहीं लगती। अगर किसी व्यक्ति का घर 1120 वर्ग फुट से कम है तो उसे रजिस्ट्री व नक्शे के साथ एक शपथ पत्र देना होगा। उन्होंने बताया कि पहले एक व्यक्ति का 1500 रुपए खर्च आता था।
पानी, जो जा रहा है बेकार
कौंसिल की ओर से सुबह शाम आठ घंटे पानी उपलब्ध करवाया जा रहा है। इसके बावजूद कई स्थानों तक लोगों के घरों में पीने का पानी नहीं पहुंच रहा। शहर में करीब 400 टूटियां ऐसी हैं, जो लगातार आठ घंटे ही खुलेआम चलती रहती हैं। उन टूटियों पर पानी बंद करने के लिए प्लग नहीं लगा हुआ। उन टूटियों का पानी इस्तेमाल के बाद बंद नहीं किया जाता। इसके अलावा कई टूटियों में लीकेज है, उनका पानी सीवरेज के दूषित पानी से मिल जाता है।
पर लोगों को इतना ही मिलता है
नहरी पानी परियोजना से दस महीने में दो लाख 87 हजार गैलन पानी दिया जाता है। नहरी पानी परियोजना द्वारा पानी उपलब्ध करवाने की क्षमता 1.50 लाख गैलन प्रति घंटा है। गर्मी के दिनों में 9 हजार किलोलीटर प्रतिदिन और सर्दी के दिनों में आठ हजार किलोलीटर प्रतिदिन पानी उपलब्ध होता है। इसके अलावा 9 बड़े ट्यूबवैल हैं। इनके पानी की क्षमता 20 हजार गैलन प्रतिघंटा है। इसके अलावा 1200 लीटर प्रति मिनट पानी की क्षमता वाले तीन ट्यूबवैल हैं। इतना पानी होने के बावजूद लोगों तक पानी नहीं पहुंच रहा। शहर में इस समय करीब दस हजार परिवार ऐसे हैं, जिनके घर य अन्य संस्थान में पानी के कनैक्शन कागजों में हैं। हैरानी की बात तो यह है कि दो वर्ष पूर्व शहर में मात्र 8054 ही कनैक्शन थे। इन पर भी लाखों रुपए का बकाया है। एक सर्वे के मुताबिक शहर में 60.15 किलोमीटर वाटर सप्लाई की पाइप बिछी हुई है, जिससे करीब 12 हजार परिवार मुफ्त का पानी पी रहे हैं।
कनेक्शन लेना अब हुआ आसान
कभी वाटर सप्लाई का कनेक्शन लेने के लिये आम व्यक्ति के पसीने छूट जाते थे, लेकिन अब इसे सरल किया जा रहा है। नगर कौंसिल अवैध कनेक्शनों को वैध करवाने के लिए प्रयारत है। कौंसिल अध्यश्र अनिल सेठी ने कहा कि नया कनेक्शन लेने की प्रक्रिया बहुत ही सरल कर दी गई है। अब कोई अधिक फार्मेलिटी नहीं, घर का नक्शा, रजिस्ट्री व 250 रुपए कनेक्शन फीस, 100 कंपेशेशन फीस जमा करवा कर आप का कनेक्शन रेगुलर करवा सकते हैं। यह उन जगहों के लिए है, जहां पर रोड कटिंग नहीं लगती। अगर किसी व्यक्ति का घर 1120 वर्ग फुट से कम है तो उसे रजिस्ट्री व नक्शे के साथ एक शपथ पत्र देना होगा। उन्होंने बताया कि पहले एक व्यक्ति का 1500 रुपए खर्च आता था।
पानी, जो जा रहा है बेकार
कौंसिल की ओर से सुबह शाम आठ घंटे पानी उपलब्ध करवाया जा रहा है। इसके बावजूद कई स्थानों तक लोगों के घरों में पीने का पानी नहीं पहुंच रहा। शहर में करीब 400 टूटियां ऐसी हैं, जो लगातार आठ घंटे ही खुलेआम चलती रहती हैं। उन टूटियों पर पानी बंद करने के लिए प्लग नहीं लगा हुआ। उन टूटियों का पानी इस्तेमाल के बाद बंद नहीं किया जाता। इसके अलावा कई टूटियों में लीकेज है, उनका पानी सीवरेज के दूषित पानी से मिल जाता है।
पर लोगों को इतना ही मिलता है
- नहरी पानी परियोजना में पानी की क्षमता 2,08700 गैलन
- परियोजना से गर्मी में उपलब्ध पानी 9,000 लीटर प्रतिदिन
- परियोजना से सर्दी में उपलब्ध पानी 8,000 लीटर प्रतिदिन
- शहर में बड़े ट्यूबवेलों की संख्या 09
- बड़े ट्यूबावेलों के पानी की क्षमता 20,000 गैलन प्रति घंटा
- शहर में छोटे ट्यूबवेलों की संख्या 03
- छोटे ट्यूबवेलों के पानी सप्लाई करने की क्षमता 72,000 लीटर प्रति घंटा
- शहर में चल रहे अवैध कनेक्शन 12,000
- दो वर्ष पूर्व वैध कनेक्शन 8,050
- इस वर्ष वैध कनेक्शन 10,050
- प्रति परिवार पानी की क्षमता 100 लीटर प्रतिदिन
- अवैध कनैक्शनों से नुकसान 2,00000 लीटर
- बेकार जा रहा पानी 30,000 लीटर
- रेहडिय़ों पर बेचा जाता है पानी
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