Thursday, August 12, 2010

पंजाब के मालवा क्षेत्र में सेम और जमीन के खारेपन से निपटने के लिए परियोजना को मंजूरी

चंडीगढ़ (अमरजीत रतन) पंजाब सरकार ने मालवा क्षेत्र में सेम और जमीन के खारेपन की समस्या से युद्ध स्तर पर निपटने के लिए एक नवीन संगठित एग्रोबिजनेस पायलट प्रोजेक्ट को हरी झंडी दी है | यह प्रोजेक्ट नासा  एग्रो इण्डस्ट्रीज द्वारा फिरोजपुर जिले के सजराना में शुरू किया जायेगा | इस सम्बन्ध में फैंसला मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने नासा के प्रबंध निदेशक संजीव नागपाल की विस्तृत पेशकारी देखने के बाद लिया | प्रोजेक्ट में खाली जमीन पर मछली पालन, धान की पराली से बायो-गैंस प्लांट चलाने और खाद्य प्रसंस्करण के लिए सेंटर आफ एक्सीलेंस स्थापित करने का प्रस्ताव है | प्रोजेक्ट पर 82  करोड़ रूपये की लागत आएगी | नासा इस प्रोजेक्ट को सम्पूर्ण एग्रोवेंचर के माध्यम से पूरा करेगी | किर्लोस्कर इंटीग्रेटिड टेक्नोलोजी लिमिटेड और पंजाब एग्रो इण्डस्ट्रीज लिमिटेड भी इसमें हिस्सेदार होगी |
मुक्तसर, फिरोजपुर और फरीदकोट जिलो में सेम और जमीन के खारेपन की समस्या पर चिंता प्रकट करते हुए मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने कहा कि इन जिलो में किसानो की एक लाख पच्चीस हजार हैक्टेयर भूमि बेकार पड़ी है | इससे किसानो के लिए बड़ी समस्या उत्पन्न हो रही है | इस समस्या से युद्ध स्तर पर निपटने के लिए इस योजना को शुरू किया गया है | 
नासा के प्रबंध निदेशक संजीव नागपाल ने प्रोजेक्ट के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी दी | किसानो की दो सौ एकड़ भूमि में मछली पालन, संजीव नागपाल की मलकियत वाली पचास एकड़ भूमि में सेंटर आफ एक्सीलेंस और एक सौ एकड़ भूमि में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग लगाने का प्रस्ताव है | नीदरलैंड की डीएचवी कम्पनी पानी के खारेपन को दूर करने के लिए टेक्नोलोजी मुहैया करवाएगी | डीएचवी के प्रतिनिधि आशीष कटोच ने बताया कि नीदरलैंड में यह टेकनिक पिछले पच्चीस वर्षो से काम कर रही है | किर्लोस्कर के दीपक पलवानगढ़ ने बताया कि उनकी कम्पनी धान की पराली को बायो-गैंस में बदलने के क्षेत्र में अग्रणी है | पराली से पांच मेगावाट बिजली पैदा करके खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को देने का प्रस्ताव है |

No comments: