घरों व गलियों का कूड़ा कर्कट अब नगर परिषद के लिए समस्या नहीं रहेगा क्योंकि राज्य सरकार ने अब इसी कूड़ा कर्कट से बिजली बनाने की योजना बनाई है। अब ये कूड़ा कर्कट व्यर्थ व बदबू वाली वस्तु नहीं रहेगी बल्कि ऊर्जा उत्पादन का जरिया बनेगा।
सरकार ने हरियाणा की जिंदल एंड कंपनी को कूड़ा कर्कट से बिजली बनाने का ठेका दिया है। इस योजना के तहत फाजिल्का में भी कंपनी के कर्मचारियों ने हर घर में दो-दो डस्टबिन बांटने का काम शुरू कर दिया है। यह दोनों डस्टबिन अलग-अलग रंग की हैं। नीले रंग में किचन का गीला कचरा डालना है, जबकि हरे रंग के डस्टबिन में सूखा कचरा डाला जाना है। इसकी एवज में कंपनी की ओर से हर घर से तीस रुपए प्रतिमाह खर्च वसूला जाएगा।
फाजिल्का में डस्टबिन बांट रहे विनोद जाट, शिवा धवन व विनोद वाल्मीकि ने बताया कि कैलाश नगर व फर्श नंबर 14 के लगभग सभी घरों में डस्टबिन दे दिए गए हैं। साथ ही उन्हें उसमें कूड़ा डालने बारे जानकारी दी गई है। तीनों सुपरवाइजरों ने कहा कि कंपनी के कर्मचारी प्रतिदिन दो बार घरों से कूड़ा उठाने आएंगे। अब तक फाजिल्का में 45 सौ घरों में नौ हजार डस्टबिन बांटे जा चुके हैं।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले नगर परिषद के लिए कूड़ा ठिकाने लगाना एक बड़ी चुनौती बना हुआ था। अब इस समस्या से निजात मिलने के साथ ऊर्जा उत्पादन भी होगा। घरों व गलियों की सफाई भी नियमित हो जाएगी।
http://www.jagran.com/punjab/firozpur-8901072.html
Thursday, February 16, 2012
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