यह कार्ड बेचने वाली और मोबाइल कंपनियो ने माँ, बाप के बाद अब दोस्ती जैसे पवित्र रिश्ते का भी व्यापारीकरण कर दिया है । भाई मेरे दोस्त तो जिंदगी भर के लिए है, एक-आध दिन उनके नाम पर सेलिब्रेट करना शायद मेरे दोस्तों और दोस्ती की तौहीन होगी । मेरे लिये तो साल के 365 दिन भी मेरे यारों के लिये कम है । सभी ने कुछ न कुछ लिखा है तो मेरी तरफ से भी यह चोरी की चार लाइने मेरे कमीने यारो के नाम ..
यकीन पे यकीन दिलाते हैं दोस्त;
राह चलते को बेवकूफ बनाते हैं दोस्त;
शरबत बोल के दारू पिलाते हैं दोस्त;
पर कुछ भी कहो साले बहुत याद आते हैं दोस्त!
यकीन पे यकीन दिलाते हैं दोस्त;
राह चलते को बेवकूफ बनाते हैं दोस्त;
शरबत बोल के दारू पिलाते हैं दोस्त;
पर कुछ भी कहो साले बहुत याद आते हैं दोस्त!
No comments:
Post a Comment