अमृत सचदेवा, फाजिल्का
फाजिल्का में समाजसेवी संगठनों द्वारा जल बचाने के लिए छेड़ी गई मुहिम के प्रति लोगों द्वारा दिखाई जा रही बेरूखी से यही लगता है कि उनको पानी की कोई कद्र नहीं है। यही कारण है कि दो समाजसेवी संगठनों द्वारा गली व मोहल्ले में घूमकर पानी व्यर्थ बहा रही सप्लाई वाली जिन पाइपों पर टूटियां लगाई गई थीं, उनमें से कई फिर से उखाड़ दिए गए हैं।
उल्लेखनीय है कि फाजिल्का में ग्रेजुएट वेलफेयर एसोसिएशन ने सबसे पहले मुहिम चलाकर नई आबादी, धींगड़ा कालोनी, टीचर कालोनी आदि इलाकों में घरों के बाहर लगी पेयजल आपूर्ति की पाइपों पर वाल्व व टूटियां लगानी शुरू की थीं। वहीं सोशल वेलफेयर सोसायटी ने भी खुली पाइपों पर टूटियां व वाल्व लगाने के अलावा हर सप्ताह एक मोहल्ले में जल प्रभातफेरी निकालनी शुरू की है।
सोसायटी के अध्यक्ष राजकिशोर कालड़ा के अनुसार उनकी संस्था अब तक 70 व ग्रेजुएट वेलफेयर एसोसिएशन के सचिव इंजीनियर नवदीप असीजा के अनुसार उनकी संस्था ने 63 पाइपों पर टूटियां व वाल्व लगवाए हैं। इस कार्य में दोनों संगठन प्लंबर, सामान, जागरूकता के लिए साउंड सिस्टम, पर्चे बंटवाने आदि पर करीब 15 से 20 हजार रुपये खर्च कर चुके हैं।
जब दैनिक जागरण ने दोनों संस्थाओं द्वारा लगाई टूटियों का जायजा लिया तो करीब 20 पाइपों से लोगों ने टूटियां व वाल्व फिर से उखाड़ दिए थे। पता चला कि लोग मोटरों से ज्यादा पानी खींचने के लिए उन पर मोटी पाइप चढ़ाते हैं और पानी भरने के बाद पाइप को खुला छोड़ देते हैं। नतीजतन पानी फिर से बेकार बहने लगता है।
नगर परिषद से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार प्रतिदिन एक टूटी पर चार सौ लीटर पानी सप्लाई किया जाता है। दोनों संगठनों ने करीब सवा सौ टूटियों से महीने भर में व्यर्थ जाने वाला 22 लाख लीटर पानी बचाने का प्रयास किया है। लेकिन फिर से 20 पाइपों से नल उखाड़े जाने के कारण फिर से करीब दो लाख लीटर पानी बेकार जाने लगा है। लोगों के इस रवैये से दोनों संगठन हताश हैं। उन्होंने लोगों से अपील की है कि वे पानी को व्यर्थ मत जानें दें।
Monday, September 13, 2010
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