विभिन्न विभागों के कर्मचारियों और अधिकारियों का कहना है कि उन्हें मीटिंग आदि में भाग लेने के लिए महीने में कई बार फिरोजपुर जाना पड़ता था। इसके लिए सुबह घर से जल्दी निकलना पड़ता था। वापस आते-आते रात हो जाती थी। नाम न छापने की शर्त पर उन्होंने बताया कि उन्हें कई बार जिला हैड क्वार्टर जाने पर किराया आदि भी नहीं मिलता था। रात के समय वापस आने पर टैक्सी करवानी पड़ती थी। जिससे काफी परेशानी होती थी। अब जब जिला मुख्यालय की दूरी मात्र तीस किलोमीटर रह गई है तो उनको काफी राहत मिलेगी।
इसके अलावा फाजिल्का के जिला बनने से स्कूली खिलाड़ी भी खुश हैं। खिलाड़ियों के अनुसार उन्हें जिला स्तर पर खेलने के लिए 150 किलोमीटर दूर फिरोजपुर जाना पड़ता था। अब नया जिला बनने से उनको राहत मिलेगी। प्रिंसिपल सुमित कालड़ा का कहना है कि इतनी दूर जाने से खिलाड़ियों खासकर लड़कियों को परेशानी होती थी। अब नया जिला बनने से खिलाड़ियों को भी राहत मिली है।
No comments:
Post a Comment