कैसे हुआ खुलासा |
खटीक मोहल्ला के आरटीआई कार्यकर्ता अमरनाथ चेतीवाल ने आरटीआई एक्ट के तहत बठिंडा डेवलपमेंट अथॉरिटी से फाजिल्का व इसके अधीन पड़ते क्षेत्रों में काटी गई कालोनियां संबंधी जानकारी मांगी थी। इस सूचना के तहत जानकारी दी गई कि फाजिल्का व इसके साथ लगते ग्रामीण क्षेत्र में काटी गई 27 कालोनियां अनधिकृत हैं। बीडीए द्वारा इन 27 कालोनियों को काटने वाले संचालकों के नामों का भी खुलासा किया गया है। इन अवैध कालोनी काटने वालों में भाजपा के पूर्व मंडलाध्यक्ष की पत्नी व एक वरिष्ठ अध्यापक का नाम भी शामिल है। सबसे अधिक अवैध कॉलोनियां गांव पैंचांवाली व रामपुरा की हद में काटी गई हैं।
कॉलोनी काटने के लिए शर्तें|
कोई भी कालोनी से काटने से पहले कुछ नियम होते हैं जिन्हें पूरा करना होता है। सिविल इंजीनियर नवदीप असीजा के अनुसार कालोनी काटने से पूर्व रहने वाले लोगों के लिए पीने के पानी, पानी की निकासी, गलियां, नालियां, सीवरेज व पार्क का प्रबंध होना चाहिए। इसके अलावा कालोनी काटने से पूर्व कालोनी काटे जाने वाले स्थान के बारे में पुडा व अन्य संबंधित विभाग को लिखित रूप से बताना होता है, लेकिन इसके विपरीत बीडीए द्वारा अवैध घोषित की गई कालोनियों को काटते हुए इनमें से किसी भी शर्त को पूरा नहीं किया गया है।
प्रदेश सूचना आयुक्त सख्त|
इन अवैध कालोनियां काटने वालों के विरुद्ध कार्रवाई संबंधी प्रदेश सूचना आयुक्त ने कड़ा रुख अपना लिया है और पीपीएस गिल व बीसी नामक दो वरिष्ठ अधिकारियों पर आधारित डिवीजन बैंच गठित कर दिया गया है। आरटीआई कार्यकर्ता चेतीवाल ने बताया कि उन्हें डिवीजन बैंच के दोनों अधिकारियों से वीडियो कॉन्फ्रेंस के लिए 27 सितम्बर को फिरोजपुर के जिला उपायुक्त कार्यालय में बुलाया गया है। (लछमण/पवन )
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