अमृत सचदेवा, फाजिल्का
जरूरी नहीं कि कोई बड़ा शहर ही छोटे शहरों के लिए नजीर पेश करे, छोटा शहर भी बड़े शहरों के लिए एक अच्छा रोल मॉडल पेश कर सकता है। यातायात नियंत्रण, प्रदूषण की रोकथाम व ऐतिहासिक धरोहरों को सहेजने के लिए फाजिल्का के घंटाघर चौक को कार फ्री जोन बनाया जाना पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट को इतना भाया है कि माननीय उच्च न्यायालय ने इसका स्वयं संज्ञान लेते हुए पंजाब और हरियाणा को अपने शहरों की चुनिंदा जगहों तथा केंद्र शासित प्रदेश(यूटी) चंडीगढ़ को भी अपने चुनिंदा स्थान को कार फ्री जोन बनाने और उसमें आवागमन के साधन के तौर पर इको फ्रेंडली रिक्शा चलाने के लिए कहा है। गौरतलब है कि पर्यावरण को स्वच्छ रखने के लिए नए ढंग के रिक्शा (ईको कैब) की शुरुआत भी फाजिल्का से ही की गई है।
उल्लेखनीय है कि पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने फाजिल्का में घंटाघर चौक पर स्थापित किए गए कार फ्री जोन तथा यहां चलाए नए व आधुनिक ढंग के ईको फ्रेंडली रिक्शा से प्रभावित होकर 29 अक्टूबर 2010 में स्वयं संज्ञान लेते हुए पंजाब, हरियाणा व केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ में भी ईको कैब चलाने व ऐतिहासिक स्थलों को वाहनों के प्रदूषण व ट्रैफिक जाम से बचाने के लिए कार फ्री जोन बनाने के निर्देश दिए थे। 23 सितंबर, 2011(शुक्रवार) को मामले की सुनवाई के दौरान पंजाब सरकार द्वारा दाखिल हलफनामे में कहा गया है कि प्रदेश के 12 जिलों में 500 से अधिक ईको कैब चला दी गई हैं। कार फ्री जोन बनाने के भी प्रयास जारी हैं। वहीं चंडीगढ़ के सीनियर स्टैंडिंग काउंसिल संजय कौशल ने भी यूटी द्वारा किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी, लेकिन हरियाणा द्वारा इस संबंध में कोई विशेष प्रयास न होने के चलते हाईकोर्ट ने हरियाणा की तरफ से पेश हुए नुमाइंदे को फटकार लगाई है। हाईकोर्ट ने चंडीगढ़ के सेक्टर 17 को कार-फ्री जोन बनाने के लिए यूटी से प्लान भी मांगा है। इस मामले की आगामी सुनवाई 21 अक्टूबर निर्धारित की गई है।
Sunday, September 25, 2011
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment