Monday, September 19, 2011

फर्जी नोटिकिफेकशन पर ढहाने वाले थे आशियाने!

अमृत सचदेवा, फाजिल्का

करीब चार वर्ष पहले सेना की ओर से स्थानीय लोगों के आशियाने ढहाने के लिए नोटिस देने के मामले ने नया मोड़ ले लिया है। तब सेना ने डीसी के ड्राफ्ट नोटिफेकेशन का हवाला देते हुए यह नोटिस जारी किया था, लेकिन लंबे जद्दोजहद के बाद खुलासा हुआ है कि डीसी आफिस से कोई नोटिफिकेशन जारी ही नहीं हुआ था।

मामले में तारीख पे तारीख के बाद आखिरकार स्थानीय अदालत ने जब रिकार्ड पेश करने में आनाकानी कर रहे अधिकारियों के वारंट निकाले तो एक नहीं डीसी कार्यालय के तीनों सुपरिंटेंडेंट को पेश होना पड़ा।

आर्मी ने करीब चार साल पहले फिरोजपुर के तत्कालीन डीसी सतीश चंद्रा के 26 नवंबर 1996 के ड्राफ्ट नोटिफिकेशन का हवाला देते हुए आर्मी कैंट की चारदीवारी के नजदीक बसी कालोनी के बाशिंदों के आर्मी के क्रस्ट की बाहरी सीमा से पांच सौ गज के दायरे में आने वाले मकानों को ढहाने की चेतावनी के नोटिस निकाले थे।

इससे डरे कालोनी वासियों ने विजय कुमार इत्यादि बनाम यूनियन आफ इंडिया केस स्थानीय अदालत में दायर कर उक्त ड्राफ्ट नोटिफिकेशन को चैलेंज किया था। कालोनी निवासी एवं आरटीआई एक्टिविस्ट दीपक मुदगिल ने आरटीआई के जरिये जानकारी हासिल की डीसी कार्यालय की तरफ से सेना को उक्त ड्राफ्ट नोटिफिकेशन उपलब्ध ही नहीं है।

सुनवाई के दौरान स्थानीय अदालत में सेना अधिकारियों ने बयान दिया कि उन्होंने जिस ड्राफ्ट नोटिफिकेशन के आधार पर नोटिस जारी किए हैं, उसका असल रिकार्ड सेना ने नष्ट कर दिया है। इस पर अदालत ने कई बार डीसी कार्यालय के संबंधित अधिकारी को सम्मन भेजकर रिकार्ड पेश करने के लिए कहा। रिकार्ड नहीं पेश किया गया तो माननीय न्यायाधीश गुरबीर सिंह ने डीसी कार्यालय फिरोजपुर के सुपरिंटेंडेंट धर्मपाल, यशपाल ग्रोवर, विपिन शर्मा के 16 सितंबर 2011 को पेश होने के जमानती वारंट निकाल दिए। उसका असर ये हुआ कि तीनों अधिकारियों को अपनी शाखा के अधिकारी के साथ पेश होना पड़ा।

आरटीआई एक्टिविस्ट मुदगिल ने कहा कि इस पेशी ने सारे मामले का रुख ही बदलकर रख दिया है। डीसी कार्यालय की तरफ से दिए गए बयान में कहा गया है कि उक्त ड्राफ्ट नोटिफिकेशन डीसी कार्यालय से जारी ही नहीं किया गया। इससे सेना के अधिकारियों द्वारा कालोनी के दर्जनों परिवारों के मकान ढहाने के लिए निकाले नोटिस पर सवालिया निशान लगा दिया है। मामले की अगली सुनवाई 23 सितंबर को मुकर्रर की गई है।

http://in.jagran.yahoo.com/news/local/punjab/4_2_8226175_1.html

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