Sunday, January 30, 2011

फाजिल्का में होगा पर्यटनस्थल विकसित

फाजिल्का के ऐतिहासिक स्थलों को केन्द्र सरकार का पर्यटन विभाग अब अपने हाथों में लेगा। इस बारे में सर्वे पूरा हो चुका है। इन स्थलों को विकसित करने के लिए जिला फिरोजपुर के डीसी कमल किशोर यादव ने पर्यटन विभाग को स्वीकृति के लिए रिपोर्ट भेज दी है। क्षेत्र के सभी ऐतिहासिक स्थलों को ओर विकसित करने पर करीब 75 लाख रुपए खर्च होंगे। ग्रेजुएट्स वेलफेयर एसोसिएशन फाजिल्का के सचिव नवदीप असीजा ने बताया कि फाजिल्का की सबसे पुरानी ऐतिहासिक इमारत रघुवर भवन, घंटाघर, आसफवाला शहीदों की समाधि, सादकी बार्डर, विरासत भवन, बाधा झील और गोल कोठी अगर पर्यटन स्थलों में शामिल होते हैं तो फाजिल्का ओर विकसित होगा। 

सादकी बार्डर है खास

पंजाब की भारत पाक सरहद पर स्थित वाहगा और हुसैनीवाला के अलावा फाजिल्का के सादकी बार्डर पर दोनों देशों की ओर से रिट्रीट सेरेमनी का आयोजन किया जाता है। जिसे देखने के लिए राजस्थान, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश से भी भारी संख्या में लोग आते हैं। यहां खासकर 15 अगस्त को हजारों की तादाद में दोनों देशों के लोग जमा होते हैं।

ये है विरासत भवन में

कबाड़ बन चुकी चीजों की संभालकर लैक्चरर पम्मी सिंह की ओर से लड़कों के सरकारी माडल सीनियर सेकंडरी स्कूल में विरासत भवन बनाया गया है। जिसमें 1928 के बाद की अधिकांश वस्तुएं और तस्वीरें सजाई गई हैं। स्कूल में ही ब्रिटिश सरकार की ओर से निर्मित गोल कोठी है। इसका निर्माण 1913 में किया गया था। 

ऐतिहासिक है घंटाघर 

ब्रिटिश सम्राज्य में 6 जून 1936 में तैयार राम नारायण पेड़ीवाल क्लाक टावर शहर के बीचो बीच निर्मित है। इसके उत्तर, दक्षिण, पूर्व और पच्छिम दिशा में मार्किट बनाई गई हैं। घंटा घर की खूबसूरती को देखते ही एक बारगी तो 21वीं सदी के भवन निर्माण कला माहिर भी दाद देते हैं कि ऐसी सुन्दर व अनूठी इमारत शायद ही कहीं हो। आलौकित सुंदरता से भरपूर घंटा घर की शोभा एक अचंभा है।

Saturday, January 29, 2011

ਚੰਗੀਆਂ ਸੇਵਾਵਾਂ ਬਦਲੇ ਪ੍ਰਦੀਪ ਛਾਬੜਾ ਦਾ ਸਨਮਾਨ

ਫਾਜ਼ਿਲਕਾ, 28 ਜਨਵਰੀ (ਮਨਦੀਪ) : ਸਰਵ ਸਿੱਖਿਆ ਅਭਿਆਨ ਫਾਜ਼ਿਲਕਾ ਬਲਾਕ 2 ਦੇ ਪ੍ਰੋਜੈਕਟ ਕੋਆਰਡੀਨੇਟਰ ਪ੍ਰਦੀਪ ਛਾਬੜਾ ਨੂੰ ਸਿੱਖਿਆ ਦੇ ਖੇਤਰ ਵਿਚ ਵੱਡਮੁੱਲੀਆਂ ਸੇਵਾਵਾਂ ਅਤੇ ਵੱਧੀਆਂ ਪ੍ਰਸ਼ਾਸਕ ਦੇ ਤੋਰ ਗੰਣਤੰਤਰ ਦਿਵਸ ਮੌਕੇ ਐਸਡੀਐਮ ਸ੍ਰੀ ਅਜੇ ਸੂਦ ਨੇ ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ ਤੋਰ ਤੇ ਸਨਮਾਨਿਤ ਕੀਤਾ। ਇਸ ਮੌਕੇ ਬੀਡੀਪੀਓ ਸ੍ਰੀ ਹਰਕ੍ਰਿਸ਼ਨ ਲਾਲ, ਨਗਰ ਕੌਸਲ ਪ੍ਰਧਾਨ ਸ੍ਰੀ ਅਨਿਲ ਸੇਠੀ ਵੀ ਹਾਜਿਰ ਸਨ। ਅੱਜ ਸਥਾਨਕ ਬੀਪੀਈਓ ਦਫ਼ਤਰ ਨਾਲ ਸਬੰਧਤ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਵਿਚ ਸ੍ਰੀ ਅਸ਼ੋਕ ਮੋਜੀ ਬੀਪੀਓ, ਸੰਦੀਪ ਕੁਮਾਰ, ਸੋਨਮ ਮੈਡਮ, ਕੋਮਲ, ਮੋਨਿਕਾ, ਸੀਪੀਈਓ ਅਸ਼ੋਕ ਕੁਮਾਰ, ਮੈਡਮ ਨਰਿੰਦਰ ਕੋਰ, ਬੀਆਰਪੀ ਰਵਿੰਦਰ ਪਾਲ ਸਿੰਘ, ਇੰਦਰ ਸਿੰਘ, ਕੁਲਬੀਰ ਸਿੰਘ ਨੇ ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਵਧਾਈ ਦਿੱਤੀ ਹੈ।

Punjab’s agro-processing sector cheers as investments flow in

Saturday, January 29, 2011 08:00 IST 
Our Bureau, Mumbai

The union ministry of food processing industries must be sulking for investmnets in the sector but for Punjab the story is certainly different. With Rs 300-crore investment proposals coming in the agro-processing sector, the state is looking forward to potential employment opportunities and growth in the state's economy.

The investment proposals that came in the state's agro-processing sector included setting up of two textile units, expansion of barley processing plant, union food processing ministry's mega food park and a biogas-plant in the state. 

"The screening committee of the Punjab government has cleared these projects," a senior official of the state-owned Punjab Agro Industries Corporation (PAIC), said.

Punjab offers incentives such as exemption in stamp duty on buying land, electricity duty, etc, on setting up a mega project with an investment over Rs 25 crore in the state.

The UB Group's subsidiary, Maltex Malsters, has proposed to expand its barley processing into malt capacity from 20,000 tonnes to 50,000 tonnes per annum in the next 12 months, at a cost of Rs 31 crore. The company had a unit in Patiala and it uses malt for its distillery business.

Another project proposal in the offing is the state's first mega food park, conceptualised by the union food processing ministry, to be set up at Fazilka with an investment of Rs 132 crore, offering 5,000 jobs. The ministry has assigned this project to International Fresh Farm Products Limited.

The park will have a state-of-the-art infrastructure meant for agro or food-processing sector along with value chain from farm to market that would help in attracting investments in food processing and fetch remuneratives to the farmers.

Another company called Sampuran Agri Ventures has proposed to set up a paddy straw- based biogas generation plant at Fazilka, entailing an investment of Rs 62 crore, with a processing capacity of 105 tonnes per hour.


Punjab has received investments worth Rs 5,000 crore in farm processing units in the last four years.

Zamindara Farm Solutions launches programme, training centres

Vijay C Roy/New Delhi/ Chandigarh - Jan 28,2011 00:15 AM

Taking a step ahead, Punjab-based Zamindara Farm Solutions (Pvt) Ltd, which offers agricultural equipment to farmers at a nominal rent, intends to open 150 training centres covering 800-900 villages across the state in the next 12 months to train rural youth on agricultural equipment. According to the company, the initiative will not only help the rural youth to get employment but also help in making agriculture sustainable for small and marginal farmers.

It has transformed itself into a large supplier of agriculture goods and services. It operates one of the largest equipment bank, one of its kind, in Punjab.

Speaking to Business Standard, Zamindara Farm Solutions Director Vikram A Ahuja said, "We had set up a training centre in Malout for rural youth on farm mechanisation equipment including maintenance in association with the state government which would be inaugurated very soon. Similarly, we wish to set up sub-centre across the state. Initially, we plan to set about 150 centres in association with local panchayats, local people or may be in association with state government.&"

He added, farmers in Punjab have traditionally taken costly bank loans to buy expensive farm equipment. This equipment has been by and large underutilised due to the small size of the farm holdings (4.2 million hectares are cultivated by 1.5 million families) and the seasonality of use. With this situation in mind we have formed the company. "We have launched Karz Mukt Kisan (Debt Free Farmer) program, which in addition to providing equipments on hiring basis also encourages water conservation and soil improvement,&" he added.

Monday, January 24, 2011

Kite flying competition to be held in Fazilka on Feb 8

Fazilka, January 23

To boost tourism in this border town, the NGOs would organise a kite flying festival in Fazilka on February 8.

The festival would be organised at the local Government Senior Secondary School for Boys on Basant Panchami by the NGOs including Graduate Welfare Association Fazilka (GWAF), Martyr Bhagat Singh Sports Club and Sarhad Social Welfare Society (SSWS), Fazilka. Experts from different towns of Punjab and the neighbouring states have been invited to participate, said Navdeep Asija, general secretary, GWAF and Rakesh Nagpal, president, SSWS.

The NGOs would also spread the message of the residents of Fazilka for getting district district headquarter status and checking female foeticide by printing and displaying it on the kites.

The winning teams would be awarded a cash prize of Rs 3100, Rs 2100 and Rs 1100, respectively by the SSWS, said Nagpal. Asija said the Association has also released a logo of the festival. — OC

Sunday, January 23, 2011

जमकर उड़ेंगे गुड्डे, लड़ेंगे पेचे

22 January 2011, जागरण संवाददाता, फाजिल्का

गुजरात व राजस्थान की तर्ज पर पंजाब में भी पहली बार पतंगबाजी मुकाबले करवाए जाएंगे और विजेता पतंगबाजों को नकद पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे। यह आयोजन फाजिल्का में बसंत पंचमी के उपलक्ष्य में आठ फरवरी (बसंत पंचमी वाले दिन) दोपहर 12 बजे से किया जाएगा। ग्रेजुएट वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा स्थानीय सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल में बने विरासत भवन में आयोजित होने वाले इस महोत्सव को लेकर युवाओं में अभी से उत्साह देखा जा रहा है और करीब 150 पतंगबाज मुकाबले में शामिल होने की इच्छा जता चुके हैं। उक्त आयोजन का मकसद विदेशी त्यौहारों की ओर आकर्षित हो रही युवा पीढ़ी को भारतीय संस्कृति की ओर वापस लाना है।

उल्लेखनीय है कि बसंत पंचमी पंजाब के कई शहरों में धूमधाम से मनाई जाती है। अमृतसर, बठिंडा, फिरोजपुर व अन्य बड़े नगरों में इस दिन पतंगें भी खूब उड़ाई जाती हैं और पतंगबाजी के मुकाबले भी होते हैं। लेकिन जितने बड़े स्तर पर गुजरात व राजस्थान में पतंगबाजी मुकाबले होते हैं और बड़े-बड़े पुरस्कार दिए जाते हैं, उसी तर्ज पर पंजाब टूरिज्म के नक्शे पर उभर रहे फाजिल्का में भी नकद राशि पुरस्कारों वाला यह पहला मुकाबला पंजाब में होगा। एसोसिएशन के सचिव नवदीप असीजा ने बताया कि इस पतंग महोत्सव का उद्देश्य बसंत पंचमी जैसा अपनी भारतीय संस्कृति का त्यौहार मनाने के लिए लोगों को प्रेरित करना है। वहीं फाजिल्का जिसे कि राज्य सरकार ने पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए मंजूरी दे दी है, की पर्यटन विशेषताओं को उभारना भी है।

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कुछ ऐसा होगा पतंग महोत्सव

फाजिल्का : सभी प्रतिभागियों के पीले परिधान, पतंगों के पीले रंग और इलाके को पर्यटन के नक्शे पर चमकाने के प्रयास कार्यक्रम के मुख्य आकर्षण होंगे। साथ ही एक साथ पतंग उड़ाने वाले सैकड़ों प्रतिभागियों में से अंत में बचे तीन को अव्वल चुना जाना और उन्हें क्रमश: 31, 21 व 11 सौ के नकद पुरस्कार मिलना भी कार्यक्रम का आकर्षण होंगे।

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पतंग विक्रेताओं में भी उत्साह

फाजिल्का : शहर में आयोजित होने जा रहे पतंग महोत्सव को लेकर पतंग विक्रेताओं में भी उत्साह है। फाजिल्का के प्रमुख पतंग विक्रेता पुराने अबोहरी अड्डे के निकट पतंगें बेचने वाले शाम लाल अग्रवाल ने बताया कि वैसे तो गर्मियों में यहां खूब पतंगें उड़ती हैं लेकिन बसंत पंचमी जैसे पर्व के मौके पर पतंगबाजी इस पर्व का लुत्फ और बढ़ा देगी। उन्होंने इस महोत्सव के लिए पतंगों व डोर की नई रेंज मंगवा ली है। वहीं वान बाजार की कुक्कड़ स्ट्रीट के दुकानदार सोनू ने कहा कि पतंगबाजी का अपना ही मजा होता है। उस पर अगर नकद पुरस्कार रखे गए हैं तो उसके लिए युवाओं में क्रेज बढ़ना लाजिमी है। उन्होंने कहा कि वह पतंग महोत्सव के लिए पतंगों की पूरी रेंज प्रतिभागियों को मुहैया करवाएंगे|

http://in.jagran.yahoo.com/news/local/punjab/4_2_7217981.html

Saturday, January 22, 2011

Punjab's First Kite Flying Festival at Fazilka:: Fazilka Tourism

Fazilka Kite Festival
फाजिल्का बसंत पंचमी के मौके पर होगा पंजाब का पहला पतंग महोत्सव : फाजिल्का पर्यटन 
फाजिल्का पर्यटन को बढ़ावा देने के मंतव से आगे आई समाज सेवी संस्थाए 

"चली चली रे पतंग मेरी चली रे, चली बादलो के पार होके डोर पे सवार, सारी दुनिया यह देख देख जली रे"

पहली बार फाजिल्का की शान बन चुका विरासत भवन अब  Graduates Welfare Association फाजिल्का, शहीद भगत सिंह स्पोर्ट्स क्लब फाजिल्का और सरहद Social Welfare सोसाइटी के साथ मिल के 8 फरवरी को  बसंत पंचमी के मौके पर गवर्नमेंट Secondary माडल स्कूल (लड़के) में फाजिल्का व् पंजाब का पहला पतंग महोत्सव मानाने जा रहा है | पंजाब  में मनाया जाने वाला यह अपने तरह का यह पहला पतंग महोत्सव होगा | यह आयोजन फाजिल्का को दुनिया के कुछ चुनींदा शहरों की श्रेणी में खड़ा कर देगी जहाँ पर पतंग उत्सव मनाया जाता है और इससे सीधे तौर पर फाजिल्का पर्यटन उद्योग को काफी लाभ पहुंचेगा | आसमान में उडती हुयी पतंगे फाजिल्का वासियों के होंसले और बुलंदियों को छूने के इरादे और रंग बिरंगी पतंगे, फाजिल्का के लोगो के रंग बिरंगी जिंदगी और उनके स्वभाव को पर्दर्शित करेंगी | हर पतंग के साथ "फाजिल्का को जिला बनाए" का सन्देश भी साथ में लगाकर आसमान में छोड़ा जायेगा | इस कार्यक्रम का पूरी डिजाईन अथवा आर्ट वर्क श्री विकास बजाज ने किया है |

 इसमें पहले दुसरे और तीसरे स्थान पर आने वाले पतंगबाजो के टीम को क्रम्शय 3100/- 2100/- व 1100/- के पुरस्कारो से भी नवाजा जायेगा जो की सरहद Social Welfare सोसाइटी फाजिल्का के तरफ से दिए जायेंगे | पतंग महोत्सव के सभी तैयारिया पूरी कर ले गयी है और उम्मीद है, इसमें ना केवल पंजाब बल्कि साथ लगते राज्य हरियाणा और राजस्थान से भी टीमे हिस्सा लेंगी | युवाऊ में इस महोत्सव को देखते हुए काफी उत्शाह पाया जा रहा है |

" हमारे सभ्याचार से जुडी कई ऐसे चीजे है, जिन्हें हमें समय के साथ बदलाव करके आगे लाते रहना चाहिए, ताकि हमारी विरासत भी जिन्दा रहे और समाज भी एक माला में बंधा रहे"  पम्मी सिंह. संस्थापक, फाजिल्का विरासत भवन|


" शहीद भगत सिंह स्पोर्ट्स क्लब फाजिल्का का मकसद शुरू सी ही  दिशाहीन और नाशो में डूब रहे पंजाबी युवाऊ को खेलो के प्रति प्रेरित करना और उनकी शक्ति को देश अथवा समाज के निर्माण के तरफ लगाना रहा है, पतंग शुरू से ही हमारी विरासत से जुडी है और बसंत में किसी समय फाजिल्का का आस्मां, पतंगों से भर जाता था". आज का युवा इन सामाजिक समीकरणों से दूर हो कर, अकेलेपन के जिंदगी के तरफ ज्यादा जा रहा है" , ऐसे महोत्सव समय समय पर होते रहने चाहिए और हम सदा इस के लिए अगर्सर रहेंगे" परमजीत वरार, प्रधान, शहीद भगत सिंह स्पोर्ट्स क्लब फाजिल्का|

"टूट रहे सामाजिक समीकरणों को, इस तरह के उत्सवो से हे जोड़ के रखा जा सकता है, जिससे ना केवल युवाऊ में खेल के प्रति बल्कि ख़तम होती विरासत को सँभालने के लिए भी प्यार पैदा होगा और फाजिल्का का नाम पर्यटन के क्षेत्र में देश और दुनिया भर में मशहूर होगा अथवा रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे"  नवदीप असीजा, ग्वाफ़ | याद रहे की गुजरात में १५ दिनों के पतंग महोत्सव से, राज्य को करीब ३०० करोड़ से भी ज्यादा आय होती है | 

श्री राकेश नागपाल, सरहद Social Welfare सोसाइटी  फाजिल्का के अद्यक्ष ने इस अवसर पर अपने आप को साथ जोड़ के ख़ुशी व्यक्त के और कहा की सरहद केसरी परिवार सदा हे ऐसे कार्यक्रमों में आगे रहा है, और इस पूरे कार्यक्रम को भी सफलतापूर्वक बनाने में अपना पूरा सहियोग देगा |  भाग लेने वाले अपने नाम, पम्मी सिंह, विरासत भवन, सरकारी मॉडल स्कूल Boys , फाजिल्का या सरहद केसरी के दफ्तर में लिखवा सकते है | श्री गुरदीप सिंह प्रिंसिपल सरकारी मॉडल स्कूल Boys , फाजिल्का के इस प्रकार के पंजाब में  हो रहे पहले कार्यक्रम का गवर्नमेंट स्कूल में होने पर ख़ुशी प्रगट के है | कार्यक्रम के दोरान अलग अलग लोक कलाओ के साथ संगीत की धुनें भी बजायी जाएँगी और पूरा आसमान रंग बिरंगी पतंगों से भर ਦੀਯਾ जायेगा    |

Friday, January 21, 2011

National Rural Games:Fazilka girl wins bronze in badminton

Praful C. Nagpal

Fazilka, January 20
Despite the blot of female foeticide on the Malwa region, girls here are surpassing the boys in various fields. A teenaged girl of Fazilka, Vasundhara (14) has achieved the rare distinction of winning a bronze in the national rural games that concluded at Fatehgarh Sahib in Punjab recently.

A student of class VIII at the local Army School, she is the daughter of a sports teacher, Neeraj Bhaskar, and a BSNL employee, Pawan Sharma.

Vasundhara has won the bronze in the under-16 category in the national-level badminton tournament. Notably, Vasundhara had led the Punjab state badminton team in the tournament in this category.

She has been shining in the games at the state and national-level during the past two years. In November 2010, in the state-level tournament, held at Ludhiana, the badminton team of Ferozepur district led by Vasudhara had also won the gold medal.

An all-rounder, Vasundhara has not only exhibited her talent in sports but has also proved her capability in the education. The achievement of Vasundhara has become more significant as she belongs to a border town where the basic facilities are negligible.

Despite repeated demands, no wooden badminton court has been set up in any of the government or private institutions. Moreover, no good badminton coach is available in the town to boost the game.
http://www.tribuneindia.com/2011/20110121/bathinda.htm#12

"I am fascinated with Gopi Chand Pulela, a former All-England badminton champion. My target is to win the reputed international grand slam for my country," said Vasundhara.

Fazilka Tourism-Punjab Kesri

Report by Praful Nagpal

AIEEE Mock Test Fazilka - Punjab Kesri


Thursday, January 20, 2011

इंजीनियरिंग विद्यार्थियों का होगा निशुल्क मोक टेस्ट

जागरण संवाददाता, फाजिल्का

स्थानीय समाजसेवी संस्था ग्रेजुएट वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा पंजाब के रायत बाहरा ग्रुप के सहयोग से इंजीनियरिंग करने के इच्छुक विद्यार्थियों के लिए निशुल्क मोक टेस्ट का आयोजन 13 फरवरी को होगा।

स्थानीय डीसी डीएवी पब्लिक स्कूल में हुई प्रैस कान्फ्रेंस में इस बात की जानकारी देते हुए स्कूल प्रिंसिपल ऋतु मैनराओ व रायत बाहरा ग्रुप के असिस्टेंट डायरेक्टर जीएस मदान ने बताया कि इस टेस्ट में करीब एक हजार विद्यार्थियों को शामिल करने की योजना है। यह टेस्ट डीसी डीएवी स्कूल में ही लिया जाएगा। इसमें आस-पास के शहरों अबोहर, जलालाबाद, मलोट आदि के विद्यार्थी भी भाग ले सकेंगे। यह टेस्ट तो निशुल्क है ही, साथ ही विद्यार्थियों को दूसरे शहरों से लाने व ले जाने का प्रबंध भी निशुल्क किया जाएगा। टेस्ट के टॉपर को नकद 11 हजार, सेकेंड टॉपर को 5100 व थर्ड टॉपर को 2100 रुपये का पुरस्कार प्रदान किया जाएगा। इसके अलावा मेरिट में आने वाले अन्य विद्यार्थियों को ग्रुप की ओर से स्कालरशिप लैटर दिया जाएगा और टॉपर विद्यार्थियों को बिना एंट्रेंस एडमिशन भी दी जाएगी। उन्होंने बताया कि यह मोक टेस्ट ग्रुप के चेयरमैन गुरविंदर सिंह बाहरा की प्रेरणा व ग्रेजुएट वेलफेयर एसोसिएशन के सहयोग से लिया जा रहा है

इस मौके पर एसोसिएशन के डा. रजनीश कामरा, रवि खुराना, पंकज धमीजा, ग्रुप के पीआरओ राजिंदर सिंह भी मौजूद थे। स्कूल प्रिंसिपल ऋतु मैनराओ ने मोक टेस्ट के लिए स्कूल का चयन करने पर ग्रुप व एसोसिएशन का आभार प्रकट किया।

Tuesday, January 18, 2011

Dream to make border town a tourism hub likely to come true - Fazilka

Praful Chander Nagpal

Fazilka, January 17
Fazilka, the 165-year-old historical town situated on the Indo-Pak border, is going be developed as tourism hub soon. The representatives of different NGOs have been yearning to set up a tourist centre in this area for long.

"We have prepared a comprehensive plan for setting up a tourism hub in the rural area of Fazilka sub-division and have sent it to the Tourism Department (Government of India) through the state government for approval. The administration is keen to develop the important and historic areas of Fazilka as tourist centres," confirmed Ferozepur Deputy Commissioner Kamal Kishore Yadav.

"If the Central government approves the project, a sum of Rs 75 lakh can be allotted for the project," he added. "The Graduate Welfare Association Fazilka (GWAF) has been demanding a tourism hub in Fazilka for the last two years. Now, it has also released a Fazilka tourism logo," said Navdeep Asija, general secretary, GWAF.

As per the information available, Sadiqi JCP where the retreat ceremony is performed daily, War Memorial of the 1971 Indo-Pak war heroes at the border village Asafwala, the historical Clock Tower of Fazilka, footwear (Jutti) and Raghuvar Bhawan Bangla (old name of Fazilka), where at present the official residence of the Fazilka SDM is situated and Gol Kothi (the oldest buildings of the town) can be promoted and developed as tourist spots.

The magnificent war memorial of the 1971 Indo-Pak heroes, who had attained martyrdom while defending the country during the war, is situated in the border village Asafwala, seven kilometres from here on the national highway 10.

About 280 officials and jawans of four Jat Regiment, 15 Rajput Regiment and three Assam Regiment of the Indian Army had made supreme sacrifice in the war.

A collective cremation of the martyrs of of four Jat Regiment was performed here. Shaheedon Ki Samadhi Committee Asafwala (Fazilka) has been maintaining the memorial properly. The photographs of the martyrs, war history, war scenes and insignias related to war and Army have also been displayed in a museum raised in the premises of the war memorial. Scores of people daily pay the obeisance at this place.

The president of the committee Sandeep Gilhotra has demanded that this best privately managed war memorial should also be taken into consideration to be developed as a tourist place.

"Sadiqi joint check-post (JCP) is the last point on the national highway no 10 in Fazilka sector. Sadiqi border was named after the nearby shrine of Peer Sadiqi. People from both the countries, who had segregated during the partition of the country can meet and greet each other after the daily retreat ceremony," he said.

"Hundreds of residents visit the JCP daily to see the retreat ceremony, which is carried out by a thrilling parade by the Border Security Force (BSF) and the Pakistan Rangers.

"It has been proving to be a spectacular entertainment for the crowd," added Sandeep Gilhotra.

Gilhotra further said that if somebody comes to Fazilka and does not visit the North India's tallest Clock Tower and its beautiful complex brimming with lustrous and sparkling lights at twilight atop it, he misses the most beautiful view.

The Fazilka Clock Tower complex is the city's commercial as well shopping hub. It is also the first 'car-free zone.'

Fazilka's Clock Tower, designed by architect SD Wasan and built by the city's philanthropist Ram Narayan Periwal, is an example of the finest quality of masonry.

Another project which can be involved in tourism, can be Fazilka's famous footwear (Jutti) venture. Most of the politicians, bureaucrats and VIPs prefer to wear Fazilka Jutti.

Besides dozens of shops are stacked from floor to ceiling with these slippers in the Indira Market and in the Clock Tower vicinity.

The art of making colourful artistic and tilla embroidered jutti of Fazilka came along with the migrated people from Kasur area of Pakistan after the partition, who settled in Fazilka.

According to Asija, about 500 artisan families and their next generations are involved in the business.

"The popular Jhoomer dance of the state, which originated from Fazilka, Moora (a type of settee), waan and Munj (used in weaving beds in the rural areas) can also attract the tourists to the rural areas of this border sub-division," he added.

The GWAF is hoping that the Centre would give its nod, thus giving fillip to tourism in the area

http://www.tribuneindia.com/2011/20110118/bathinda.htm#6

IFFCO chief Jakhar dies in freak gunfire

Times of India, 18 January 2011
ABOHAR: Former Lok Sabha speaker Balram Jakhar's son and IFFCO chairman Surinder accidentally shot himself in the head and died on Monday when he was cleaning his revolver at his farm. The incident took place in Maujgarh village, 12 km from Abohar in Ferozepur district, police said. 

Surinder, 58, was an apolitical person and directors elected him chairman of the cooperative unopposed for four terms. The gun went off accidentally and the bullet pierced his head, police said, quoting Sandeep, son of Sat Narayan, a relative of the deceased. Superintendent of police Varinder Singh affirmed that the death of Surinder was accidental. 

The farmers' cooperative chief was dead by the time he was wheeled into the civil hospital at Abohar, senior medical officer Romesh Verma said. The police registered a case under Section 174 of the Indian Penal Code. The body was handed over to the family after autopsy. 

Surinder had asked his manager and an aide to leave for the farm office while he finished some work, a source said. His younger brother, Sunil Jakhar, who was in Ferozepur to attend a meeting of the Congress party when the incident took place, rushed to Abohar. Balram Jakhar, a senior Congress leader and also former governor of Madhya Pradesh, was in Delhi and left for Abohar immediately after he got to know of the tragedy. 

Surinder is survived by his wife, son Sandeep, who is district president of Youth Congress and a married daughter. He was involved with cooperatives for about three decades and is known for his work on agricultural and rural development. 

He was widely travelled and worked on ways to give farmers better financial returns through the cooperative movement. In 1987, he was elected managing director of the Fazilka Cooperative Society and became director of IFFCO, the country's biggest farm inputs cooperative, in 1988. He took over as the cooperative's youngest chairman in 1997. 

IFFCO chief Jakhar dies in freak gunfire - The Times of India http://timesofindia.indiatimes.com/india/IFFCO-chief-Jakhar-dies-in-freak-gunfire/articleshow/7308195.cms#ixzz1BM29FFPD

Zealous advocate of co-operative movement

ABOHAR: Born on April 5, 1953, in a prominent family of Congressmen, Surinder Jakhar remained apolitical throughout his life, though he started his career as a sarpanch of Panchkosi village in 1980. 

Jakhar, who chose not to follow in the footsteps of his father, Balram Jakhar, former Lok Sabha Speaker, and younger brother Sunil, who is an MLA from Abohar, was a graduate from DAV College, Punjab University, Abohar. He was actively involved in cooperatives for about three decades. During his long and illustrious career, he made significant contribution towards accelerating agricultural and rural development. 

A widely travelled person, he carried with him rich and varied experience in the field of agriculture and cooperatives. His zeal in solving and improving the financial position of rural people, particularly the farmers, and augmenting their income through cooperatives was the inspiration behind his joining the cooperative movement. 

Jakhar's dream comprised networking cooperatives all over the world to meet the various requirements of people at large for their economic betterment. In 1987, he was elected as the MD of Fazilka Cooperative Society and presently was enjoying his fifth term. 

He first became director of IFFCO in 1988 and then became the youngest chairman in 1997. He was serving his fourth term as chairman IFFCO. He was the founder chairman of IFFCO Tokyo general insurance company and also served as director Kribhco and Markfed. He was awarded best co-operator of the year in 2001 in a state-level function. He also became the director of International Co-operative Association (ICA) twice. 

Under Jakhar's leadership, IFFCO set new record of selling 112 lakh MT of fertilizers in 2008-09 and achieved an all-time record turnover of Rs 32,933 crore in 2008-09. IFFCO had earned a net profit of Rs 360 crore in 2008-09. 

During his tenure, IFFCO successfully forayed into the rural telecom sector by forming IFFCO Kisan Sanchar Limited, IFFCO Chattisgarh Power Limited in Power sector and became the first company in India to make a SEZ for farmers as IFFCO Kisan SEZ.

Saturday, January 15, 2011

Four children killed as train hits tempo

Ferozepur, Jan 15 (PTI) Four school children were killed when the tempo they were travelling in was hit by a passenger train at an unmanned level crossing near Theh Kalendar village in Punjab''s Ferozepur district amid dense fog this morning.

The tempo carrying the children developed some problem while it was crossing the track. When the driver of the tempo got out to push the vehicle, it was hit by the Fazalka-Ferozepur passenger train, DRM Ferozepur Vishwesh Chowbey said.

The driver escaped unhurt.The deceased school children included two boys, aged four and five years, and two girls aged around 8 years. They all belonged to Chandmari village in Fazilka sub-division.Police sources said there was dense fog in the morning due to which visibility was poor.

Friday, January 14, 2011

Women empowerment : Fazilka girls make it to armed forces

Chander Parkash/TNS
Fazilka, January 13

If given a chance, girls can make a mark in different fields! This is what the eves hailing from this town, have proved by joining the armed and police forces.

"So far, we have found a number of women hailing from Fazilka, have been serving in different security forces, educational institutions and making waves in the Bollywood and Indian television. Some of them have carved a niche for themselves in their respective fields," said Navdeep Asija, secretary (Administration), Graduate Welfare Association Fazilka (GWAF). These included Meeran Chadha Borwankar, IPS, first woman police commissioner of India, Nitu Bhattacharya (Thatai), Commandant, 88 Female Battalion (head of only women battalion in the country), Amrita Brar, PPS, AIG, Punjab Police and Lt Gurpreet Toor, Army Medical Corps and winner of the prestigious President's gold medal.

Other women, who have earned a place for themselves include Pushpa Hans, a noted actress and folk singer of yesteryear who has been given the Padam Shri, Mandira Bedi, a model, actress and television presenter and Shiju Kataria, a TV actress, he pointed out.

"This town became the first in Punjab where special functions are organised to celebrate Lohri on the birth of the girl child. This initiative was taken by a local NGO floated by the Sarhad Kesri newspaper about four years ago," he disclosed.

He said the GWAF had been honouring these achievers by bestowing the title of Fazilka Rattan on them by organising special functions every year.

Thursday, January 13, 2011

सात जाबांज निकले अनोखे मिशन पर

अमृत सचदेवा, फाजिल्का

देश में फैल रहे आतंकवाद को रोकने और पर्यावरण संरक्षण के लिए युवाओं का आगे आना चाहिए। जब तक हम अपने देश के प्रति जागरूक नहीं होते, तब तक देश के दुश्मन अपने मंसूबों में कामयाब होते रहेंगे। कुछ ऐसे ही विचारों के साथ 50 दिन की साइकिल यात्रा पर जम्मू से निकले हैं सिख रेजीमेंट के 7 जांबाज। अपनी इसी यात्रा के दौरान ये जवान फाजिल्का पहुंचे।

इस अवसर पर दैनिक जागरण से बातचीत में दल के मुखिया नायब सूबेदार गंगा प्रसाद व नायब सूबेदार गुरनाम सिंह ने बताया कि उनकी यात्रा तीन जनवरी को जम्मू से रवाना हुई थी। यह यात्रा पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश सहित करीब आधा दर्जन राज्यों से होते हुए 50 दिन बाद वापस जम्मू पहुंचेगी। इस यात्रा में 157 टेरीटोरियल आर्मी के 7 लोग शामिल हैं। नायब सूबेदार गंगाप्रसाद ने बताया कि यह जवान जहां-जहां से गुजर रहे हैं, वहां-वहां लोगों को टेरीटोरियल आर्मी ज्वाइन करने और पर्यावरण सुरक्षित रखने का संदेश दे रहे हैं। इसके तहत वनों को न काटने देने, जंगली जीवों की रक्षा करने व देश के प्रति प्रेम की भावना पैदा करने की प्रेरणा युवाओं को दी जा रही है। साइकिल रैली के सदस्य प्रतिदिन एक शहर पहुंचते हैं और सारा दिन वहां रैली निकाल लोगों को जागरूक करने के बाद सैन्य छावनी या शहर में किसी भी जगह पर स्टे कर अगले दिन आगामी लक्ष्य की ओर रवाना हो जाते हैं।

नायब सूबेदार गुरनाम सिंह ने बताया कि इस रैली से प्रेरित हो युवा सेना के साथ जुड़ने लगे हैं। उन्होंने बताया कि युवाओं में देश के प्रति जोश तो है, लेकिन सही मार्गदर्शन न होने के कारण वह सेना ज्वाइन नहीं कर पाते। ऐसे में उनकी रैली जागरूकता लाने में काफी मददगार साबित हो रही है।

Monday, January 10, 2011

कन्याओं की लोहड़ी मनाना पंजाब के लिए मिसाल: मास्टर स्वर्णा राम

जागरण संवाददाता, फाजिल्का

सरहद सोशल वेलफेयर सोसायटी ने रविवार को चौथा कन्या सम्मान समारोह मनाया। इस समारोह के माध्यम से भ्रूण हत्या व पर्यावरण के प्रति लोगों को जागरूक करने एवं कन्या की लोहड़ी मनाने का संदेश दिया गया। समारोह में मुख्यातिथि तकनीकी शिक्षामंत्री मास्टर स्वर्णा राम ने 151 नवजात कन्याओं के परिवारों को सम्मानित किया। उनके साथ पूर्व भाजपा प्रदेशाध्यक्ष बृज लाल रिणवा व एसडीएम अजय सूद उपस्थित रहे।

विधायक सुरजीत ज्याणी की अध्यक्षता व उनकी पत्नी निर्मला ज्याणी की प्रेरणा से आयोजित कन्या सम्मान समारोह में विभिन्न स्कूलों के विद्याíथयों ने भ्रूण हत्या के प्रति जागरूक करने के लिए कोरियोग्राफी व गीत प्रस्तुत किए। उसके बाद मुख्य मेहमान चौ. स्वर्णा राम ने 151 नवजात कन्याओं को उपहार प्रदान करने के साथ-साथ उनके अभिभावकों को सम्मानित किया। इस मौके पर समारोह में शामिल चार वर्ष तक की लड़कियों को कूपन जारी कर 11 ड्रा निकाले गए और उन्हे एफडी भेंट की गई। सोसायटी के अध्यक्ष राकेश नागपाल ने बताया कि सोसायटी बीते चार वर्षो से कन्या भ्रूण हत्या के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए कन्या सम्मान समारोह के रूप में एक प्रयास कर रहा है।

इस अवसर पर मुख्यातिथि मास्टर स्वर्णा राम ने कहा कि सोसायटी का प्रयास सराहनीय है। सरकार 13 जनवरी को प्रदेश स्तर पर ऐसा कार्यक्रम आयोजित करेगी। सोसायटी के सचिव सुरेन्द्र तिन्ना ने बताया कि इस समारोह में नगर परिषद अध्यक्ष अनिल कुमार सेठी, मार्केट कमेटी के चेयरमैन अशोक जैरथ, नगर सुधार ट्रस्ट के चेयरमैन महेन्द्र प्रताप धींगड़ा, ब्लाक समिति के चेयरमैन रणजीत ¨सह धालीवाल, बजरग गुप्ता, प्रेम कुलरिया, ट्रक यूनियन अध्यक्ष संदीप कालड़ा काली, आढ़तिया एसोसिएशन प्रधान दया कृष्ण सचदेवा, दीनानाथ सचदेवा, जगदीश सेतिया, डा. यशपाल जस्सी, डा. विजय सचदेवा, दीपू गुंबर, ओम प्रकाश खुराना, यूथ काग्रेस के ब्लाक अध्यक्ष रजम कामरा, आल इडिया सोनिया गाधी एसोसिएशन के जोन अध्यक्ष देवेन्द्र सचदेवा, कंवल धूड़िया, सेठ सुरेन्द्र आहूजा, एडवोकेट जयपाल ¨सह संधू, अतुल नागपाल, विजय छाबड़ा, केवल कृष्ण नागपाल, महेश मित्तल, मोहन लाल सचदेवा, गौरव झींझा, अश्वनी झाब गोल्डी, डा. रमेश गुप्ता, व्यापार मंडल के अध्यक्ष अशोक गुलबद्धर, दर्शन कामरा, बेरीवाला के सरपंच राजेन्द्र चुचरा, सूर्य प्रकाश सिहाग बतौर विशेष मेहमान के तौर पर शामिल हुए।

कार्यक्रम के बाद लोहड़ी जलाई गई जिसे मुख्यातिथि मास्टर स्वर्णा राम व विधायक सुरजीत ज्याणी की पत्‍‌नी निर्मला ज्याणी ने अग्नि प्रदान की। इस मौके पर छात्राओं ने लोहड़ी के गीत गाए, जिन्हें मुख्यातिथि ने एक हजार रुपये पुरस्कार लोहड़ी के रूप में प्रदान किए। आयोजन में पवन जुलाहा, बलजीत सहोता, अजय ठकराल, चाचा शगन लाल, पंकज धमीजा, रवि खुराना आदि ने पूर्ण सहयोग किया।

WOOLLENS DISTRIBUTED

FAZILKA
WOOLLENS DISTRIBUTED:
 The activists of the Graduate Welfare Association (Fazilka) distributed woollens to the needy students at the local Pratap Bagh here on Sunday. MC president Anil Sethi, GWAF president Umesh Chander Kukar, general secretary Navdeep Asija and retired principal Pritam Kaur were also present. Fazilka-based NRI Geetu Puri has sponsored the distribution of material in the memory of her grand- mother Sushila Devi Baghla.

एसोसिएशन ने जरूरतमंदों को बांटे गर्म कपड़े

जागरण संवाददाता, फाजिल्का

शहर की बेटी और अमेरिका निवासी गीतू पुरी की ओर से ग्रेजुएट्स वेलफेयर एसोसिएशन की ओर से जरूरतमंद लोगों व बच्चों को गर्म कपड़े वितरित किए गए। इस मौके पर दोपहर तीन बजे एक सादे समारोह का आयोजन किया गया। एसोसिएशन के सचिव नवदीप असीजा ने बताया कि गीतू पुरी की ओर से करीब 200 लोगों को उक्त सामान उनकी दादी सुशीला देवी बाघला की याद में दिए गए। इनमें चौकीदारों, इको कैब चालकों, स्कूली बच्चों, कूड़ा उठाने वाले बच्चों को गर्म शर्ट, वुलन टोपी, दस्ताने, मफलर व स्कूली बैग दिए गए। असीजा के अनुसार इको कैब के तहत आने वाले लोगों को कम दाम पर दवा एसोसिएशन का सहयोग करने वाले डाक्टर दे रहे हैं। इस मौके पर इको कैब को सहयोग देने वाले आखों के माहिर डा. बिनय बड़ियाल, डा. सुमित आर्य, डा. भागेश्वर स्वामी और डा. विवेक करीर के अलावा हैप्पी डिलाईट के संचालक हरिंदर सिंह हैप्पी को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में एसोसिएशन के पि्रंसिपल प्रीतम कौर, अध्यक्ष एडवोकेट उमेश कुक्कड़, सेठ सुरेंद्र आहूजा, विक्रम आहूजा, परमजीत सिंह, डा. रजनीश कामरा, डा. नवदीप जसूजा, संदीप अबरोल, लक्ष्मण दोस्त, एडवोकेट संजीव बांसल व अन्य मौजूद थे।

Ecocab making waves across the country

Fazilka, January 9
Ecocabs, the pollution free transport vehicle for intra-city transportation, which was introduced by the Graduate Welfare Association Fazilka (GWAF) about two years ago, are going to ply in almost all the cities of Punjab and Haryana within a few years.

The innovative project of the GWAF, considered to be an important initiative in the low-cost transportation system for the cities in the country, will be replicated in the cities of Punjab and Haryana as the Punjab and Haryana High Court desired the same to be implemented while disposing of a civil writ petition a few months ago.

"Now, more than five lakh rickshaw pullers will be benefitted by it. The GWAF has made a dedicated website for the eco-cabs, which contains all technical information on it and also on how to start an eco-cab and Dial-a-Rickshaw scheme in cities," disclosed Navdeep Asija, Secretary (Administration), GWAF.

The state government through its Punjab Heritage and Tourism Promotion Board and the district administration (Amritsar) had already implemented eco-cabs in Amritsar and subsequently 'The Patiala Foundation' of Patiala had implemented 'Green Cabs' in Patiala, he added.

"Letters from the principal secretary and financial commissioner of Haryana has been received to provide the technical know-how of 'Fazilka Ecocabs' so that the same would be implemented in Haryana at the earliest," Asija disclosed.

He said the cities like Panipat, Samalkhan and Gohana of Haryana would witness the introduction of eco-cabs in the initial stage. Last year, Punjab exhibited 'Ecocabs' as a sustainable mode of transport in its pavilion during the India International Trade Fair 2010, at Pragati Maidan, New Delhi and the Punjab pavilion bagged silver for the same.

"We feel a glow of pride when the eco-cabs introduced in a town like Fazilka, which could not develop much due to apathy of the authorities concerned and suffered a huge loss due to two Indo-Pak wars in 1965 and 1971, have been making waves throughout the country," he claimed.

Sunday, January 9, 2011

Jiyani ends fast amid protest by people

 Chander Parkash
Tribune News Service

Fazilka, January 8
Local BJP MLA Surjit Jiyani ended his fast unto death, that he started for getting district status for this town on January 5, amid sloganeering against him, the Punjab Government and Sanjha Morcha by people, here today.

Jiyani, Charan Singh, president, SAD, Fazilka circle, and Mohinder Partap Dhingra, chairman, Improvement Trust, who were observing a fast unto death at the clock tower, ended their agitation by taking glasses of juice after Tikshan Sud, Punjab Forest Minister, announced in the presence of hundreds of people that efforts would be made to accord district status to Fazilka by April 2011.

The moment Sud made this announcement, a large number of people, who have been continuously extending their support to the Sanjha Morcha, started raising slogans against the Punjab Government, Jiyani and Sushil Gumber, convener, Sanjha Morcha. Sher Singh Ghubhaya, MP, also assured people of getting district status for Fazilka.

Sud, who reached to this town last evening, held talks with members of the Sanjha Morcha and leaders of the local unit of the BJP till late night to sort out the crisis in which the party leadership found itself. Sud announced that the BJP leadership would make all-out efforts so that Fazilka could get district status by April 2011.

The announcement was readily accepted by Jiyani and hence he ended his fast unto death.

Meanwhile, a wave of disappointment gripped the residents of this town when the agitation came to an abrupt end.

However, the residents, who observed a complete bandh a number of times in the past 150 days and suffered economically, were agitated over the attitude of a section of the leaders and alleged that they had been cheated and their sentiments hurt.

On the other hand, fissures also appeared in the Sanjha Morcha, which conducted the agitation, when one of its members Parveen Dhanju, alleged that interests of Fazilka had been sold out by the leaders.

He said the Sanjha Morcha should not have ended its agitation without getting the district status for Fazilka.

Saturday, January 8, 2011

ISSUE OF DISTRICT STATUS : Agitation intensifies in Ferozepur, Abohar


Chander Parkash
Tribune News Service

Ferozepur/Abohar, January 7
While 11 members of the Zila Bachao Sangharsh Committee, Ferozepur, have started a chain fast in front of the Deputy Commissioner office to press the state government not to initiate any move to bifurcate Ferozepur district by carving out Fazilka as a district out of it, representatives of various organisations of Abohar, under the banner of the Sacha Morcha, staged a dharna in front of the SDM office for acceptance of the demand of granting district status to their subdivision.

Members of the District Bar Association, Ferozepur, along with representatives of different organisations, including trade bodies, today took out a march to lodge their protest against the proposed move of the Punjab Government to bifurcate Ferozepur district. They also jammed traffic at the Sher Shah Wali Chowk for hours together.

KD Syal, president, District Bar Association, Ferozepur, and convener, Sangharsh Committee, said their agitation would continue till the state government gave them assurance that Ferozepur would not be bifurcated.

On the other hand, representatives of various organisations, including the members of Bar Association, Abohar, today staged a dharna in front of the SDM office demanding that Abohar must be elevated to district without delay.

A section of SAD, BJP and Congress leaders, including Vijay Laxmi Bhadu, chairperson, Punjab Social Welfare Board; Gurtej Singh, MLA, Balluana; Sanjeev Godara, political adviser, SAD; Sandeep Rinwa and Sandeep Jakhar also joined the agitation. Rajnit Phore, secretary, Bar Association, Abohar, said the organisations fighting for the district status for Abohar had formed a Sacha Morcha comprising 15 members.

The morcha, led by NK Garg, president, Bar Association, would conduct the agitation. He said tomorrow the city would observe a bandh and the morcha would carry out a protest march across the town. Later, the morcha would stage a dharna at the Nehru garden of the town. The agitation would continue till the government accept their demand.

FAZILKA: The situation in this town became tense after a resident of Muthianwali village climbed a water tank and threatened to commit suicide if the state government failed to accord district status to Fazilka. However, before the situation could take an ugly turn, a team of policemen, along with other residents, managed to persuade him to come down.

The town observed complete bandh for the third day today on the call given by the Beopar Mandal, Fazilka. Only chemist shops and vegetable shops were opened.

Mohinder Partap Dhingra, chairman, Improvement Trust, Fazilka, today joined Surjit Jiyani, BJP MLA, and Charan Singh, president, SAD, Fazilka circle, in their fast unto death, which entered into the third day today.

However, Tikshan Sud, Forest Minister, Punjab, and Rajesh Bagha and Manjeet Singh Rai, both senior leaders of the BJP, who reached this town as representatives of the state government and the BJP, respectively, to take stock of the situation, said things had been moving in right direction as Badal had constituted a subcommittee in this regard.

Meanwhile, the Beopar Mandal has decided to continue its bandh tomorrow also.

Jiyani disappointed over attitude of BJP leaders

 Chander Parkash
Tribune News Service

Fazilka, January 7
Surjit Jiyani, local BJP MLA, who along with two other leaders is on fast to put pressure on the Punjab Government to accord district status to this border town, today expressed disappointment over the attitude of a section of the state party leadership in connection with the demand.

"Had a section of the BJP leadership taken up the issue connected with district status for Fazilka in the initial years of the SAD-BJP government, Fazilka could have been a district by now," said Jiyani while talking to TNS in the Clock Tower area here, where he is on an indefinite fast.

"I took up the matter of district status to Fazilka in the Vidhan Sabha time and again but it was ignored by those who were supposed to take notice of it," he claimed, adding that his fast would continue till the government accorded district status.

He declared that he had all respect for Chief Minister Parkash Singh Badal and Manoranjan Kalia. He had great hopes from these leaders that they would respect the sentiments of the residents of Fazilka and its surrounding towns and villages. He, however, failed to come out with a convincing answer when asked why he had not launched an agitation in the past four years for getting district status for Fazilka.

"Going on fast was the last resort for me when all other channels to get district status for Fazilka were exhausted. I have taken this step against the wishes of my party leadership as I want to make any sacrifice for this," he pointed out, adding he would abide by the decision of the Sanjha Morcha, which had been organising the agitation.

When asked what would make him end his fast, he said an announcement by the Punjab Government that Fazilka would be elevated to a district in a fixed time period would be adequate for ending the agitation.

He claimed the elevation of Fazilka to a district was on the agenda of the BJP leadership before last Assembly elections but the demand could not be pursued in a proper manner by a section of the party leadership.

Friday, January 7, 2011

Demand for district status to Fazilka opposed : Residents of Abohar, Ferozepur hold protest

Chander Parkash
Tribune News Service

Ferozepur/Abohar, January 6
An indefinite fast started by BJP MLA Surjit Jiyani and SAD leader Charan Singh at Fazilka on Wednesday to press the Punjab Government to accord district status to Fazilka triggered off agitations in Abohar and Ferozepur today.

Members of the Zila Bachao Sangarash Committee, Ferozepur, today blocked traffic at Sher Shah Wali Chowk and staged a dharna to lodge their protest against the state government's move to carve out another district from the existing boundaries of Ferozepur district. They also took out a protest march.

"From tomorrow, 11 members of the sangarash committee will start a relay fast in front of the Deputy Commissioner office. Traffic will also be blocked near the octroi post number seven. Their agitation will continue till Jiyani continues his fast," said KD Syal, president of the District Bar Association, Ferozepur.

Meanwhile, a section of members of the Bar Association, Abohar, today staged a dharna on the premises of the court complex to press the Punjab Government to accept their demand to elevate this subdivision to district. The Bar Association has also decided to continue their agitation till January 11.

NK Garg, president of the Bar Association, Abohar, said: "We have given a call to all organisations connected with farmers, traders, clubs, political parties, employees and professionals to join a dharna that will be staged tomorrow at the court complex here."

He said the Bar Association had already submitted a memorandum to the Chief Minister and the Deputy Chief Minister in connection with the demand of district status for Abohar, which was having the required infrastructure for getting this status.

हमें तो सिर्फ फाजिल्का जिला चाहिए


 Dainik Bhaskar, 7th January 2011
सांझा मोर्चा के सब्र का बांध आखिरकार बुधवार टूट गया। फाजिल्का को जिला बनवाने की मांग को लेकर भाजपा विधायक सुरजीत कुमार ज्याणी व अकाली दल बादल के सर्कल अध्यक्ष जत्थेदार चरण सिंह मरणव्रत पर बैठ गए। इससे पहले चौक घंटाघर में सुखमणि साहिब के पाठ व आर्य समाज की ओर से मंत्रोच्चारण किया गया। सांझा मोर्चा के सदस्य सुंदर आश्रम में एकत्र हुए। वहां से विधायक ज्याणी के नेतृत्व में भारी तादाद में लोगों ने रैली की और चौक घंटाघर में पहुंचे। उधर अकाली दल के सर्कल अध्यक्ष जत्थेदार चरण सिंह जयकारों की गूंज में गुरुद्वारे से मरणव्रत स्थल पर पहुंचे।

वहां उन्होंने अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला और मरणव्रत पर बैठ गए। इस मौके पर विशाल जनसमूह के बीच विधायक ज्याणी ने कहा कि फाजिल्का के लोगों का कर्ज वह बार-बार मरकर भी नहीं चुका पाएंगे। उन्हें मरणव्रत पर बैठने का कोई शौक नहीं था, बल्कि लोगों की उम्मीदों व भावनाओं से वह खिलवाड़ नहीं कर सकते। इलाके की भावनाओं को अवगत करवाने व सरकार से इलाके का बनता हक लेने के लिए मरणव्रत पर बैठे हैं। अकाली सर्कल प्रधान जत्थेदार चरण सिंह ने कहा कि जिस तरह एक बच्चा अपने बाप से हक मांगता है, आज उसी तरह मंै फाजिल्का को जिला बनाने के लिए मुख्यमंत्री प्रकाश बादल, उपमुख्यमंत्री सुखबीर बादल से फाजिल्का को जिला बनाने के लिए मांग करता हुआ फाजिल्का के हितों के लिए मरणव्रत पर बैठा हूं। 

एसजीपीसी के सदस्य जत्थेदार सूबा सिंह ने कहा कि सरकार के कानों तक आवाज पहुंचाने के लिए ऐसा कदम उठाना बहुत जरूरी था। सांझा मोर्चा के अध्यक्ष सुशील गुंबर ने कहा कि फाजिल्का को जिला बनाने के लिए आरंभ किए गया संघर्ष नया नहीं। आजतक किसी सरकार ने उसे बनता हक देने के लिए ध्यान नहीं दिया। इसके कारण आज फाजिल्का के लोगों को अपनी जान कुर्बान करने के लिए मजबूर होना पड़ा है। 

और कौन-कौन थे साथ

पूर्व विधायक कामरेड महताब सिंह, विधायक की पत्नी निर्मला, व्यापार मंडल के अध्यक्ष अशोक गुलबद्धर, एडवोकेट जयपाल सिंह संधू, गुरप्रीत सिंह संधू, जत्थेदार रछपाल सिंह संधू, जत्थेदार महिल सिंह राणा, नगर कौंसिल अध्यक्ष अनिल कुमार सेठी, एडवोकेट प्रवीन धंजू, जत्थेदार गुरजंट सिंह चिमनेवाला, मार्केट कमेटी के चेयरमैन अशोक जैरथ, नगर सुधार ट्रस्ट के चेयरमैन महिन्द्र प्रताप धींगड़ा, एडवोकेट उमेश कुक्कड़, अवतार सिंह कमालवाल, मृदुला शर्मा, कंचन शर्मा, भाजपा मंडल अध्यक्ष जगदीश सेतिया, महिंद्र सिंह खालसा, मेहर सिंह संधू, मेहर सिंह भंगू, शेर सिंह संधू, राय सुखजीत पाल सिंह एडवोकेट आदि मौजूद थे। 

विपक्ष के पलड़े में पूर्व विधायक रिणवा ने की विधायक ज्याणी की प्रशंसा

फाजिल्का & जिला बनाने की मांग पर विधायक और पूर्व विधायक की दूरी इस कद्र कम हो गई, मानो सावन के महीने में बादल धरती पर झुक गया। कांग्रेस के पूर्व विधायक डा. महिंद्र रिणवा भले की विपक्ष में हैं, लेकिन फाजिल्का को जिला बनाने के मुद्दे पर वह सांझा मोर्चा के साथ दिखाई दिए। बुधवार को उन्होंने भाजपा विधायक सुरजीत ज्याणी के मरणव्रत पर बैठने की प्रशंसा की।

उन्होंने कहा कि विधायक होने के नाते ज्याणी ने फाजिल्का की जनता से जो वायदा किया था, वह उसे निभा रहे हैं। इसके अलावा रिणवा ने कहा कि अपनी सरकार के रहते उन्होंने भी फाजिल्का को जिला बनाने के लिए आवाज समय-समय पर उठाई। चुंकि नया जिला बनाने की प्रक्रिया लंबी व काफी जटिल होती है, इसलिए ये काम सिरे नहीं चढ़ पाया व समय आने पर पुन: इस सिलसिले में आवाज उठाएंगे। उन्होंने स्पष्ट किया कि फाजिल्का अगर जिला बनता है तो इसमें विपक्ष में होने के नाते उनसे जिस किसी भी किस्म के सहयोग की अपेक्षा है, वह करने को तैयार हैं। उन्होंने भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष अश्वनी शर्मा और स्थानीय निकाय मंत्री मनोरंजन कालिया को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि वे फाजिल्का को जिला बनाने के हक में नहीं है। उन्होंने कहा कि दो दिन पूर्व संपन्न हुई पंजाब कैबिनेट की मीटिंग में फाजिल्का को जिला बनाने का मुद्दा उठाया जाना था, लेकिन मनोरंजन कालिया ने ऐसा नहीं होने दिया।

नए जिलों के चक्कर में फिरोजपुर के और टुकड़े हमें मंजूर नहीं

फिरोजपुर & उप-मंडल फाजिल्का को जिला बनाने की मांग को लेकर निरंतर रोष प्रदर्शन कर रही वहां की जिला बनाओ संघर्ष कमेटी के दबाव में आकर प्रदेश सरकार कहीं जिला फिरोजपुर के और टुकड़े न कर दे, इसके लिए जिला बचाओ संघर्ष कमेटी के आह्वान पर बार एसोसिएशन के तमाम पदाधिकारी और सदस्य वीरवार को कामकाज बंद कर हड़ताल पर रहेंगे। 

बार एसोसिएशन के सचिव मनीश खेड़ा ने बताया कि जिला फिरोजपुर के पहले भी कई टुकड़े हो चुके हैं लेकिन किसी भी राजनेता ने जिले को बचाने के लिए कोई ठोस प्रयास नहीं किए। उन्होंने कहा कि एक बार फिर जिला फिरोजपुर का हिस्सा काट कर फाजिल्का को जिला बनाने की जो योजनाएं तैयार हो रही हैं, उसके विरुद्ध अगर जिला निवासी एकजुट नहीं हुए तो वह दिन दूर नहीं जब यह जिला महज कस्बा बनकर रह जाएगा, क्योंकि पहले भी यहां व्यापार नाममात्र ही है। खेड़ा के अनुसार बार एसोसिएशन के अध्यक्ष केएस सयाल के नेतृत्व में वीरवार को नगर के समस्त समाजसेवी संगठनों के साथ विशेष मीटिंग की जा रही है जिसके पश्चात जिला बचाओ संघर्ष की अगली रणनीति तैयार की जाएगी। उन्होंने सभी नगरवासियों को इस संघर्ष में साथ देने की अपील की।

Thursday, January 6, 2011

Demand for district status :: MLA goes on indefinite fast

Chander Parkash
Tribune News Service

Fazilka, January 5
Local BJP MLA Surjit Jiyani and SAD circle president Charan Singh,
along with their supporters, today started an indefinite fast in front
of Clock Tower chowk here to press the government to accord the
district status to this border town.

This is for the first time that an MLA from the ruling alliance has
taken such an extreme step for getting the demand accepted. The fast
is the second phase of the agitation that was launched by the Sanjha
Morcha, Fazilka, on August 15 last year by starting a chain fast.

To express solidarity with the protesting leaders, all commercial
establishments, including chemist shops, remained closed on a call
given by the Beopar Mandal, Fazilka. The town will observe a complete
bandh tomorrow also.

Kin and members of the families of Jiyani and Charan Singh were with
them when they formally started fast after addressing a huge gathering
at the venue. Other prominent leaders of the area were also present on
the occasion.

Jiyani said he was ready to make any sacrifice to get the district
status for Fazilka, which had been denied to it by the successive
state governments.

Stating that he has urged Chief Minister Parkash Singh Badal and
Deputy Chief Minister Sukhbir Singh Badal to accept the genuine demand
of residents of Fazilka and its surrounding areas, Jiyani said he
would abide by the decision that would be taken in connection with him
by the Sanjha Morcha.

Charan Singh said the fast unto death was not against the Punjab
Government but it was for getting the district status for Fazilka.

Meanwhile, two rounds of talks that CM Parkash Singh Badal held with
Jiyani through Deputy Commissioner KK Yadav urging him (Jiyani) to
discuss the issue by sitting across the table in Chandigarh failed to
yield any positive result.

The CM has asked SAD and BJP leaders of Abohar, Fazilka and Jalalabad
to come to Chandigarh and discuss the issue. Sushil Gumber, convener
of the Sanjha Morcha, said a meeting of members of the morcha would be
held tonight or tomorrow to discuss the offer of the government and
take decision accordingly. He said indefinite fast by Jiyani and
Charan Singh would continue.

http://www.tribuneindia.com/2011/20110106/punjab.htm#5

Wednesday, January 5, 2011

तू रहे या न रहे तेरी शहादत आबाद रहेगी

दो भाई देश की रक्षा के लिए तैनात और घर से दूर नौकरी कर रहे तीसरे भाई की गैर मौजूदगी में मासूम सतनाम सिंह का बचपन माता पिता के प्यार में बड़े सुखद व मस्ती से गुजर रहा था। लेकिन कारगिल वार में देश की रक्षा करते हुए सीने पर गोली खाने वाले आर्मी जवान बलविंदर सिंह की शहादत ने सतनाम का जीवन बदलकर रख दिया। भाई की शहादत याद आने भर से सतनाम की आंखे छलक जाती है पर सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है।

चार जून 1979 को गांव साबूआना निवासी जीत सिंह के घर जन्मे बलविंदर सिंह 23 अप्रैल 1997 में फौज में भर्ती हुआ था। करीब डेढ़ साल देश की सरहद की निगेहबानी करने के दौरान छिड़े कारगिल युद्ध में बलविंदर सिंह पांच जनवरी 1999 को देश के दुश्मनों के साथ लोहा लेते हुए वीरगति को प्राप्त हुआ। तब बलविंदर का एक भाई दिल्ली में एनएसजी कमांडो और एक भाई बूटा सिंह दूरसंचार विभाग में कार्यरत था। ऐसे में माता पिता के पास रहकर उन्हें सहारा व हौसला देने की सारी जिम्मेवारी आन पड़ी 15 वर्षीय मासूम सतनाम सिंह पर। सतनाम ने अपने भाई की शहादत को माता पिता के लिए गमों का पहाड़ नहीं बल्कि उनका सहारा बन उन्हें अपने शहीद बेटे पर गर्व करने का अहसास भरा।

सरकार व फौज ने भी शहीद बलविंदर सिंह के परिवार को बनता मान सम्मान दिया। फौज की तरफ से ज्यादातर लाभ शहीद के परिवार को दे दिए गए हैं। राज्य सरकार ने शहीद की शहादत को सलामी देते हुए गांव साबूआना के सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल का नाम शहीद बलविंदर सिंह के नाम पर रख दिया। बाद में गांव से शहर आकर बसे शहीद के परिवार वाले क्षेत्र को शहीद बलविंदर सिंह नगर का नाम दिया गया। यही नहीं शहीद के छोटे भाई सतनाम सिंह जिसने कि अपने पिता के साथ मिलकर अपने बड़े भाई की चिता को अग्नि दी थी, को गांव करणीखेड़ा के सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल में नौकरी प्रदान की गई है।

सतनाम सिंह ने कहा कि जब भी कारगिल विजय दिवस आता है और गांव में उसके शहीद भाई के नाम से चल रहे स्कूल में शहीदों के लिए कोई समागम आयोजित होता है, तो उसका व पूरे परिवार का सीना चौड़ा हो जाता है। शहीद का बड़ा भाई बूटा सिंह जोकि अब माता पिता के साथ ही रहता है, को भी महज 20 वर्ष की उम्र में वीरगति प्राप्त करने वाले बलविंदर पर नाज है

BJP for bifurcation of Ferozepur, Gurdaspur districts

Chandigarh, Jan 5 (PTI) Ruling SAD ally BJP today advocated bifurcation of Ferozepur and Gurdaspur districts to ensure better administration and said Punjab Chief Minister Parkash Singh Badal had given a "positive response".

Addressing a joint press conference, senior BJP leader and Local Bodies minister Manoranjan Kalia and party''s state unit chief Ashwani Sharma said that Ferozepur and Gurdaspur were big districts and common people often have to travel long distances to get their works done at district headquarters.

"For example to travel to Ferozepur district headquarters from Abohar in that district, people have to travel about 120 km. Likewise there are many places in Gurdaspur from where people have to travel distances to reach the district headquarters," Sharma said.

Asked which places could be declared as the new districts, the two leaders said either Abohar or Fazilka in Ferozepur can be named as the new district while Pathankot in Gurdaspur granted a similar status.

Kalia also informed that he along with Sharma met Badal at his residence here this evening and he has given a "positive response" to the demand of carving out separate districts and offered to take up the issue sympathetically.

To a question, Sharma and Kalia said they supported the demand of a Sangarsh Samiti, which is spearheading cause for a separate district in Fazilka.

Kalia, however, felt that former state minister Surjit Singh, who has started his fast unto death supporting demand of a separate district, should withdraw from the fast.

He also said that this demand raised by them should not be linked with the 2012 Punjab Assembly polls.

Giving the example of Fatehgarh Sahib, Kalia said, "contrary to what some might think that having separate districts would further burden the economy, they will in fact, help in efficient governance and raise people''s faith in administration, which can become more responsive".

विधायक बैठे मरणव्रत पर


भाजपा की कमान मुझे निकाले चाहे नहीं, लेकिन मैं जनता के साथ हूं। यह बात मंगलवार को फाजिल्का को जिला बनवाने के लिए मरणव्रत पर बैठने से पहले विधायक सुरजीत ज्याणी ने कही। उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि अगर उन्हें कुछ होता है तो इसके बाद उनकी पत्नी निर्मला मरणव्रत पर बैठेंगी। इतना ही नहीं निर्मला ने भी अपने पति की बात पर पहरा देने की बात कही है।

विधायक ने कहा कि भारत-पाकिस्तान विभाजन से पहले फाजिल्का डिवीजन था, मगर विभाजन ने इसे तोड़ दिया। अब अगर फाजिल्का, अबोहर, जलालाबाद और बल्लूआना को मिलाकर जिला बना दिया जाए तो फाजिल्का सही जिला बनता है। पहले राज्य में जो जिले बनाए गए हैं, वो सभी लालच और स्वार्थ की भावना से बने हैं। विधायक के साथ कौंसिलाध्यक्ष अनिल सेठी, मार्केट कमेटी के चेयरमैन अशोक जैरथ, भाजपा मंडल अध्यक्ष जगदीश सेतिया, पार्षद डा. रमेश वर्मा भी थे।

इस मांग पर भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष अश्विनी शर्मा ने सांझा मोर्चा से संपर्क साधा और कहा कि इसके लिए लोगों को 10 दिन का और इंतजार करना पड़ेगा। वह पार्टी में ऊपर के लेवल पर बात करेंगे। मंगलवार को सर्व हितकारी स्कूल में प्रेस कांफेंस में संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा वह भाजपा मिनी जिले बनाने के पक्ष में हैं। यह पार्टी के चुनावी घोषणा पत्र में दर्ज है। इससे पहले एक बार तो वह चुप्पी साध गए। फिर उन्होंने कहा कि विधायक ज्याणी ने मरणव्रत के लिए पार्टी से कोई आज्ञा नहीं ली है। अगर इस बारे में पहले बताया जाता तो पार्टी इस पर विचार करती, लेकिन जब उन्हें याद दिलाया गया कि 3 साल पहले पार्टी की बैठक में पठानकोट और फाजिल्का को जिला बनाने का मुद्दा उठ चुका है कि वह अब अकाली दल से बैठक करके विचार रखेंगे। भाजपा सत्ता का हिस्सा है, नकि पंजाब में भाजपा की सरकार है। गठबंधन का धर्म है कि हर मांग पर बैठकर विचार किया जाए। स्थानीय निकाय मंत्री मनोरंजन कालिया की ओर से फाजिल्का जिला बनाने के खिलाफ कहने पर उन्होंने कहा कि उन्हें इस बारे में जानकारी नहीं है।

District HQ status sought for Fazilka : BJP MLA to go on fast-unto-death today

Praful Chander Nagpal

Fazilka, January 4
To get district headquarter status for Fazilka, local BJP MLA Surjit Kumar Jyani is scheduled to sit on hunger strike at the local Clock Tower tomorrow in the morning along with the SAD circle rural president Charan Singh. The family members of Jyani have announced to continue the fast-unto-death, in case anything untoward happens to Jyani.

Jyani, accompanied by his wife Nirmala, reiterated his resolve to sit on fast-unto-death at a press conference held here today at the local Sarv Hitkari Senior Secondary School.

He said in case his protest takes a tragic turn, his wife would go on fast-unto-death. Nirmala too responded in the affirmative to the media. She further said that if anything happens to her too, both their sons would also go on hunger strike.

Jyani addressed the press conference immediately after the visit of senior BJP minister Manoranjan Kalia and Punjab BJP president Ashwani Sharma.

During the conference, the media persons quoted the state BJP president Ashwani Sharma as having said that Jyani had not taken clearance from the party unit for sitting on fast-unto-death. Upon this, Jyani retorted that he has been elected to the Punjab assembly twice by the people of the Fazilka constituency and he considers it his foremost and prime duty to strive for achieving the interests 
of Fazilka.

In a related incident, Punjab BJP president Ashwani Sharma, while supporting the demand to accord the district headquarter status to Fazilka, appealed to the Sanjha Morcha (Fazilka) spearheading the agitation to give at least ten days time to the party to prevail upon the government to accept their demand, which he described as justified.

On the other hand, office-bearers and members of the Sanjha Morcha maintained that they have not received any such proposal as stated by the state BJP President Ashwani Sharma.

Tuesday, January 4, 2011

Say bye to bumpy rickshaw ride - Eco-friendly, safe rickshaws to ply on Amritsar roads

G.S.Paul/TNS

Amritsar, October 5
A quiet revolution is in the offing for users of public transport in the holy city of Amritsar. Unsafe cycle rickshaws will soon be replaced by specially designed eco-friendly cycle rickshaws, thanks to the state Tourism Department's initiative. In a first-of-its-kind feature, the new rickshaw will be equipped with a small FM stereo, fixed in an intelligently designed space beneath the roof. The control panel of the FM would be at the disposal of the passengers.

Made of a green steel frame, contrasting with a yellow canvas canopy, this rickshaw is an eco-friendly mode of transport. It is lighter in weight in comparison to the traditional rickshaws. The safety aspect is the highlight of the new model.

The approach to the passenger seat has been kept low. The two steps offer an advantage for elders, ladies and children. It has also been equipped with a seat safety belt and there is also a provision for a first-aid box kit, newspapers and a small trash box at the back to avoid littering on the road .

Additional luggage space under the passenger seat too would add to the comfort of the passengers.

Manufactured by a Delhi-based firm, the Punjab government has ordered 10 rickshaws at present. The vehicles are being assembled on the premises of the Red Cross Bhawan.

The Deputy Commissioner Amritsar, KS Pannu, elaborated on the detailing of the cycle rickshaw. The canopy has been designed in a way that it would give an impression of the heritage arch of the Khalsa College building. Unlike ordinary rickshaws, it weighs around 65 kg, against the 100 kg weight of existing ordinary rickshaws. The number wooden components used has been reduced. Hollow steel pipes have been used to frame it. Mango wood, which is lighter in weight has been used as a support beneath the seat and the backrest.

The idea of introducing new rickshaws was conceptualised by the Department of Tourism, Punjab, and the Amritsar administration. The services of Graduates' Welfare Association, Fazilka, were engaged to implement the project. The rickshawpullers were excited with the new venture and felt that their dream of owning a rickshaw could be fulfilled.

http://www.tribuneindia.com/2010/20101006/punjab.htm#6

Ecocab Now in Haryana-अब शहर में दौड़ेंगे इकोफ्रेंडली रिक्शा

पानीपत. पंजाब के शहरों की तर्ज पर पानीपत व समालखा में इको-फ्रेंडली रिक्शा चलाए जाएंगे। इन रिक्शाओं का अवलोकन करने के लिए नगर निगम का एक दल पंजाब के शहरों का दौरा करेगा। इसके बाद ही जिले में भी इकोफ्रेंडली रिक्शा चलाए जाएंगे। 

नगर निगम के कार्यकारी अधिकारी प्रताप सिंह ने बताया कि पंजाब के अमृतसर शहर में इको-फ्रेंडली रिक्शा चलाए गए हैं। इस रिक्शा में एफएम रेडियो, सीट बेल्ट, फस्र्ट एड बाक्स, पाठ्य सामग्री, डस्टबीन और अग्नीशमन यंत्र की सुविधा होगी। पटियाला शहर में पटियाला ग्रीन कैब नामक इसी प्रकार की इको-फ्रेंडली रिक्शाओं पर एक गैर-सरकारी संगठन पटियाला फाउंडेशन द्वारा कार्य किया जा रहा है। हालांकि फाजिल्का शहर में भी इस प्रकार की रिक्शा चलने शुरू हो गए हैं।

पटियाला शहर में इस प्रकार के रिक्शाओं के चालकों हेतु निशुल्क चिकित्सीय सलाह तथा अनुदान आधारित चिकित्सा के प्रबंध हेतू भी कार्य किया जा रहा है। पंजाब में इस प्रकार के अनूठे कार्य के दृष्टिगत हरियाणा में भी शहरी स्थानीय निकाय विभाग द्वारा इकोफ्रेंडली रिक्शाएं चलाने की दिशा में कार्यवाही के लिए सभी उपायुक्तों, सभी नगर निगमों, 
सभी नगर परिषदों व नगरपालिकाओं को कहा है


Monday, January 3, 2011

New Year gift for Fazilka Muslims: A mosque

Amrita Chaudhry
Posted: Mon Jan 03 2011, 00:47 hrs, Indian Express
Closed after bloodshed during Partition, first prayers were offered at the mosque on New Year's Eve

For the around 5,000 Muslim population of Fazilka, there could be a no better gift on the New Year. A mosque situated on the Sullemani Road in Fazilka was restored and reopened after a gap of almost 64 years. This mosque had been closed post-Independence, which was followed by a widespread bloodshed during Partition, and no prayers had been offered here ever since.

Usman Reham Ludhianvee, Officer, Religious Affairs, Wakf Board, said: "Nearly 2,000 mosques are lying closed in Punjab. Shahi Imam of Jama Masjid, Ludhiana, Maulana Habib Ur-Rehman Sani Ludhianvi had recently issued instructions according to which we identified all such mosques and are now in the process of reopening them. We have opened around 200 till now."

But the task is not all that simple. Usman explains: "This mosque in Fazilka is huge, and according to the revenue records, it was owned by more than one person. The largest portion was held by a Hindu, Ved Parkash, and a Sikh, Jaswinder Singh. Officials of the Wakf Board were asked to coordinate with district administration officials and find an amicable solution to the issue. Thankfully, the current owners of the place had not raised any structure there and they agreed to let us open the mosque."

Over 1,000 Muslims of Fazilka and nearby areas gathered at this mosque to offer prayers on Friday. A devotee said: "We did not have any place to worship. The first azaaan after Independence was heard from the top of this mosque today, which is a great feeling."

The gathering at the mosque thanked the residents of Fazilka for "helping restore this mosque". The building has broken down at places and we will soon initiate the process to repair them. The Wakf Board has given a grant of Rs 2 lakh for the purpose," said one of them.

Earlier in the year, mosques at Sarwar village near Ludhiana , Dhuri, Ajitwal and other areas were restored. While the mosque in Sarwar was rebuilt by an NRI, Sajjan Singh Ghuman, those in other places were reconstructed by the efforts of the locals.

Saturday, January 1, 2011

Cancer train remains as popular as ever

Bathinda (December 31, 2010 – Reproduced from "The Tribune"): Yet another year has passed but the number of patients boarding from here the infamous "cancer train" to Bikaner in Rajasthan for the treatment of the disease has increased, as the Punjab Government has so far failed to take remedial steps.

Besides cancer, other diseases have also taken roots in the area because of contaminated groundwater. The disease is not only confined to Bathinda but has also over the years spread its tentacles in the entire Malwa belt consisting of the districts of Muktsar, Faridkot, Moga, Barnala, Mansa and Ferozepur, where the patients were fed up of "hollow promises" of the Central and the state government.

The area has emerged as the epicentre of the disease and has come to be known as the cancer belt of Punjab.

The number of applications from patients for financial aid for the treatment was piling up in the office of the Chief Minister while the Union Health Ministry has "failed" to come out with some firm assurance on opening a super-speciality hospital for the treatment of the disease. The private sector hospital coming up here might remain out of reach for financially weak patients.

A series of studies conducted by the Chandigarh-based PGI, Bhabha Atomic Research Centre (BARC) and various other reputed institutions have indicated that drinking water being supplied particularly in the Malwa belt was a cancer cocktail as it was a combination of pesticides, heavy metals and fluoride. Besides cancer, this was causing serious deformities among children.

Residents of the Malwa belt believe that many people in the area became prone to cancer only after the Green Revolution was launched followed by the introduction of Bt cotton for which farmers indulged in an excessive use of pesticides and insecticides badly contaminating groundwater.

While the disease was on the rise, the officialdom of Punjab has somewhat remained "insensitive" to the issue that was troubling most households in rural areas. They were unable to furnish the exact number of cancer patients to a high-level team of the Indian Council of Medical Research (ICMR) that visited the districts of the Malwa belt recently to have a first hand information about causes for the spread of the disease. The team was specially dispatched by Union Health Minister Ghulam Nabi Azad on the request of Deputy Chief Minister Sukhbir Singh Badal and his wife and MP Harsimrat Kaur Badal, who met him in New Delhi with an SOS on the issue as 1,089 persons have lost their lives because of the disease in the past three years in the Bathinda parliamentary constituency.

Researchers have found very high level of uranium concentration in hair samples of children and also traces of heavy metals such as lead, cadmium, strontium and barium.

According to the data provided to Azad by Sukhbir, out of the 3,409 tests and 894 mammograms conducted in Bathinda and adjoining Mansa district, 46 cases turned out positive while 131 were rated suspects. The region has no diagnostic and treatment centre and sufferers have to travel to Chandigarh and Bikaner for the purpose.

According to official figures, as many as 2,218 cancer patients, including 1,355 women, were detected in Bathinda district within eight years till 2009, of which 1,347 had died.

Similarly, 1,058 patients suffering from cancer were detected in Mansa district, of which 695 succumbed to the disease during the same period.

Roko Cancer, an NGO, was engaged in holding camps to detect the incidence of cancer in various parts of the Malwa belt and also educating the rural folk about the early detection of the disease.

During recent camps in the three subdivisions of Ferozepur district, the NGO, after examining 2,996 persons, detected 102 patients of cancer in Ferozepur, Fazilka and Abohar.

Another NGO, Kheti Virasat Mission, has raised doubts about the data of cancer patients built by the Punjab Health Department and has demanded a scientific approach on the matter to prepare an authentic list, as the NGO suspects that the number of patients was more than what was claimed by the authorities.

The Centrally-funded ONCONET project for the districts of Bathinda, Muktsar and Sangrur has remained in the doldrums because of the "laxity" of the Punjab Government. The project would have provided the district hospitals a direct link with the PGI for the treatment of cancer patients. Azad had snubbed the Punjab Government for delaying the utilisation of Central grants for setting up regional cancer centres in Faridkot and Patiala medical colleges.

Another alarming factor that came to light during the year was the presence of uranium beyond the permissible limits in groundwater in the Malwa region. This was causing mental retardation, physical deformities and neurological problems among children in various areas.

The worst affected was Teja Rohela village near Fazilka in Ferozepur district where more than 100 children were congenitally, mentally and physically found challenged by an NGO working in the area.