Sunday, January 30, 2011

फाजिल्का में होगा पर्यटनस्थल विकसित

फाजिल्का के ऐतिहासिक स्थलों को केन्द्र सरकार का पर्यटन विभाग अब अपने हाथों में लेगा। इस बारे में सर्वे पूरा हो चुका है। इन स्थलों को विकसित करने के लिए जिला फिरोजपुर के डीसी कमल किशोर यादव ने पर्यटन विभाग को स्वीकृति के लिए रिपोर्ट भेज दी है। क्षेत्र के सभी ऐतिहासिक स्थलों को ओर विकसित करने पर करीब 75 लाख रुपए खर्च होंगे। ग्रेजुएट्स वेलफेयर एसोसिएशन फाजिल्का के सचिव नवदीप असीजा ने बताया कि फाजिल्का की सबसे पुरानी ऐतिहासिक इमारत रघुवर भवन, घंटाघर, आसफवाला शहीदों की समाधि, सादकी बार्डर, विरासत भवन, बाधा झील और गोल कोठी अगर पर्यटन स्थलों में शामिल होते हैं तो फाजिल्का ओर विकसित होगा। 

सादकी बार्डर है खास

पंजाब की भारत पाक सरहद पर स्थित वाहगा और हुसैनीवाला के अलावा फाजिल्का के सादकी बार्डर पर दोनों देशों की ओर से रिट्रीट सेरेमनी का आयोजन किया जाता है। जिसे देखने के लिए राजस्थान, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश से भी भारी संख्या में लोग आते हैं। यहां खासकर 15 अगस्त को हजारों की तादाद में दोनों देशों के लोग जमा होते हैं।

ये है विरासत भवन में

कबाड़ बन चुकी चीजों की संभालकर लैक्चरर पम्मी सिंह की ओर से लड़कों के सरकारी माडल सीनियर सेकंडरी स्कूल में विरासत भवन बनाया गया है। जिसमें 1928 के बाद की अधिकांश वस्तुएं और तस्वीरें सजाई गई हैं। स्कूल में ही ब्रिटिश सरकार की ओर से निर्मित गोल कोठी है। इसका निर्माण 1913 में किया गया था। 

ऐतिहासिक है घंटाघर 

ब्रिटिश सम्राज्य में 6 जून 1936 में तैयार राम नारायण पेड़ीवाल क्लाक टावर शहर के बीचो बीच निर्मित है। इसके उत्तर, दक्षिण, पूर्व और पच्छिम दिशा में मार्किट बनाई गई हैं। घंटा घर की खूबसूरती को देखते ही एक बारगी तो 21वीं सदी के भवन निर्माण कला माहिर भी दाद देते हैं कि ऐसी सुन्दर व अनूठी इमारत शायद ही कहीं हो। आलौकित सुंदरता से भरपूर घंटा घर की शोभा एक अचंभा है।

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