विधायक ने कहा कि भारत-पाकिस्तान विभाजन से पहले फाजिल्का डिवीजन था, मगर विभाजन ने इसे तोड़ दिया। अब अगर फाजिल्का, अबोहर, जलालाबाद और बल्लूआना को मिलाकर जिला बना दिया जाए तो फाजिल्का सही जिला बनता है। पहले राज्य में जो जिले बनाए गए हैं, वो सभी लालच और स्वार्थ की भावना से बने हैं। विधायक के साथ कौंसिलाध्यक्ष अनिल सेठी, मार्केट कमेटी के चेयरमैन अशोक जैरथ, भाजपा मंडल अध्यक्ष जगदीश सेतिया, पार्षद डा. रमेश वर्मा भी थे।
इस मांग पर भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष अश्विनी शर्मा ने सांझा मोर्चा से संपर्क साधा और कहा कि इसके लिए लोगों को 10 दिन का और इंतजार करना पड़ेगा। वह पार्टी में ऊपर के लेवल पर बात करेंगे। मंगलवार को सर्व हितकारी स्कूल में प्रेस कांफेंस में संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा वह भाजपा मिनी जिले बनाने के पक्ष में हैं। यह पार्टी के चुनावी घोषणा पत्र में दर्ज है। इससे पहले एक बार तो वह चुप्पी साध गए। फिर उन्होंने कहा कि विधायक ज्याणी ने मरणव्रत के लिए पार्टी से कोई आज्ञा नहीं ली है। अगर इस बारे में पहले बताया जाता तो पार्टी इस पर विचार करती, लेकिन जब उन्हें याद दिलाया गया कि 3 साल पहले पार्टी की बैठक में पठानकोट और फाजिल्का को जिला बनाने का मुद्दा उठ चुका है कि वह अब अकाली दल से बैठक करके विचार रखेंगे। भाजपा सत्ता का हिस्सा है, नकि पंजाब में भाजपा की सरकार है। गठबंधन का धर्म है कि हर मांग पर बैठकर विचार किया जाए। स्थानीय निकाय मंत्री मनोरंजन कालिया की ओर से फाजिल्का जिला बनाने के खिलाफ कहने पर उन्होंने कहा कि उन्हें इस बारे में जानकारी नहीं है।
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