सतलुज दरिया के दूषित पानी का प्रकोप झेल रहे गांव तेजा रूहेला की मुख्य समस्या का हल ढ़ूंढऩे में पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड भी जुट गया है। दरिया के दूषित पानी की जांच के लिए वीरवार बोर्ड के चेयरमैन रजत अग्रवाल अपनी पूरी टीम के साथ यहां पधारे। उन्होंने दो स्थानों पर दरिया और अधिक व कम गहराई वाले टयूबवैलों के पानी के सैंपल भरवाये। इसके अलावा लधुका ड्रेन के पानी के सैंपल भी भरे गये। इस मौके पर जिला फिरोजपुर के डीसी कमल किशोर यादव, प्रदूषण बोर्ड फरीदकोट और फिरोजपुर के एस.डी.ओ. दलजीत सिंह, सिविल सर्जन डा. डीपी गोदारा, एसडीएम अजय सूद, तहसीलदार अमरजीत सिंह, सिविल अस्पताल प्रभारी डा. वाईके गुप्ता के अलावा सिचाई विभाग के अधिकारी मौजूद थे।
एक दर्जन गांव हैं प्रभावित
दरिया के दूषित पानी का प्रकोप करीब दो दशकों से हो रहा है, जिस कारण गांव तेजा रूहेला और दोना नानका सहित करीब एक दर्जन गांव प्रभावित हो है। खासकर गांव तेजा रूहेला में दूषित पानी का प्रकोप सबसे अधिक है। जिस कारण यहां लगभग हर तीसरे घर में अपंग व्यक्ति है। यहां महिलाओं की कोख भी बंजर हो रही है। ग्रामीणों पर दूषित पानी का कितना प्रभाव है, इसका पता लगाने के लिए पहुंचे बोर्ड के चेयरमैन रजत अग्रवाल ने बताया कि वे बोर्ड की जिम्मेदारी को मद्देनजर रखते हुए यहां विशेषज्ञों की टीम सहित आए हैं।
सरकार ने बनाई कमेटी
अब मानसून का समय है और इस दौरान पानी के सैंपल लिए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि ग्रामीणों की समस्या का असल कारण क्या है? इस कारण पानी के नमूने लिए गए हैं, ताकि जिन गांवों में दूषित पानी का प्रभाव है। उन ग्रामीणों को सचेत कर सकें और वे सावधान हो जाएं। उन्होंने बताया कि इस मुद्दे पर प्रदेश सरकार की ओर से एक कमेटी बनाई गई है, जो सिर्फ इस मुद्दे पर कार्य करेगी। इससे पहले उन्होंने कावांवाली पुल से दरिया के काले रंग के पानी को देखा। इसके अलावा गांव के सरकारी प्राईमरी स्कूल में लोगों से बातचीत की गई। इस मौके पर सरपंच सोमा बाई, दोना नानका के सरपंच हरबंस ङ्क्षसह आदि मौजूद थे।
Friday, July 16, 2010
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