मानसून के मौसम में अरबों मिलियन लीटर पानी बेकार चला जाता है। इससे निजात पाने के लिए वर्षा जल संरक्षण को बढ़ावा देना जरूरी हो गया है। अगर देश में टिकाऊ विकास करना है तो गिरते भूजल को रोकना होगा। इस सोच को कामयाब करने के लिए फाजिल्का के सीनीयर एडवोकेट जयपाल सिंह संधू ने पानी रीचार्ज प्रोजैक्ट बनाया है। इसके जरिए पानी को समुचित मात्रा में रिचार्ज हो किया जा रहा है। भले ही यह प्रोजैक्ट छोटे स्तर पर शुरू किया गया है, लेकिन जल संरक्षण में काफी फायदेमंद साबित हो रहा है।
फिल्टर होकर धरती में समायेगा दूषित पानी
मानसून का मौसम है और बारिश का पानी पानी गलियों में खड़ा हो जाता है। यह सिस्टम निचले इलाके में बनाया गया है, ताकि बारिश और टीवी टावर कालोनी के करीब 500 घरों की नालियों और गलियों का पानी इसमें पहुंच सके। आगे सिस्टम दूषित पानी को साफ करके धरती के अंदरले हिस्से में पहुंचा देता है। इससे गलियों और नालियों में दूषित पानी जमा नहीं होगा और दूषित पानी से बीमारियां भी नहीं फैलेंगी। इसके अलावा सीवरेज सिस्टम जल्दी खराब नहीं होगा।
सरकार दे प्रोत्साहन
एडवोकेट संधू ने बताया कि जलवायू परिवर्तन दुनिया में चिंता का विषय बना हुआ है। भूजल गिरने के कारण ग्लेशियर पिंघल रहे हैं और नदियों में पानी कम हो रहा है। इन कारणों के चलते कहीं बाढ़ आ रही है तो कहीं सूखा पड़ गया है। अगर देश में ऐसे प्रोजैक्ट लगाये जाएं तो इन मश्किलों से छुटकारा पाया जा सकता है। इस मौके पर मौजूद ग्रेजूऐटस वैलफेयर एसोसिएशन फाजिल्का के सरंक्षक व ऊर्जा पुरूष डा. भूपिन्द्र सिंह ने बताया कि जलवायू परिवर्तन की चुनोती का सामना करने के लिए सरकार को ऐसे प्रोजैक्ट लगाने के लिए लोगों को प्रोत्साहित करना चाहिए।
कौंसिल देगी आधी हिस्सेदारी
नगर कौंसिल के अध्यक्ष अनिल कुमार सेठी ने भी इस प्रोजैक्ट को देखा है। उन्हें यह प्रोजैक्ट पसंद आया है। वह कहते हैं कि ऐसे प्रोजैक्ट लगाने वाले व्यक्ति को कुल खर्च का 50 प्रतिशत हिस्सा नगर कौंसिल की ओर से दिया जाएगा। कौंसिल की अगली बैठक में प्रस्ताव पास किया जाएगा।
Thursday, July 22, 2010
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