Jul 21, 11:08 pm
फाजिल्का-करीब छह हजार की आबादी वाले गांव कुहाड़ियांवाली के बाशिंदे को पेयजल मुहैया करवाने के लिए वाटर वर्क्स तक नहीं है। इतना ही नहीं, गांव के बच्चों की शिक्षा के लिए कोई हाई या एलीमेंट्री स्कूल भी नहीं है।गांव बुर्जा से पीने के लिए स्वच्छ पानी की सप्लाई की जा रही है, लेकिन रास्ते में कई जगह पाइप लीकेज होने के चलते ग्रामीणों को पर्याप्त पानी तक नहीं मिल पाता। गांव में एक सरकारी प्राइमरी स्कूल है, लेकिन शिक्षा पूरी होने के बाद बच्चों को एलीमेंट्री, हाई या उससे ऊंची शिक्षा प्राप्त करने के लिए आसपास के गांवों में जाना पड़ता है। सबसे ज्यादा परेशानी गांव की लड़कियों को हो रही है। इनके अभिभावक उन्हें पांचवीं के बाद पढ़ने के लिए दूसरे गांवों में भेजने से कतराते हैं। गांव तक नहरी पानी भी पर्याप्त मात्र में नहीं पहुंचता, जिसके चलते किसान जमीनी पानी पर ही निर्भर हैं जो कि मोटरों व जेनरेटर पर भारी राशि खर्च करना पड़ता है। गांव में छप्पड़ तो है, लेकिन गंदे पानी की निकासी का प्रबंध नहीं होने से छप्पड़ में महीनों जमा रहने वाला पानी बीमारियां फैलाने का कारण बन रहा है। भयंकर बदबू के कारण आसपास रहने वालों व उसके निकट से निकलने वाले लोगों का सांस लेना तक मुहाल हो जाता है।
गांव की खेल प्रतिभाओं को निखारने के लिए स्टेडियम का निर्माण तो करवाया गया है, लेकिन वह काम भी अधर में लटका होने के चलते सैकड़ों खिलाड़ियों को आगे आने का मौका नहीं मिल रहा। गांव में जिम के नाम पर हॉल तो बना दिया गया है, लेकिन उसमें सामान उपलब्ध नहीं करवाए जाने से लाखों रुपये की इमारत सफेद हाथी बनकर रह गई है। गांव की अधिकांश नालियां व गलियां भी कच्ची हैं। यहां तक कि श्मशानघाट को जाने वाली सड़क की हालत बेहद ही खस्ता है।
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