सुबोध वर्मा, फाजिल्का
सैनियां रोड पर नगर परिषद द्वारा ठेके पर दी गई कृषि भूमि से टाहली, पापुलर व नीम के दर्जनों पेड़ चोर काट ले गए। इनकी कीमत लाखों रुपये आंकी जा रही है। काटे गए पेड़ों के ठूंठ व निशान साफ नजर आ रहे हैं लेकिन नगर परिषद अध्यक्ष ने इस मामले की रिपोर्ट दर्ज करवाने की बजाए पेड़ गायब होने से ही इंकार कर दिया।
गौरतलब है कि जिस कृषि भूमि से यह पेड़ गायब हुए हैं, उस भूमि पर परिषद अध्यक्ष से जुड़ा एक भाजपा पार्षद खेती संबंधी कार्य कराता है। शनिवार को जब दैनिक जागरण ने मौके का मुआयना किया तो वहां काटे गए पेड़ों के ठूंठ साफ नजर आ रहे थे और कई जगह खोदी गई ताजी मिट्टी पेड़ काटे जाने की कहानी साफ बयां कर रही थी। दैनिक जागरण को मिली जानकारी के अनुसार जो पेड़ चोरी चुपके काटे गए हैं, उनमें से ज्यादातर टाहली, पापुलर व नीम के दरख्त हैं।
नगर परिषद की भूमि पर दरख्त काटे के जाने बारे एसडीएम अजय सूद व नगर परिषद अध्यक्ष अनिल सेठी को फोन पर जानकारी दी गई। एसडीएम ने नगर परिषद के ईओ को मौके पर जाकर जांच करने को कहा लेकिन करीब दो घंटे बाद नगर परिषद अध्यक्ष ने दैनिक जागरण को फोन पर बताया कि उन्होंने जांच करवाई है, वहां पर कोई भी दरख्त नहीं काटा गया।
करोड़ों के पेड़, पर गिनती नहीं
फाजिल्का: नगर परिषद के पास ढाई सौ एकड़ के करीब कृषि भूमि है। इसके चलते इसकी गिनती पंजाब की सबसे अमीर नगर परिषदों में होती है। इस भूमि पर टाहली, पापुलर, नीम इत्यादि के पेड़ लगे हुए हैं लेकिन इनकी गिनती व नंबरिंग न होने के चलते इस भूमि को ठेके पर लेने वाले लोग ही बगैर मंजूरी के चोरी से इन पेड़ों को काट ले जाते हैं। ठेके पर भूमि लेने वाले आम तौर नगर परिषद अध्यक्ष के करीबी होते हैं, इसलिए नगर परिषद अधिकारी व कर्मचारी ऐसे मामलों में सब कुछ जानते हुए भी कोई कार्रवाई नहीं कर पाते।
Tuesday, March 8, 2011
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