जब कभी चिपको आंदोलन का जिक्र आता है तो वृक्षों की रक्षा के लिए एक व्यापक जंग छेडऩे वाले समाजसेवी सुंदर लाल बहुगुणा का चित्र मस्तिष्क में घूमने लगता है, लेकिन फाजिल्का में बुधवार को इस अनूठे आंदोलन की शुरुआत की गई। इसे शुरू किया है समाजसेवी संस्था ग्रेजुएट्स वेलफेयर एसोसिएशन फाजिल्का ने। इसके साथ ही शहीद भगत सिंह स्पोट्र्स क्लब, फाजिल्का टवंटी-20 क्रिकेट एसोसिएशन, शहीद भगत सिंह यूथ क्लब और श्री गुरु गोबिंद सिंह यूथ क्लब ने भी इस कार्य में सहयोग देने की घोषणा की है। इस अभियान का समाजसेवी नेतृत्व कैप्टन एमएस बेदी ने किया। दरअसल मामला यूं है कि पुडा की ओर से बाधा झील किनारे और पुरानी एसडीएम कोर्ट के आसपास कॉलोनी बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसके तहत यहां 56 प्लाट काटे जाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। यहां करीब 450 हरे भरे पेड़ हैं और कॉलोनी निर्माण के वक्त यह पेड़ काट दिए जाएंगे। इससे खासकर फाजिल्का क्षेत्र को नुकसान होगा। इस नुकसान से बचने के लिए इन संस्थाओं के सदस्यों ने पेड़ों से चिपककर आंदोलन की घोषणा कर दी। एसोसिएशन के पदाधिकारियों एडवोकेट मनोज त्रिपाठी और कैप्टन एमएस बेदी का कहना है कि अगर पेड़ काटे गए तो वह आंदोलन तेज कर देंगे।
हाईकोर्ट में है केस
पुडा की ओर से यहां कॉलोनी निर्माण को रोकने के लिए फाजिल्का के जागरूक नागरिक नवदीप असीजा ने पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में केस भी दायर कर रखा है। इसकी अगली सुनवाई 21 मार्च है। इसके बावजूद पुडा ने 56 प्लाट काटकर बेचने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। 29 फरवरी को ही क्यों
इस अनूठे आंदोलन का आगाज लीप ईयर की 29 फरवरी को किया गया है। इस बारे में कैप्टन बेदी का कहना है कि 29 फरवरी 2012 की तारीख के दिन का आंदोलन लोगों की जुबान पर जल्दी चढ़ जाता है। हमें इस आंदोलन में लोगों का सहयोग चाहिए और उम्मीद है कि क्षेत्र के लोग इस आंदोलन के साथ जुड़कर पेड़ कटने का विरोध करेंगे।
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