8 दिसंबर की रात भारत-पाक युद्ध और भी गंभीर हो गया। अब तक युद्ध में पैदल और टैंक टुकडिय़ां ही लड़ रही थी, लेकिन पाकिस्तान ने अब वायुसेना का इस्तेमाल शुरू कर दिया। इसके जवाब में भारत ने भी वायुसेना का इस्तेमाल शुरू कर दिया। हालांकि इसमें पाकिस्तान का अधिक नुकसान हुआ था, लेकिन भारत ने वायु सेना का एक वीर पायलट कर्नल आरके दिवान को खो दिया। युद्ध में शहीद होने से पूर्व आरके दिवान ने दुश्मन सेना के छक्के छुड़ा दिए।
साबूणा नहर के पार दुश्मन की स्थिति मजबूत हो रही थी। दुश्मन को कमजोर करने के लिए भारतीय सेना ने भी वायु सेना को अकाश में उतार दिया। साबूणा नहर पर तैनात 18 अश्वारोही बटालियन और 3 असम बटालियन के जवान दुश्मन पर भारी पड़ते देख दुश्मन ने हमला तेज कर दिया। जवब में भारतीय सैनिकों ने भी हमले तेज कर दिए। दुश्मन घबरा गया और उसने वायु हमला शुरू कर दिया। इस समय पाक वायु सेना के दर्जनों लड़ाकू यान भारतीय मोर्चे पर आग बरसा रहे थे। इनमें हवा से हवा में मार करने वाले आधुनिक तकनीक की मिनी गन भी लगी हुई थी। पाक सेना का अधिक हमला साबूणा नहर के इस ओर मोर्चा संभाले बैठे 3 असम व 18 अश्वारोही बटालियन के जवानों पर था, क्योंकि यही से ही दुश्मन को मात दी सकती थी। मोर्चा संभाले बैठे भारतीय जवान जाफर अली, अब्दुल गफार साह, पृथी सिंह, दफादार सिंह, मेजर आरएस रंधावा, कपिल विज, डीएफआर उत्तम सिंह,सिपाही रामश्वर, नायक सुख राम, बलदान सिंह, लांस नायक राम सिंह, सिपाही महावीर सिंह, सिपाही हरबंस ङ्क्षसंह, हरपाल सिंह, हरि सिंह, सूबेदार खासी सिंह, बजरंग लाल, सिपाही तारा सिंह, लांस नायक राजिन्द्र सिंह, सोलियन झांगा, सिपाही सी खारा आदि जवानों ने अपने बंकरों से बाहर आकर दुश्मन पर हमला बोला। उन्होंने कई जहाजों को धरती पर बिछा दिया। वे अंतिम दम तक अपनी मातृ भूमि के लिए लड़े, लेकिन उन्होंने पीठ नहीं दिखाई और हंसते हंसते बलिदान दे दिया। लै. कर्नल आरके सूरी ने थल सेना के साथ हवाई सेना का भी प्रयोग शुरू कर दिया। लै.कर्नल आरके दिवान व मेजर आरएस रंधावा के नेतृत्व में वायु सेना ने पाक सेना पर हमला बोला। उनके नेतृत्व में कैप्टन कपिल विज पाक सेना पर टूट पड़े। इन्होंने तीन विमानों को धरती पर बिछा दिया। लेकिन खुद भारत माता की गोद में समा गए। इन अमर शहीदों की याद में आसफवाला में समाधि स्थल बनाया गया है और वार मेमोरियल में इन जवानों की शहीदी को ताजा रखने के लिए तस्वीरें सजाई गई हैं।
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