नरमा फसल की गुणवत्ता सुधार में टेक्नोलाजी मिशन आन काटन (टीएमसी) की लैब अहम भूमिका निभा रही है। फाजिल्का के काटन यार्ड में स्थित करोड़ों रुपये की लागत से तैयार यह लैब नरमे की गुणवत्ता सुधार किसानों को उसका अच्छा मूल्य दिला रही है। नतीजतन नरमा यहां पूरे देश की मंडियों से सर्वाधिक कीमत पर बिक रहा है।
उल्लेखनीय है कि टेक्नोलाजी मिशन आन काटन की ओर से फाजिल्का में करीब सवा करोड़ रुपये की लागत से काटन यार्ड का निर्माण किया गया है, ताकि मंडी में उड़ने वाली धूल से नरमे की गुणवत्ता प्रभावित न हो। साथ ही करीब 2 करोड़ रुपये की लागत से लैब में स्थापित मशीनरी नरमे की गुणवत्ता बढ़ाने में किसानों को पूर्ण सहयोग कर रही है। काटन यार्ड व लैब स्थापित होने से पहले अनाज मंडी में बिकने आने वाले नरमे के भाव व्यापारी ही गुणवत्ता के आधार पर तय करते थे। अब लैब में नरमे की हर क्वालिटी के प्रत्येक रेशे की जांच कर उसकी गुणवत्ता बताई जाती है। इससे किसान हक से नरमे का अधिक रेट व्यापारी से मांगता है और व्यापारी भी लैब रिपोर्ट के आधार पर अच्छा भाव देता है। हालांकि इस साल पाकिस्तान, चीन व पड़ोसी राज्य हरियाणा में नरमे की फसल नष्ट होने के कारण किसानों को भाव अधिक मिल रहा है, लेकिन गुणवत्ता के मुताबिक उचित मूल्य दिलाने में फाजिल्का की टीएमसी लैब भी पीछे नहीं है।
लैब प्रभारी रोशन लाल शर्मा ने बताया कि लैब में 60-60 लाख कीमत की 3 हाई वाल्यूम टेस्टिंग मशीनें स्थापित की गई हैं। इनमें डाले गए नरमे के सैंपल से नरमे के रेशे की लंबाई का पता चलता है। हाई वाल्यूम टेस्टिंग मशीन के आपरेटर सुखदेव कंबोज ने बताया कि रेशे के अनुसार ही नरमे का उच्चतम भाव तय किया जाता है। लैब के किसान सूचना केंद्र के इंचार्ज रविंद्र कुमार ने बताया कि लैब में एक टच स्क्रीन मशीन भी स्थापित की गई है। इसे मिशन द्वारा इंटरनेट के जरिए समय-समय पर अपडेट किया जाता है। इस मशीन से किसान मौसम के बदलाव, नरमे को लगने वाली बीमारियों, उसके कीड़ों की रोकथाम आदि की जानकारी खुद ही अंग्रेजी, पंजाबी व हिंदी भाषा में आसानी से प्राप्त कर सकता है।
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